The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
🥰 -Khushbu Pal
दूसरों के चेहरे हम याद रखें हमारी ऐसी फितरत नहीं लोग हमारा चेहरा देख के अपनी फितरत बदल ले ऐसी हमारी फितरत है I"
last month कि achievements 3 no pe ❤️❤️❤️Thankuu so muchhhhhhh my all readers 😊 😘 ❤️ ♥️ 😀 💖 love u all 🙈keep supporting 😘 ❤️ -Khushbu Pal
thankuu so my super cutest 😍 💗 readers 😍 मुझे 3 no pr lane k lie plzz अब jldi s 2 no pe lane do es week -Khushbu Pal
हार तो वो सबक है जो आपको बेहतर होने का मौका देगी।
ज़िन्दगी की हर शाम तेरे लिए, ये महफ़िल ये शहर ये नाम तेरे लिए, आप मुस्कुराते रहो हमेशा तारो की तरह, हर सुबह बस यही, मेरा पैगाम तेरे लिए। 🌻Good morning🌻
"साथ जिंदगी भर का - कहानी का ट्रेलर" by Khushbu Pal read free on Matrubharti https://www.matrubharti.com/book/19943687/sath-zindgi-bhar-ka
मैं सिर्फ अकेले मरना चाहती हूं? तेरा हाथ पकड़ अकेले सफर करना चाहती हुँ क्या हो हुआ अगर परिस्थितियों की उलझनों में मैं ख़ुद के लिए स्वार्थी होना चाहती हूँ ... क्या हुआ अगर तुम्हारी सबसे प्यारी मुस्कान और सिसकियों के साथ मैं सिर्फ अकेले आहें भरना चाहती हूँ! क्या हुआ अगर आपकी कामयाबी और प्रसिद्धि के साथ मैं सिर्फ अकेले चलना चाहती हूँ? अपनी यादों और लक्ष्यों के आसपास मैं बस अकेले सपने देखना चाहती हूं ... शाम के किनारों पर...और आसपास की शांति के साथ मैं सिर्फ अकेले में सोचना चाहती हूं ❕ एक नहीं के बाद। बिना नींद वाली रातों का और कई जटिल और अज्ञात कहानियों का मैं अकेला साक्ष्य बनना चाहती हूँ । क्या हुआ अगर मैं आपके साथ रहकर आपके वयदो के वजूद से ख़ुद कि कहानी लिखना चाहती हूँ तुम्हारे साथ बिताये उन लम्हो वो बाते, वो राते, वो पूर्णिमा कि शीतल चाँद के नीचे कि हुई वो सारी बाते जो हम दोनों के एक होने का वजूद हैँ.. इन सारी उलझनों के साथ तैरना चाहती हूँ.. अंततः आपके द्वारा किये गए नाटकीय फैसलो के तूफान साथ... आपकी आंखों और स्नेह में दर्द के एक विराम के साथ मैं फिर से सिर्फ दहाड़ना चाहती हूं- क्या हुआ अगर मैं वापस अकेला ही सफर करना चाहती हूँ ! क्या हुआ अगर मैं सिर्फ अकेले जलना चाहती हूं? क्या हुआ अगर मैं सिर्फ अकेले मरना चाहती हूँ? क्या हुआ...
कुछ लम्हों की ज़िन्दगी है, ज़ी लो इसे खुशनसीबों के जैसा, महकते रहो सदा फूलों के जैसा, अगर बिखरो तो बिखरो खुशबू के जैसा। शुभ प्रभात..
अंग्रेजी में गुड नाइट हिंदी में शुभ रात्रि उर्दू में शब्बा खैर कन्नड़ में यारणदी तेलेगु मैं पादनकोपो अपने स्टाइल में चल लुढ़क ले अब😂 शुभ रात्रि
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser