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Kali Hari

Kali Hari

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(1)

ek samay ki bat

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निमाड़ की धरती प्यारी,
मध्य प्रदेश के हृदय सम्मानी।
निमाड़ भूमि की शोभा अपारी,
यहां की संस्कृति है अद्वितीय विश्वासी॥

गंगा, कालीसिंध, चम्बल, और नर्मदा,
निमाड़ी की धारा बहती अद्वितीय है।
बगीचों, खेतों, और वनों का आदान-प्रदान,
निमाड़ की प्रकृति अद्भुत सुन्दर है॥

धूलिया धारी, आवारा बैला,
मध्य प्रदेश के निमाड़ का ध्यान है।
मल्हारी, गोंदली, और तेरा ताल,
निमाड़ की लोक गाथा में शान है॥

मंदिरों की माला, आराम की जुलाही,
निमाड़ का जीवन अनुभव सजावटी है।
बैरी, भाकर, और मदणगोपाल,
निमाड़ की रसभरी भोजन प्यारी है॥

निमाड़ के मेले, नृत्य और संगीत,
मध्य प्रदेश की प्रमुख आकर्षण हैं।
अत्यंत मित्रभाव से बसा है यहां,
निमाड़ का जीवन साथी अनूठे बन्धन हैं॥

निमाड़ की प्रकृति, संस्कृति, और जनजीवन,
मध्य प्रदेश के हृदय की आभास हैं।


निमाड़ में रहना, निमाड़ी का स्वाद,
मध्य प्रदेश की विशेषता का प्रतिष्ठान हैं॥

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दिल टूट गया, मेरी जिंदगी का गजल गाते हैं,
किस्से बिखरे हुए इस रूह को सुनाते हैं।

अब अधूरा रह गया हर सपना जो मैंने देखा,
ख्वाबों के तारे टूट गए, मुड़ गई ज़िन्दगी की रेखा।

आँसू बहा के दिल बहुत रोता है,
यादों की धूप अब जिंदगी को जला रही है।

हर सपने की चाहत, हर रात की आस,
सब चीज़ें अधूरी, अब तक अधूरी हैं हमारी कहानी।

बिछड़ा हैं वो जो अब नहीं आते,
दिल के रंग बदल गए, राहों की ओर टूट गए।

मेरी जिंदगी की एक गजल ये है,
दिल टूट गया, मगर ज़िंदगी फिर से जीने की चाह है।

अब बस तड़प रहा हूँ तुझे याद करके,
जीने की आशा को है तू ख़्वाब बनके।

दर्द भरी ये रातें बिताने को हैं,
तेरी यादों में खोने को हैं।

मेरे दिल की तारीख में ख़्वाहिशें जली हैं,
अब तू बनकर राख बिखरी हुई हैं।

प्यार की बारिश में बीगती यादें हैं,
मैं इस दरिया को तेरे बिना लहराते हैं।

खुशियों के फूल ज़रूर मुरझा जाते हैं,
पर तेरी यादों के साथ खिला रहते हैं।

दिल टूट गया, पर ज़िंदगी जीने की चाह है,
खुद को संभाल कर, नयी राह बदलने की चाह है।

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हम जाने हमारे किस्से,
ना जाने तुम्हारे किस्से।

-Kali Hari

तेरी हसीं को मैं क्या कहूं,
मेरी उदासी को मैं क्या कहूं।
जिंदगी के हर पल मैं तू है,
तेरे बिना दिल को कुछ नही मिलता।

-Kali Hari

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मत पूछ की मेरी चाहत किससे हैं,
ये देख मेरी निगाह किसपे है।

खोया है बहुत कुछ जिंदगी के सफर में,
यादें, ख्वाब और सपने बहुत जल गए हैं।
कुछ वक़्त की मरम्मत, कुछ दिल के टूटने का गम,
पर आज भी उम्मीदें बाकी हैं, खुशियों के नाम।

पाया है भी कुछ अपनों की बाहों में,
प्यार, सम्मान और दोस्तों की मुस्कान में।
मिला है विश्वास, खुद को पहचानने का सफर,
हर अधूरे सपने के पीछे एक नया सवेरा।

खोया और पाया, ये है जीवन का खेल,
बस आगे बढ़ते रहें, जीने का हर पल।
क्योंकि असली खोया नहीं जाता है कुछ भी,
बस बदलते हैं हालात, और आता जाता है दिन-रात।

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