Quotes by manisha sharma in Bitesapp read free

manisha sharma

manisha sharma

@manishasharma114918


मझे तुमसे कितना है प्यार यह मैं नहीं , मेरी रुह जानती ।

तुझ में बसी है मेरी जान यह बात मै नही , मेरी रूह जानती ।

जाने क्या रिश्ता है , क्या नाता है , सदियों से तुमसे यह बात मैं नहीं, मेरी रूह जानती ।

तुम से बिछड़ कर कैसी होती है , यह वेदना यह बात मैं नहीं मेरी रूह जानती ।

जाने कब होगा यूं रूह से रूह का मिलन यह बात मैं नहीं ,मेरी रूह जानती।

-manisha sharma

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लाल लाल पीली पीली हरी हरी बिंदिया हर औरत के सुहाग का प्रतीक है बिंदिया माथे पर लग कर चार चांद लगाए बिंदिया हर औरत के सुहाग की निशानी है बिंदिया औरत की श्रृंगार दानी में प्रधान है बिंदिया हर औरत का दीदार है बिंदिया

-manisha sharma

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सावन आया
काले कजरारे बादल लाया वर्षा की झड़ी लगी चारों ओर , ताल तलैया भरे सब और, मेंढक पपीहे कोयल का चारों और शोर।

मिटटी की भीनी खुशबू फैली सब और ,बाग बगीचों में महके फूल सब और, भ्रमरो की गुंजार फैली सब और ।

झुकी हुई है डालियां चारों ओर फूलों से हिल मिलकर सखियां झूम उठी गीतों से ,चारों ओर छाया मस्ती का नया तराना है ,अब भादो को भी उमंग से आना है ।

सब की तपन मिटाये सावन, परदेसी पिया की याद दिलाए सावन।

-manisha sharma

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आप आए बाहर आई आपको देखकर इन आंखों में मदहोशी छाई।
आप आए बहार आई।

छू कर देखा आपके लबों को छूने से इन अधरों पर फुहार आई आप आए बहार आई ।
छुआ जब आपके इन काले केशों को तो एक तरह की बेहोशी छाई आप आए बहार आई ।
मन करता है छुप जाऊं
तेरे आंचल में झूमू नांचू गाऊं दुनिया का हर गम भूल जाऊं।
सोते जागते हर पल हर सपने में तेरी सुंदर छवि छाई आप आए बहार आई

-manisha sharma

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