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Mukesh Verma

Mukesh Verma

@mukku.verma


फैकल्टी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के दौरे पर हुईं नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पुरानी यादें ताजा


बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी बहुमुखी प्रतिभा के बादशाह हैं। थिएटर से अपनी जड़ें जमाने के बाद एक्टर ने अपने अभिनय कौशल को कोर से पोषित किया हैं जो उनकी फिल्मों में उनके एक्सीलेंट परफॉर्मेंस में झलकता है। हाल ही में, नवाज ने गुजरात में अपने फैकल्टी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स एकेडमी का दौरा किया, जहां से उन्होंने परफॉर्मिंग आर्ट्स में अपना सफर शुरू किया था। एकेडमी की गलियों से गुजरते हुए, यह वास्तव में उनके लिए एक नोस्टैल्जिक ट्रिप साबित हुआ जहां उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित किया और उनसे अपार प्यार और सम्मान हासिल किया।


नवाज़ुद्दीन ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा की जिसमें फैकल्टी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स एकेडमी के उनके दौरे के कुछ अनमोल पलों को कैप्चर किया गया है। एकेडमी से अपने अच्छे पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने स्टूडेंट्स को स्पीच दी और वह पल बहुत गर्मजोशी और भावनाओं से भरा हुआ था। उन्होंने अपनी इस भावना को जाहिर करते हुए कैप्शन में लिखा-


"एक जन्म भूमि, एक कर्म भूमि और एक कर्म को जन्म देने वाली भूमि - गुजरात ।

एक साधारण से Science के विद्यार्थी के अंदर Artist को जगाने वाला और रंगमंच की दुनिया से अवगत कराने वाला शहर - बड़ौदा ।

यह वह जगह है जहां मैंने पहली बार किसी ड्रामा में परफॉर्म किया था। यहीं से मेरी शुरुआत हुई @faculty.of.performing.arts.msu

इस प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को स्पेशल धन्यवाद।"


काम के मोर्चे पर, नवाज़ुद्दीन के पास फिल्मों का एक दिलचस्प लाइनअप है जिसमें जोगीरा सारा रा रा, नूरानी चेहरा, हड्डी, टीकू वेड्स शेरू और अदभुत जैसी फिल्में शामिल हैं।

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अकाल फिर पड़ेगा....

उमस इतनी की दम घुट जाए
जमूरा ~उस्ताद आज खेल नही दिखाना।
मदारी~(भारी मन से)नही आज उमस बहु ज्यादा है।
जमूरा~वजह क्या?
मदारी~ बरसात में बर्बाद किसानो को जो मदद के नाम पर 60 मिले हैं उसी की उमस है।
(मदारी की बात सुन सन्नाटा पसर गया था जमूरे मुंह से शब्द नही निकल रहे थे)
जमूरा~(लगभग चीखते हुए) उस्ताद! वह देखो कुछ किसान जिनके चेहरों पर मिट्टी की दरारे पड़ी है....और दर्द से चीखते हुए इधर ही अ रहे है
आवाज़े ~बनाओ घर खाओ मिटटी ......अब अकाल पड़ेगा
(धीरे धीरे आवाज़ शांत होती चली जाती है)
जमूरा - उस्ताद , लगता है वह फिर आ रहा है
मदारी - "वह"कौन ?
जमूरा - वही उस्ताद, वही जिसके आगे सब घुटने टेक देंगे जाति, धर्म के बंधन फेंक देंगे ।
मदारी - तू पागल हो गया है ,तेरा इलाज़ कराना पड़ेगा ऐसा कुछ नही होगा अफवाह मत फैला ।
जमूरा - अकाल आ रहा है सब बंधनो से मुक्त कटने सबके कष्ट हरने।
मदारी - कुछ ज्यादा ही बोल रहा है। जा सो जा..।
जमूरा - उस्ताद अब मशीने काम नही करेंगी जानवर घूमेगा बाहर,आदमी घर मे ..
(तभी एम्बुलेंस की आवाज़ आती है )
मदारी - यह आवाज कैसी साइरन की
जमूरा - उस्ताद पुलिस आ रही है ,आपको लेने आपका मुह बहुत बड़ा है भोंपू की जगह इस्तेमाल होगा।
मदारी - तू ऐसे नही सुधरेगा,अकाल में भी ठिठोली करता है ।
जमूरा - उस्ताद,सरकार भी तो ठिठोली करती है वेंटिलेटर की जगह हथियार खरीदती है ..
(तभी गाड़ी जमूरा मदारी के घर के पास से गाड़ी गुज़रती है और एनाउंस करती है)

आवाज़ - सभी लोग अपने घरों में ही रहे और हिंदी फिल्मों का आज से आनंद ले सभी समाचार चैनलों पर रोक लग गयी है सिर्फ दूरदर्शन ही चलेगा ..।
(एनाउंस होने के बाद दूरदर्शन की पुरानी धुन फिर से गूंजने लगती है )

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