Quotes by Dinesh in Bitesapp read free

Dinesh

Dinesh

@dinesh2358


तेरे होठों कि जो
तलब हुई मुझको ..

मैने खिलता हुआ
गुलाब चूम लिया..

मेरी ज़िन्दगी का ग़म भी जाने क्यों उनको भा गया है।

ख़्याल दिल से निकलके उनकी महफ़िल तक आ गया है।

क्यों कोई चाह कर मोहब्बत निभा नहीं पाता,
क्यों कोई चाह कर रिश्ता बना नहीं पाता,
क्यों लेती है ज़िन्दगी ऐसी करवट,
कि कोई चाह कर भी प्यार जता नहीं पाता...

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जलाते है हम अपने दिल को दिए की तरह तेरी जिंदगी में खुशीयों की रोशनी लाने के लिए सह जाते है हर चुभन को अपने पैरों तले तेरी राहों में फूल बिछाने के लिए !!

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दिल जीत लें वो नजर हम भी रखते है
भीड़ में भी आए नजर वो असर हम भी रखते है
यूं तो वादा किया है किसी से हर दम मुस्कुराने का
वरना इन आंखों में समंदर हम भी रखते है !!

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रुको गम को सहला लूं तो चले जाना
दर्द को जरा बहला लूं तो चले जाना

ऐसा भी नहीं कि जी नहीं पाऊं तुम बिन
ये बात खुद को समझा लूं तो चले जाना

धड़कता नहीं दिल की जगह,दिल की तरह
जिस्म को पत्थर का बना लूं तो चले जाना.

कितनी सदियों से कैद है कोई मेरे भीतर
उसे इक बार गले से लगा लूं तो चले जाना.

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ये हसीं मौसम, ये नज़ारे, ये बारिश, ये हवाएँ,

लगता है मोहब्बत ने फिर मेरा साथ दिया है…