Lance ke paar ek tasveer pyar ki - 1 in Hindi Love Stories by vikram kori books and stories PDF | ‎लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की - 1

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‎लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की - 1

‎लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की 😍
‎Part 1:
‎सागर शहर की सुबह हमेशा की तरह सुनहरी थी।
‎सूरज की पहली किरणें जब प्रेम के कमरे की खिड़की से अंदर आतीं,
‎तो उनकी चमक कैमरे के लेंस पर पड़ती —
‎जैसे कोई तस्वीर खुद ज़िंदगी को कैद कर रही हो।
‎प्रेम, जो शहर का एक जाना-पहचाना फोटोग्राफर था,
‎हर सुबह अपने कैमरे को ऐसे साफ करता मानो वो उसका सबसे प्यारा साथी हो।
‎उसकी ज़िंदगी का असली प्यार उसका कैमरा था —
‎पर उसे क्या पता था कि आज से उसकी ज़िंदगी में एक और प्यार दस्तक देने वाला है।
‎प्रेम का खुद का छोटा-सा फोटोग्राफी बिज़नेस था —
‎ Royalphoto Studio by Prem”
‎सागर के बीचोंबीच उसका छोटा-सा ऑफिस,
‎दीवारों पर लटकीं सैकड़ों शादियों की रंगीन तस्वीरें,
‎जहाँ हर तस्वीर में मुस्कुराते चेहरे,
‎फूलों की सजावट और झिलमिलाती रोशनी में बस कहानीयाँ कैद थीं।
‎वो अपने काम को दिल से करता था।
‎कहते हैं ना, तस्वीर तब ही खूबसूरत बनती है जब दिल सच्चा हो —
‎और प्रेम का दिल बेहद सच्चा था।
‎उस दिन प्रेम को एक बहुत बड़ा वे‍डिंग कॉन्ट्रैक्ट मिला था। —
‎जबलपुर शहर में एक रईस खानदान की शादी।
‎ऑर्डर इतना बड़ा था कि उसके स्टूडियो के सभी लड़के उत्साह में झूम उठे।
‎टीम का छोटा मेंबर सौरभ बोला।
‎“भाई, इस बार तो हमारी टीम का नाम बन जाएगा!”
‎प्रेम ने मुस्कुराते हुए कहा,
‎“नाम नहीं सौरभ , हमें काम बनाना है।
‎नाम तो अपने आप ही बन जाएगा।”
‎वो हमेशा अपने टीम के लड़कों को गाइड करता,
‎उनके साथ दोस्त की तरह पेश आता।
‎कपड़े, ड्रेस कोड, कैमरे की सेटिंग —
‎हर चीज़ में परफेक्शन उसका नियम था।
‎शादी के दिन से एक रात पहले ही
‎प्रेम ने अपनी टीम के 10 लड़कों को बुलाया।
‎सभी को उसने एक जैसी ड्रेस दी — काली शर्ट, ग्रे पैंट, ।
‎उसने खुद के लिए अलग ड्रेस चुनी — सफेद शर्ट, पिस्ता कलर की जैकेट, और सिल्वर टाई।
‎क्योंकि प्रेम को हमेशा थोड़ा अलग रहना पसंद था।
‎ प्रेम अपनी टीम को मुस्कुराते हुए शब्दों में कहता है ,
‎“कभी भीड़ में खोना मत,
‎क्योंकि हम वो हैं जो भीड़ को यादों में बदलते हैं,”
‎और सबकी आंखों में जोश भर गया।
‎अगली सुबह ट्रेन जब जबलपुर स्टेशन पहुँची,
‎तो प्रेम ने अपने कैमरा बैग को कंधे पर टांगा,
‎और हल्के से हवा में कहा —
‎“चलो दोस्तों, आज कुछ यादगार क्लिक करते हैं।”
‎शादी का वेन्यू एक खूबसूरत रॉयल बैंक्वेट हॉल था —
‎लाइट्स, म्यूज़िक, फूलों की खुशबू, और चमचमाती सजावट।
‎हर ओर शाही ठाठ था।
‎लोग महंगे कपड़ों में सजे हुए थे,
