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मोहब्बत की बारिश में भीग जाएंगे ऐसा बरसेगा सावन.. मैं बन जाऊं सजनी तुम्हारी तुम बन जाओ मेरे साजन.. तुम्हारी मोहब्बत में तनहाई भी अच्छी लगती है.. जिंदगी में तेरी चाहत की मुझे फरमाइश लगती है.. तुमको सोचूं तो हर पल हो जाता मेरा बड़ा मनभावन.. मोहब्बत की बारिश में भीग जाएंगे ऐसा बरसेगा सावन... हम मन के जज्बातों को बड़े ध्यान से पढ़ते हैं.. तुम सिर्फ मेरे हो,,तुम्हें अपने ख्वाबों में गढतें हैं.. इश्क ही मेरा रब इश्क में लगता मुझको सब पावन.. मोहब्बत की बारिश में भीग जाएंगे ऐसा बरसेगा सावन... सुनो हम मौसम नहीं जो कभी भी बदल जाएंगे... आफताब सा जलते है हर मौसम में निकल आएंगे.. इश्क की दास्तान लिखते लिखते गुजर जाएगा जीवन.. मोहब्बत की बारिश में भीग जाएंगे ऐसा बरसेगा सावन.. तुम्हारा साथ पाकर जीने का बहाना मिल गया... नाम आंखों से मेरे लबों ने मुस्कुराना सीख लिया.. तुम हमेशा साथ रहना मेरे जैसे,,राधा संग रहे मोहन.. मोहब्बत की बारिश में भीग जाऐगे ऐसा बरसेगा सावन..
तुम्हारी बेवफाई पर मैंने तुम्हें खुशी-खुशी जाने दिया..!! इससे ज्यादा वफा में क्या करती है...!! ❤️💔 -kanchan Savi
तुम क्या समझोगे मेरी मोहब्बत को...!! तुम्हारी फितरत है रोज़ मोहब्बत बदलने की...!! ❤️💔 -kanchan Savi
सुनो,, अब तुम दोबारा लौट कर मत आना... मुझे भी प्यार दोबारा नहीं होगा... -kanchan Savi
❤️प्रेम का आरंभ ❤️ तू प्रेम का आरंभ कर के चला गया मैं प्रेम का अंत कैसे कर पाऊँगी....!! ना समझ दिल मेरा...बता कैसे समझाऊँगी..!! रेत की तरह हर वक्त फिसल ही जाएगा... ठोकर खाकर दिल मेरा संभल ही जाएगा... प्यार को जाने की इजाजत कैसे दे पाऊंगी.. ना समझ दिल मेरा...बता कैसे समझाऊँगी..!! घुट घुट कर मुझको सासें भी लेना होगा.. टूट टूट कर ख्वाबों को मुझे सजाना होगा.. उन धुंधली यादों से मैं घर कैसे सजाऊंगी.. ना समझ दिल मेरा...बता कैसे समझाऊंगी!! जिंदगी की कहानी में किरदार बेनाम हूऐ.. रातको हमनें मातम मनाया दिन सुहाने हुए.. दिल तो जख्मी मेरा..बात कैसे मुस्कुराउंगी.. ना समझ दिल मेरा...बता कैसे समझाऊंगी..!! तू प्रेम का आरंभ कर के चला गया मैं प्रेम का अंत कैसे कर पाऊँगी....!! ना समझ दिल मेरा...बता कैसे समझाऊँगी..!! -----------------
जिंदगी भर का वनवास.... बहुत दूर चली जाऊंगी.. महफिल से लूंगी अज्ञातवास.!! अब कुछ बरस का नहीं जिंदगी भर का होगा वनवास..!! तुम्हारे बिना जिंदगी जीने का तरीका मिल जाएगा.. शायद,,मुझको मेरे सवालों का जवाब मिल जाएगा.. अब खामोशी होगी चारों तरफ जैसे होगा एकांतवास अब कुछ बरस का नहीं जिंदगी भर का होगा वनवास..!! कुछ अपनों से दूर कुछ अपनों के करीब भी आए... इधर-उधर बहुत घूमे अब खुद की तलाश में हम आए... तोड़ दूंगी की,,अब तेरी यादों का खत्म होगा कारावास.. अब कुछ बरस का नहीं जिंदगी भर का होगा वनवास..!! खुला आसमान होगा अब परिंदे साथ गीत गायेंगे.. खुद को इतना तरासेंगे..की कुंदन बन कर दिखायेंगे... काल्पनिक दुनिया दुरी बनेगी मेरा अब होगा संन्यास... अब कुछ बरस का नहीं जिंदगी भर का होगा वनवास..!! जीवन जीने के लिए अब एक नई रह हम चुनेंगे... अधूरा ख्वाब बनकर हर पल तेरी आंखों में चूभेगे... मेरी पवित्र प्रेम भक्ति पर..अब करना होगा विश्वास.. अब कुछ बरस का नहीं जिंदगी भर का होगा वनवास..!!
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