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geeta kedare

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@geet27
(18)

#हिन्दी कविता...

... बस अभी आके मिल....

टपक रही हैं बूंदें ख्वाहिशों की
फिर भी हैं प्यासी प्यासी
चाहतें हैं इनसे बहोत हमें
पर चारों ओर हैं छायी उदासी।

बूंदें जो बुझा न सकी प्यास मेरी
भीग न पाए हम इस बारिशों में
अश्कों की बूंदों में बह गए इसतरह
भीगे सिर्फ तेरी यादों की एहसासों में।

तन भी सुखा , मन भी गीला न हुआ
प्यार की बौछारों के लिए तरसा दिल
बिन बादल होनेवाली इस बरसात में
ख्वाहिश हैं तेरी, बस अभी आके मिल।
..... बस अभी आके मिल!!!

.... ©सौ. गीता विश्वास केदारे......
मुंबई

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रूबरू वो होते तो... #हिंदी कविता
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रूबरू वो होते तो
हाल-ए-दिल सुनाए जाते…..


उनसे दूर रहकर
बीती कैसी ये बिरहा की रातें
अश्कों का समुंदर बहाकर
उन्हें बताएं जाते…..

तडपा कैसे ये दिल
बैचेनी इस दिल की उनके बिन
सुलग ये जख्मों की दिखाकर
हम यूहीं मुस्कुराए जाते….

सुने इस जहाँ में
वीरान आसमाँ में
गुमसुम चाँदनीयों में
तन्हा इक चाँद के साथ
प्यारा-सा एक घरौंदा बसाएँ जाते……

रुबरु वो होते तो
हाल - ए - दिल सुनाए जाते…..

…. ©सौ. गीता विश्वास केदारे…..
मुंबई

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#अर्धा ... मराठी कविता


विरह - नीरजा काव्यप्रकारावर आधारित रचना

काहिली होई मनात
विरहाने तुझ्या
‎ सुरमय
‎ जीवन
‎ होते एकेकाळी
‎ या भावनाशील जगात

आठवणींचा हिंदोळा उरला
जगणे त्यावर
‎ छबी
‎ कोरीव
‎ मनदर्पणी तुझी
‎ श्वास माझा नुरला

किती आठवू तूला
सोबतीला माझ्या
एकांत
‎ आठवण
‎ चिरते काळीज
‎ समजावू किती मला

अर्ध्यावरती डाव सोडला
नाही केला
विचार
स्वार्थ
बघितला तुझा
स्वप्नमय मनोरा मोडला

‎... ©सौ. गीता विश्वास केदारे...
‎ मुंबई


#अर्धा

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