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आँखें अबतक ये पुर नम है गम तेरा हम मे बाहम है तेरे हाथो का छूना भी घावों पे जेसे मरहम है ये देखो जाने पर तेरे छाया घर मै अब मातम है बस अब लब छूने वाले है सासों का चलना मद्धम है है हाथों मे छेलें मेरे गालों पर उसके रेशम है कैसे होने देता ज़ाया! आँसू सब उसके शबनम है
अब जो ठुकराया तो मर ही जाएगा दिल बेचारा! सोचो तो? केसे अब ये मुस्काएगा दिल बेचारा। ये सोचो के इसपे कल जो कोई आएगा गम तो; ऐसा होने पर आँसू बरसाएगा दिल बेचारा। वादे, यादें, सपने सारे ऊपर से डर रातो का! केसै ये सारी उलझन सुलझाएगा दील बेचारा ना जाने कब तक बस ये खाली बदन मिलेंगे हमको; कब अपने जेसै दिल से टकराएगा दिल बेचारा। मेरा दिल भी देखो जेसे कोई छोटा बच्चा है! थक ने पर अपनी बाहै फैलाएगा दिल बेचारा।
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किस तरह सुनाता उसे मेरी कहानी दर्द की है, देखो होठों पे ये बेरुखी अंजानी दर्द की है। आह! भी जो लडकी मेरी सुन लेती हैं, अब उससे एक बात छुपानी दर्द की हैं। ना पता था सुहागन को की इस बार, दूर सरहद से खबर आनी दर्द की है।
#Quiet
बस सन्नाटा हे यहां उसने झरुर शायरी सुनाई होगी, देखा तो हमनेभी था उन्हें उनको भी नींद नही आइ होगी। मुसकुराहट देखके लगता हे की तुम पे कई गमकी अंधीया आइ होगी, मे चीख पडता हु खामोशियों मे इस से बढके ओर क्या तनहाइ होगी। #Quiet
दोनो दुनिया वो का करजा मीलता है दील लगाने से भला और क्या मीलता है वो चुम रही हैं मेरी तस्वीर को गाँव में, उससे मुजे यह शहर में शुकुन मीलता है। #Peaceful
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