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हँस दो बेवजह— क्या पता तुम किसी के हसने की वजह बन जाओ -Kinjal
Three words behind all great people- What?Why? and How? -Kinjal
काश इंसान जिस प्रकार समय के साथ शरीर को स्थिर करना सीख लेता है उसी प्रकार दिमाग को भी स्थिर करना सीख लेता ! -Kinjal
जो लोग अपनी योग्यता के अनुसार काम करें वे बुद्धिमान कहलाते हैं और जो लोग जो काम करें उसमें योग्य हो जाए वे महान कहलाते हैं -Kinjal
ब्राह्मण शूद्र या वैश्य क्या बताऊं जात मृत्यु को तीनों तरसे नहीं मिल रहे घाट -Kinjal
आजकल लोग खुद को सही साबित करने से ज्यादा दूसरों को गलत साबित करने पर जोर देते हैं -Kinjal
हर के जीवन का किस्सा बन जाती है, किताबें जिंदगी का एक हिस्सा बन जाती है। बच्चों के साथ स्कूल यें जाती है, बूढ़ो के अकेलेपन को यह दूर भगाती है। कुछ बच्चों के कंधो पर भोझ यह कहलाती है और कुछ बच्चों के कंधों पर सारी दुनिया इन्हीं में समाती हैं। कभी गरीबों की थाली की रोटी बन जाती है कभी टूटे हुए इंसान को फिर यह जोड़ दिखाती है घर बैठे बच्चों को परियों की दुनिया दिखलाती है कवियों और लेखको की ये सच्ची दोस्त कहलाती है भगवान से विज्ञान तक की शिक्षा हमे दे जाती है भूत-वर्तमान,आकाश-धरती सब इसमें समाती है। -Kinjal
खुदा बुलाओ,रब बुलाऊँ या बुलाऊँ भगवान , मुझे तो पसंद है तेरे सभी यह नाम । मंदिर जाऊँ,मस्जिद जाऊँ या जाऊँ गुरुद्वार , तू तो बसा है दुनिया के हर एक धाम। मंदिर में भजन गाऊँ या मस्जिद में चादर चढ़ाऊं, स्वर्णमंदिर में भोग खिलाऊँ या बाइबल का पाठ लगाऊँ। समझ नहीं आता और कितना बटूँ मैं पहले धर्म फिर जात-पात देश विभाजन फिर काट-छांट रंग-देश,जाती-वेश काला-गोरा,स्वदेश-प्रदेश हे ईश्वर,हे खुदा,हे सुन मेरे नाथ , क्यों नहीं गा सकते हम सभी सुर एक साथ? -Kinjal
इस जिंदगी में कुछ फूल होते हैं, कुछ पत्थर होते हैं ओर कुछ त्रिशूल होते हैं। -Kinjal
समय चुनाव का आया नेताओं का मन ललचाया करने लगे वादे भरपूर लगाने लगे पौधे और फूल कृषि जगत पर समस्या जताई जवानों की भी की खूब बढ़ाई सड़के पक्की होने लगी रैलियाँ भी जमकर निकाली गई चुनाव का परिणाम है आया देश ने एक नेता कुर्सी पर बैठाया पकड़ ली कुर्सी उसने दोनों हाथों से मुंह मोड़ लिया उसने अपने झूठे वादों से कालीन पर चलकर भूल गया वह कांटों का दर्द क्या होता है भूल गया वह एक भूखा बच्चा कैसे रोता है भूल गया वह युवा बेरोजगार हो रहे हैं भूल गया वह रोजाना दुराचार हो रहे हैं भूल गया वह देश की शिक्षा दर कम है भूल गया वह देश की अर्थव्यवस्था भी बेदम है पर कोई नहीं,पाँच साल बाद उसे सब याद आ जाएगा फिर एक महीने में वह देश की तरक्की कराएगा।
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