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"इस दुनिया में नहीं मिल पाए, तो क्या हुआ ? मरने के बाद ऊपर ज़रूर मिलेंगे।" मौत के बाद जीवन में विश्वास रखने वाले कई प्रेमी जोड़े शादी नहीं होने पर यहीं सोचकर आत्महत्या कर लेते हैं।
मेरी तन्हाई का ईलाज ढूंढ रहा हूँ, मैं सब कुछ खोकर प्यार ढूंढ रहा हूँ, किसी पर यकीन बिल्कुल भी नहीं है, फिर भी किसी का विश्वास ढूंढ रहा हूँ, ..............................#Varman_Garhwal 21-05-2019, #वर्मन_गढ़वाल Last Time - 1586
रिश्तों के बंधन में कई ख्वाहिशें सदा के लिए दिल में दबी रह गई, अरमान बहुत थे लेकिन जिन्दगी दुनियादारी में उलझी रह गई, जीने के लिए सीखी हुई सारी बातें वक्त आने पर धरी की धरी रह गई, दुनिया की नज़र में बनी आदर्श छवि में जज़्बातों पर धूल जमी रह गई, चालाकी जीत रही हर मोड़ पर प्यार से, सच्चाई अंधेरों में घुटती रह गई, फरेबी हर खुशी पाकर मासूम कहलाते है ईमानदारी तन्हाई में रोती रह गई, जिस्म की चाहत वाले सब कुछ ले गए, प्यार की चाहत प्यार के लिए तरसती रह गई, ..............................#Varman_Garhwal 10-05-2019, #वर्मन_गढ़वाल Last Time - 1575
हमारे समय में स्कूल टीचर अपने स्टूडेंट्स को कहीं भी आवारागर्दी करते हुए देख लेते थे, तो पास जाकर बोलते थे, "तू स्कूल आ, फिर बताता हूँ तुझे।" आजकल के स्कूल टीचर अपने स्टूडेंट्स को स्कूल में आवारागर्दी करने के कारण कुछ बोल दें, तो स्टूडेंट्स कहते हैं, "तू बाहर आ, फिर बताता हूँ तुझे।" .............................#Varman_Garhwal 09-05-2019, #वर्मन_गढ़वाल Last Time - 1574
कभी-कभी लगता है, दुनिया में कोई नहीं है, तेज धूप से धरती जल रही है, आकाश तक आग की लपटें उठ रही है, दूर विरानों में तड़पती, जिन्दगी करती सवाल, इतनी बड़ी दुनिया में, क्या ख़त्म हो गया है प्यार, हर ओर सन्नाटा पसरा है, कहीं कोई आवाज़ नहीं है, जिन्दगी अपना अस्तित्व खो रही है, हवा जहरीली बनकर मौत बांट रही है, प्यार की राह पे चलती, जिन्दगी हुई लाचार, हर किसी के दिल में, क्यों बनी नफ़रत की दीवार, सब कुछ उजड़ा पड़ा है, आबादी की कोई आस नहीं है, पृथ्वी धीरे-धीरे फूल रही है, फटकर मिटने के लिए आतुर हो रही है, नफ़रत के साये में मरती, जिन्दगी रहती बेजान, इतने सारे इन्सानों से, कहाँ हुई इन्सानियत फ़रार, .............................#Varman_Garhwal 30-04-2019, #वर्मन_गढ़वाल Last Time - 1565
तुम्हारी चुड़ियों की खनक से कभी सुबह होती थी जब तुम चाय लिए हाथ में डांट कर मुझे जगाती थी मैं बड़े नखरे करता उठने में जिससे हर रोज तुम परेशान होती थी, मेरा दिन बड़ा अच्छा गुजरता, जब सुबह-सुबह तुम मुझसे लड़ती थी, मैं देर लगाता ऑफ़िस के लिए तैयार होने में तुम आलसी बोलकर ताना मारती थी, मुझे बोलने से रोककर नाश्ते का आदेश देते देखकर तुम्हें, मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी, मैं सवाँरता खुद को आईने के सामने, तुम आकर मेरे बाल ठीक करती थी, अपने पास बिठाकर नाश्ते के साथ दूसरी औरतों से दूर रहने की हिदायत देती थी, मुझसे किसी की तारीफ़ सुनकर तुम्हें जलती देखकर मुझे मन में बहुत हँसी आती थी, मुझ पर शक नहीं बस लोगों से डरती हो, हर रोज गले लगा कर प्यार का विश्वास दिलाती थी, दिन में दस बार चाय से लेकर खाने तक हाल पूछना तुम्हारी रोज की आदत थी, हर बार मुझे बच्चे की तरह समझाती इसलिए तुम कभी-कभी मुझे अखरती थी, घर के लिए निकलते ही याद करता, आज मैडम की फरमाइश क्या थी, घर का राशन खरीदकर घर आता, हमेशा तुम दरवाज़े पर खड़ी मिलती थी, कुछ कमी जरूर रखता, जो तुम्हें खरीददारी सिखाने का बहाना देती थी, चाय के साथ बहस के बहाने पास बिठाकर तुम्हें छेड़ने की आदत बन गई थी, जब भी तुम चुप होने लगती, मेरी जुबाँ कोई नई शिकायत तलाश करती थी, कितना अजीब पति मिला तुम्हें