‎महिलाएँ हीरे-जवाहरात से जगमगा रही थीं।
‎प्रेम ने जैसे ही अपना कैमरा सेट किया,
‎उसकी आँखें एकदम फोकस मोड में चली गईं —
‎अब उसके लिए बस उसका काम था।
‎लेकिन तभी,
‎हॉल की दूसरी ओर से किसी की हँसी की आवाज़ आई —
‎हल्की, मीठी और सच्ची।
‎वो नज़र बस एक पल को वहाँ गई —
‎और जैसे वक्त थम गया।
‎वो थी रेशमा।
‎गुलाबी लहंगे में सजी, खुले बाल,
‎आँखों में एक मासूम चमक और मुस्कुराहट जो किसी को भी भुला दे।
‎वो अपनी सहेलियों के साथ हँसते हुए फूल सजा रही थी,
‎और प्रेम की नज़र जैसे लेंस को पार करते हुए सीधे दिल तक पहुँच गई।
‎पर प्रेम फिर तुरंत सँभल गया।
‎“फोकस ऑन वर्क, प्रेम,” उसने खुद से कहा।
‎क्योंकि उसके लिए कैमरा सिर्फ काम नहीं, इबादत था।
‎रेशमा ने भी प्रेम को नोटिस किया।
‎वो देख रही थी कि कैसे वो सबको गाइड कर रहा था,
‎कैसे हर चीज़ पर उसकी नज़र थी,
‎कैसे उसके अंदर एक सादगी भरा आत्मविश्वास था।
‎“कौन है ये फोटोग्राफर?”
‎उसकी सहेली ने पूछा।
‎रेशमा हल्के से मुस्कुराई,
‎“जो लेंस के पार देखता है शायद बही।”
‎शादी शुरू हुई,
‎ड्रम्स बजे, लाइट्स झिलमिलाईं,
‎और प्रेम अपने काम में डूब गया।
‎लेकिन जब भी वो कैमरा घुमाता,
‎कहीं न कहीं रेशमा उसकी फ़्रेम में आ ही जाती।
‎कभी फूल पकड़ते हुए,
‎कभी हँसते हुए,
‎कभी बस दूर खड़ी उसे देखती हुई।
‎रेशमा की नज़रें बार-बार प्रेम की ओर जातीं,
‎और प्रेम का कैमरा भी  बार-बार उसी पर टिक जाता।
‎शादी की भीड़,
‎लाइट्स, शोर —
‎पर दोनों के बीच एक खामोश रिश्ता बन रहा था।
‎जिसका एहसास दोनों को था,
‎पर किसी ने कुछ कहा नहीं।
‎रात देर तक शूट चलता रहा।
‎जब आखिरी फोटोज़ क्लिक हुए,
‎तो प्रेम थक कर एक साइड की कुर्सी पर बैठ गया।
‎सिर पर हाथ रखकर उसने आँखें मूँद लीं।
‎उसी वक्त,
‎एक हल्की सी आवाज़ आई —
‎“पानी लीजिए… आप बहुत थक गए होंगे।”
‎आँखें खोलीं तो सामने रेशमा थी।
‎हाथ में पानी का ग्लास,
‎और चेहरे पर वही मासूम मुस्कान।
‎प्रेम थोड़ा मुस्कुराया,
‎“ थकान तो थोड़ा बहुत काम का ही हिस्सा है … पर शुक्रिया।”
‎रेशमा ने कहा,
‎“आप जैसे मेहनत कर रहे थे,
‎देख कर अच्छा लगा… बाकी फोटोग्राफर बस फोटो लेते हैं,
‎आप तो पल बना रहे थे।”
‎प्रेम उसकी बात सुनकर चुप रहा,
‎पर उसके चेहरे पर एक हल्की चमक आ गई।
‎पहली बार किसी ने उसकी मेहनत को देखा था,
‎न कि सिर्फ उसका काम।
‎दोनों की बातचीत छोटी थी,
‎पर उस छोटी सी बातचीत में एक नई शुरुआत छिपी थी।
‎रेशमा के जाते ही प्रेम का दिल कुछ अजीब-सा महसूस करने लगा।
‎वो मुस्कुराया,
‎पर कैमरा उठाते वक्त उसके लेंस में अब एक नई तस्वीर बस चुकी थी।
‎वो तस्वीर थी — रेशमा की।

    Story writer By :-
                
                                   Vikram Kori ✌️
‎ “शादी किसी और की थी… पर दिल किसी और पर आ गया 💔
‎आगे क्या हुआ जानने के लिए — हमें फॉलो करके रखे ।   
‎Part-2 कल आएगा!”