Quotes by Jeni John in Bitesapp read free

Jeni John

Jeni John

@jenijohn3275


यह शहर है तेरा मैखना सा
दीवानों में है जीने का नशा
यह ...........।

वो शाम हुई नशीली, प्यालों में
चटकते पैमाना, फूटा इस कदर
दिले गुबार सा,,,,
यह ........।

मदहोश हुए हम , मै का क्या कसूर
गिरकर निभाया, मैखाने का दस्तूर
आवारा बदनाम सा......
यह...........।

मैखाना गुलज़ार थी हर शाम दोस्तों
टूटते प्यालों में देखा ,' लीना '
तेरे ज़ख्मों को सीने का नशा......
यह.........।

'लीना '

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"यह शहऱ़",
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हौसले पंखों में क़ैद रहकर
रात काटता गया ,
दिन उड़ाता गया।

मै अपनी सर्द रात क्या बयां करूं
होंठ तब भी थरथराते थे और अब भी
देह लाठी पर तब भी कंपकपाते थे अब भी
दांतो का किटकिटाना तो अरसे से ना हुआ
सर्द हवा छू कर हमसे गरमी छीन जाती है।

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सफर खुद हमसफ़र बन अपना सा
हमसे वफा आख़िर तक निभा गया
बाकी तो दोस्तों की मजलिस थी
हर राहगीर दोस्त नहीं हुआ करते।

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