जिसको पत्नी से झगड़े बिना शाम उदास लगती थी, तुम प्यार से खाना बनाकर मुझे आवाज़ लगाती हुई बड़ी प्यारी लगती थी, नाटक करने पर अपने पास बिठाकर एक ही थाली में दोनों का खाना परोसती थी, अब प्यार से दिन भर की सारी बातें हाथों में हाथ लेकर मुझे समझाती थी, चाहें कितना भी लड़े हम बस तुम कभी दूर मत जाना, यहीं बोल कर रोज गले लगाती थी, वो लम्हें बड़ी जल्दी गुजर गये जब हर सुख-दुःख में तुम हमेशा साथ रहती थी, अब बुढ़ापे की दहलीज पर खड़े होकर याद आया तुम मेरा कितना ख्याल रखती थी, हर मुसीबत में सीने से लगाकर माथे को चुम अपने आँचल में तुम सुलाती थी, तोड़कर बंदिशें मिले फिर दूबारा हम जैसे पहले मोहब्बत की घटाए बरसती थी, जिन्दगी में हर कदम पर बहुत से कर्ज़ उतारने के लिए साथ मिलकर तुम चलती थी, जिन्दगी में कुछ मेहमान आये, जिनके लिए हर फ़र्ज निभाने में तुम बराबर साथ रहती थी, सबकी ख्वाहिशें पूरी हो गई, चलो अब मुस्कुराओ जैसे पहले खिलखिलाती थी, तुम्हारे लिए जीने का जुनून ख़त्म नहीं हुआ, बस तुम बोलो जैसे पहले हक जताती थी, अपने अरमान जगाकर खुद को निखारों सवाँर कर जैसे पहले तुम सजती थी, फिर से खिलकर मेरे साथ महकाओं जिन्दगी को जैसे पहले तुम चहकती थी, उम्र के साथ हौसला नहीं गया जीने का, तुम बढ़ाओ हाथ जैसे पहले थाम लेती थी, चलो आओ लौटकर वापस प्यार के उन पलों में जब जिन्दगी बहुत खुबसुरत लगती थी, .........................#Varman_Garhwal 1-8-2016, #वर्मन_गढ़वाल Last Time - 563
हम किसी शहर या राज्य में जाते हैं, तो वहाँ के लोगों से वहाँ के बारे में अक्सर कुछ लाइन सुनने को मिलती है। जैसे कि - दिल्ली - ये दिल्ली है, दिल्ली ! यहाँ जीगर(कलेजा या दिल) हाथ में लेकर चलना पड़ता है। पंजाब - इसे पंजाब कहते है। यहाँ बोलते नहीं है, गरजते है। लखनऊ - जनाब, ये लखनऊ है। यहाँ ज़लील भी बड़े अदब से करते है। जयपुर - ये जयपुर है, जयपुर ! यहाँ सब कुछ नकली है। जहर भी देंगे, तो नकली। खाएगा मरने के लिए। और बीच में ही लटक जाएँगा। गुजरात - ये है गुजरात। यहाँ फायदे के बिना कोई मज़े भी नहीं लेता। मुम्बई - ये मुम्बई है। यहाँ ढीले लोगों का कोई काम नहीं है। गोवा - ये गोवा है। यहाँ जिन्दगी का मतलब है, इंजॉयमेन्ट।" बैंगलोर - बैंगलोर कहते है इसे। यहाँ सब कुछ टेक्नीकल होता है। मैसूर - ये मैसूर है। यहाँ सबको सब कुछ परफेक्ट चाहिए। चैन्नई - चैन्नई कहते है इसे। लाइफ में कुछ भी हो, इधर सबको मस्त रहना है। आपके शहर या राज्य में आप या आपके शहर या राज्य के लोग अपने शहर या राज्य के बारे में इस तरह की कोई लाइन बोलते हैं ?
सारी रात मैं कल सोया नहीं, तुम्हारी याद में लेकिन रोया नहीं, क्योंकि अच्छी तरह मुझे मालूम है, अब आँसू पोंछने वाला कोई पास नहीं, ..............................#Varman_Garhwal 05-04-2019, #वर्मन_गढ़वाल Last Time - 1540
मुझसे कुछ शिकायतें हमेशा बाकी रखना, तुमसे झगड़े का कोई बहाना बाकी रखना, हम बिछड़कर तुमसे जी नहीं पायेंगे, मुलाकातों के बहाने हमेशा बचाए रखना, ..............................#Varman_Garhwal 27-03-2019, #वर्मन_गढ़वाल Last Time - 1531
आप जान लीजिए, जो बातें मैं इशारों में कहता हूँ, आपके लिए जागती, आँखों से कुछ ख़्वाब देखता हूँ, फैसला आपको ही करना है, मुझे चुनना है या ठुकराना है, आपके पास बहुत रास्ते हैं, मुझे तो सब कुछ बनाना है, मैं अभी तक शून्य हूँ, कहीं भी जा सकता हूँ, कुछ भी कर सकता हूँ, ये जान लीजिए, अन्जानी बातों में, जो आपसे कहता हूँ, मेरा कोई विश्वास नहीं है, मेरा कोई अरमान नहीं है, जो दुनिया के लिए है, मेरे वो मुकाम नहीं है, मेरे पास सिवा प्यार के, आपके लिए कुछ भी नहीं है, ................................#Varman_Garhwal 25-03-2019, #वर्मन_गढ़वाल Last Time - 1527
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