एरिना का दिल काँप रहा था। नाइल उसके सामने खडा था — असंभव, पर वास्तविक। तुम्हारे जाने के बाद सब बदल गया...” एरिना ने कहा। नाइल ने आँखें झुका लीं। और तुमने जो लिखा... वही मुझे वापस लाया। लूसी और केलन पास आ गए, मगर इस बार दूरी सम्मान की थी — सबने महसूस किया कि आज कुछ कहना, कुछ सुनना जरूरी है। चार. किताब की धडकनें फिर तेज हुईं
जैसे ही एरिना ने नाइल की ओर हाथ बढाया, दूर किसी ओर से एक ध्वनि आई — जैसे पन्ने खुद से पलट रहे हों। कोई कहानी अपने आप दोहराई जा रही है, इल्हान ने कहा। और सच में —“ The Rose That Burned Twice” की कुछ पुरानी घटनाएँ खुद- ब- खुद फिर से उभर रही थीं।
लेकिन इस बार वो घटनाएँ थोडी बदल चुकी थीं... जैसे उनमें कुछ और जुड गया हो। पाँच. नई भूमिकाएँ, नई चुनौतियाँ
गाँव में एक सभा बुलाई गई। एरिना ने कहा, अब हर कोई लेखक है। हर आवाज को जगह मिलेगी। मगर हर बदलाव की तरह, कुछ विरोध भी हुआ। कुछ पुराने पात्र — जो भूल गए थे कि वे कभी केवल किरदार थे — अब सत्ता की भूख में टूट पडे। एक वृद्ध ने चिल्लाकर कहा, हमारा अतीत मिटाया जा रहा है! नई कहानियाँ हमारी जडें काट देंगी! छह. नाइल की सीख
नाइल ने पहली बार गाँव वालों की ओर देखा और गूंजती आवाज में कहा:
कोई कहानी तुम्हारे अतीत को मिटा नहीं सकती... जब तक तुम उसे जीते हो। नई कहानियाँ पुराने रंगों को और गहरा बनाती हैं — उन्हें धुँधला नहीं करतीं। सात. एरिना और नाइल — एक नया अध्याय
बारिश अब भी गिर रही थी, मगर अब वो आंसुओं जैसी नहीं, उम्मीद जैसी लग रही थी। एरिना ने नाइल का हाथ थाम लिया।
अगर तुम्हें एक बार फिर लिखना हो... क्या तुम मेरे साथ लिखोगे? नाइल ने कहा, अगर तुम लिखो, मैं श्वास बन जाऊँगा... अगर तुम चुप रहो, मैं मौन की गूँज बन जाऊँगा। एपिसोड तेईस समाप्त.
एपिसोड चौबीस: किस्मत की कोरी पंक्तियाँ"
कई रातों से नींद अलीजा की पलकों से रुठी हुई थी।
वो पन्ना — वही कोरा पन्ना जो उसे पिछले अध्याय में मिला था — अब उसकी चेतना में जलता रहता था।
उस पर सिर्फ एक शब्द लिखा था:
Aliza.
ना कोई पैराग्राफ, ना कोई वाक्य, ना कोई संवाद. बस उसका नाम।
ये पन्ना क्या चाहता है?
वो बिस्तर पर लेटी- लेटी खुद से बुदबुदाई।
जैसे वो कोरा पन्ना उसे उसके खुद के अधूरेपन का आईना दिखा रहा हो।
एक दूसरी सुबह.
केलन, खिडकी के पास खडा, नजरें आकाश में गहराई तक गडाए हुए था।
तुम जानती हो, ये कहानी कभी पूरी नहीं होनी थी,
उसने धीमे स्वर में कहा।
फिर हम इसमें क्यों हैं?
अलीजा ने पूछा।
क्योंकि किसी ने फिर से इसे लिखना शुरू किया —
लेकिन इस बार. लेखनी तुम्हारे हाथ में है।
उसने उसकी ओर देखा — पहली बार वो डर नहीं था उसकी आँखों में,
बल्कि एक विनम्र स्वीकार... कि अब वो खुद से भी डरता नहीं।
वो पहली बार.
