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हीर- हीर कहते हीर हुआ है तू........❤ या रांझा-रांझा कहते रांझा हुई हूँ मैं.......❤ क्या हम दोनों एक रंग में रंग गए हैं.....❤ ऐसा रंग जिसे छुड़ाने को जी ना चाहे.....❤ क्या यही प्यार है❤ क्या यही प्यार है❤
घर का शांत माहौल उन्हें पसंद ना था तो कल तोहफे में उन्होंने हमें पायल पहना दी
फूल तो बहुत देखे है पर गुलाब सा नहीं दोस्त तो बहुत देखे है पर खुद सा नहीं -Misha
साया बनकर साथ चलेंगे इसके भरोसे मत रहना अपने हमेशा अपने रहेंगे इसके भरोसे मत रहना -Misha
हम जो सोचते है हम जो चाहते है वो जिंदगी हमें कभी देती नहीं ये उसूल है जिंदगी का साहब -Misha
इंतजार में बैठे हैं उसके जिसको कभी आना ही नहीं होता
कोई तो हो जो मुझे हर गम से बचाए कहे मुझसे कि तुम क्यों आँसू छुपाये बैठी हो बह जाने दो इन्हें कोई तो हो जो सुने मेरे दिल की बात मुझसे भी पहले कहे मुझसे तुम्हारा दिल सिर्फ तुम्हारा नहीं उसपर मेरा नाम लिखा है कहे मुझसे दर्द जो छुपा रखा है इस दिल में अपना सा लगता है मुझे कहे मुझसे सारे जहाँ की बात भूल कर सिर्फ महसूस कर उस पल को जब आँखों ने आँखों से बात की थी कोई तो हो जिसके कंधे पर सर रखूँ और भूल जाऊँ दुनिया को याद रहे तो बस उसकी मेरी वो प्यारी मीठी बातें कहे मुझसे इन कंधों पर बिखरी तुम्हारी जुल्फें एक साया है मुझपर तुम्हारा जिसे हमेशा मैं अपने पास रखना चाहूंगा कहे मुझे हाँ इश्क है मुझे तुमसे हाँ इश्क है मुझे तुमसे
बता नहीं सकती कितनी परेशान हूँ मैं कभी जानने की कोशिश की है तुमने कि कितनी परेशान हूँ मैं तुमने तो कभी समझा ही नहीं मुझे हमेशा अपने में ही मगन रहे तुम कुछ कहना तो दूर की बात है दिल की बात समझ ही नहीं पाए तुम हमेशा अपने में ही मगन रहे तुम अब कुछ कहना नहीं कुछ सुनना नहीं बस इतनी सी बात है तुम भी खुश रहो हम भी जो कुछ भी हमारे बीच था वो प्यार था या नहीं पता नहीं लेकिन अब इतना पता है ये प्यार दुबारा होगा नहीं
नक़ाब में भी पहचान लेते हो हज़ारों के बीच........ हमने मुस्कुराकर कहा....... तुम्हारी आँखें देखकर ही इश्क किया तुमसे हज़ारों के बीच..
जो गर्मियों की शाम में हवा का इक ख्याल है वो प्रेम है सवाल के जवाब में अजीब सा सवाल है वो प्रेम है जो सर्दियों की धूप में सुकून का एहसास है वो प्रेम है जो भीड़ में भी गुम ना हो जो खर्च करके भी कम ना हो वो प्रेम है, वो प्रेम है
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