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Dhruvin Mavani

Dhruvin Mavani Matrubharti Verified

@dhruvinmavani7476
(33)

ऐसे ही जिया तो किसी दिन शहर हो जाऊंगा
किसीकी खुशियों से जलूंगा,
किसी के दुःख पे मुस्कुराउंगा,
मुँह पे तारीफे करूँगा और पीठ पीछे बुराइया
मैं बस भागूंगा चंद सिक्के भरने के लिए जेब में
और फिर खर्च करने से बचूंगा
ऐसे मैं थोड़ा थोड़ा खुद को खर्च करूंगा
थोड़ी सच्चाई, थोड़ा ईमान, थोड़ी मनुष्यता
और भरूंगा अंदर अपने बेईमानी को
शहर होना तय है कब ये पता नही
अपने आसपास कई शहर रहते है
अलग अलग घर मे कई शहर...

- ध्रुविन मावाणी

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ये लड़की का अच्छी लड़की होना क्या होता है ?
कौन जानता है बातें ऐसी !
ऐसा छायांकन कहाँ होता है !
'अच्छी लड़की' ग़र कोई चित्रण है तो फिर चित्रकार कौन है !
मैं भी एक चित्रकार हूँ मुझसे क्यो न बन सका ऐसा कोई चित्र ?
मुझसे लिखा क्यो नही जाता ये भेद लड़की और अच्छी लड़की का ?
इन सवालों के जवाब दे कौन सकता है ?
मुझे जरूरत है इस ज्ञानी समाज की जो ये बतलाये की ,

ये लड़की का अच्छी लड़की होना क्या होता है !

©yhnaam

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लड़कियों जरा ये बताओ की ठप्पा कौन सा लगा है बदन पे तुम्हारे टर्म्स एंड कंडीशन का ,

जो इस तरह यूँ तपाक से जमाना तुम्हारी पढ़ाई लिखाई , सपने, शादी और जिंदगी का फैसला करता है...

©yhnaam

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कभी दोपहर कभी शाम जो घर तुम्हारे आती है
और औरत वो जो जोरों से चिल्लाती है ,

वो शब्द ' रोटी ' सुनाई आपको देता होगा साहब
असल में तो वो देश का राष्ट्रगान गाती है...

©yhnaam

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मैं भला इल्जाम मेरी मौत का रखूँ भी तो किस पे

यहाँ तो सभी ने मुझ को थोड़ा थोड़ा मारा है...

©yhnaam

मोहब्बत लड़की है ,

मेरी ही दिल की गली में रहती है ,
भाई बड़ा उसका दिमाग थोड़ा खड़ूस है ,

और शायद माँ इंसानियत नही है उसकी ,
इसीलिए बाप जमाने से थोड़ा डरती है...

©yhnaam

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ग़र खुशियों पे हकूमत हमारी होती तो
सड़क वालो से लेकर थोड़ी सी उधार खुशियां

पूरे कपड़े , अच्छा खाना और अच्छी छत वाले
कुछ भूखे , नंगे , बेचारो के नाम करते....

©yhnaam

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कद कपड़ो का नापकर चरित्र बताने वाला
ये जमाना खुद को बड़ा दर्जी समझता है ,

कोई इनको बतलाये की
इनकी एड़ियो में जो दिमाग है
उनके नाप के मुझ मोची से जूते सिलवाये
कही दिमाग घिस न जाये...

©yhnaam

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हाँ मैं आदमी अंदर से भिखारी हूँ
मेरे कटोरे में थोड़ी सी मोहब्बत डालते जाइयेगा

क्योंकि सलामत हाथों से काम करने पर भी
दुनिया से तनख्वाह में मोहब्बत नही मिलती....

©yhnaam

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उसकी वफ़ा के किस्से सुनने मे तो बहोत आये है मगर
अब तलक वो मोहब्बत के काबिल है मेरा एतबार करो ,

हाँ अब तो मैं मर चुका हूँ उसके अंदर पूरा 'यहनाम'
जाओ जाकर जलाकर मुझे कोई मेरा अन्तिमसंस्कार करो...

©yhnaam

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