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कहानी : You are my Orchid! "....वह परछाई बेहद हल्के कदम से आगे की तरफ बढ़ती पर उसके हर कदमों पर किसी अन्य इंसान की आंखें स्थिरता से टिक जाती। झाड़ियों की आवाज भी आने लगी थी, इसलिए मष्तिष्क उस आवाज को ही सुनने में मग्न था। झाड़ियों में छिपा हुआ वह बलशाली इंसान जिसकी आंखें सफेद खड़ी जैसी थी वह अब धीरे-धीरे उस परछाई की तरफ बढ़ने लगा....." Website : laxmisawai.com Google search : Laxmi Sawai इस कहानी को पढ़ने के लिए वेबसाइट पर विजिट करें।
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ईश्वर ने हमारे पीछे हमारी परछाई लगाई है, वह हमेशा हमारे साथ रहती है। हमारे अच्छे-बुरे हर कर्म को देखती है, यह ईश्वर की वही माया है जो हमारे कर्मों का हिसाब रखती है। इसलिए बुरे कर्म करने से पहले अपनी परछाई से जरूर डरो। -लक्ष्मी सवाई
ज्यादती मची हैं जिंदगानी में भारी दिल मुझसे संभला नहीं जा रहा, ये खुदा किसी किरदार में तो मिल जा मुझे आज तुझसे बात किए बिना मुझसे रहा नहीं जा रहा, अपने दोस्तों से जिक्र करते हैं मेरा की "नफरत करता हूँ उससे फिर भी क्यों, उसका सामने होना दिल को सुकून देता हैं" इसे प्यार समझू या बेरुखी जो भी हो पर आज कल अपने सुकून को फासले कौन देता हैं? आज इश्क़ आपसे होकर भी आपसे किया नहीं जा रहा, कहते थे वो तुम्हे दर्द के बदले दर्द मिलेगा हालात-ए-गवाह हैं की नफरत होके भी आपसे मेरा दर्द, देखा नहीं जा रहा...! -लक्ष्मी सवाई
खूबसूरत होना अच्छा हैं, पर अच्छा होना, बेहद खूबसूरत हैं.... #heart_of_manali
"मोहब्बत की कोई सूरत नहीं होती, उसकी तो सीरत होती है। जो खूबसूरत है उससे मोहब्बत नहीं, जिससे मोहब्बत हो वो खूबसूरत होना चाहिए" "हर हाल में खूबसूरत हो तुम 'जेरी'।" #manan_feelings
जिंदगी में हम अकेले आए, दोस्तो के बीच भी खुद को अकेले ही पाए, गाँव के सफर में भी अकेले रह गए और आज नाम होने के बावजूद भी हम रिश्तों में भी अकेले ही बह गए। मेरी जिंदगी का सफर "अकेलापन" -लक्ष्मी सवाई
उन्होंने अनजाने में पूछा, "आजकल क्या करते हो...?" हमने मुस्कुराकर कह दिया, "आजकल हम आपसे बेहिसाब, बेपनाह, बेशुमार, बेवक्त, बेइंतेहा, बेशहुर, बेआवाक और बेवजह सी मोहब्बत करते है।" -लक्ष्मी सवाई
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