उस दिन अलीजा ने पहली बार केलन के करीब होकर उसकी धडकनों को महसूस किया।
ना कोई बुराई, ना कोई वीरता — सिर्फ एक इंसान।
अगर मैं कहानी की लेखिका बनूँ, तो क्या तुम फिर भी रहोगे?
उसने पूछा।
मैं तब तक रहूंगा जब तक तुम्हारे शब्दों में मेरा नाम सांस लेता रहेगा,
उसने उसका हाथ थामा।
रहस्यमयी घटनाएँ.
जैसे ही अलीजा उस कोरे पन्ने को छूती है —
किताब की बाकी पंक्तियाँ धीमे- धीमे गायब होने लगती हैं।
और फिर...
एक नई लाइन उभरती है:
कहानी अब भी जारी है. लेकिन किसके शब्दों में?
ये पन्ने. अब मुझसे पूछ रहे हैं कि अगला वाक्य क्या होगा,
उसने फुसफुसाया।
रोमांटिक पल.
रात ढल चुकी थी।
अलीजा और केलन उस पुराने बगीचे में बैठे थे, जहां कभी उनके किरदारों की पहली मुलाकात हुई थी।
अगर तुम मेरी कहानी की शुरुआत हो,
तो क्या मैं तुम्हारा अंत बन सकती हूँ?
उसने पलकें झुकाते हुए पूछा।
नहीं,
केलन मुस्कराया,
तुम मेरी कहानी का हर वो हिस्सा हो... जिसे मैं फिर से लिखना चाहता हूँ।
एंड सीन:
पन्ने उडने लगते हैं।
हर पन्ना अलीजा के इर्द- गिर्द एक चक्र बनाता है।
और उन सबमें सिर्फ एक ही शब्द लिखा होता है —
Rewrite.
अगला एपिसोड पच्चीस: नियमों की राख से.
क्या अलीजा अब वाकई कहानी को बदल पाएगी?
या ये सब सिर्फ एक और भ्रम है?
एपिसोड पच्चीस: नियमों की राख से"
वो रात जब कोरे पन्नों ने अलीजा को अपनी लेखिका बनने का न्योता दिया था,
कुछ बदल चुका था।
ना सिर्फ किताब की दुनिया में,
बल्कि अलीजा के भीतर भी।
वो अब किसी और की लिखी कहानी नहीं जी रही थी।
अब उसके भीतर कलम थी, और पन्ने उसकी नजरों से बनने लगे थे।
एक नई सुबह. और टूटे नियम
तुम जानती हो कि जो तुम कर रही हो,
वो इस दुनिया के हर नियम के खिलाफ है?
केलन ने चेतावनी भरे स्वर में कहा।
तोडना ही तो मुझे आता है,
अलीजा ने मुस्कराते हुए जवाब दिया।
लेकिन इस बार, तुम सिर्फ एक कहानी नहीं बदल रही.
तुम पूरी किताब की आत्मा को जगा रही हो।
अलीजा ने हल्की सी साँस ली।
तब शायद. वही आत्मा बताने आए कि उसे क्या अंत चाहिए।
रहस्य खुलता है
किताब की एक पुरानी अध्यायिका, जो कभी नहीं खुलती थी —
अब अपने आप खुल गई थी।
उसमें लिखा था:
जिन्होंने कहानी को अधूरा छोडा,
वे अब नए हाथों में सौंपी जा चुकी है।
लेखिका वह होगी...
जो खुद को विलेन मान चुकी हो।
यह मेरे लिए लिखा गया था,
अलीजा ने कांपते स्वर में कहा।
तुम्हारी आत्मा को कोई समझा नहीं सका,
केलन ने उसका हाथ थामा।
लेकिन इस कहानी ने. तुम्हें पहचान लिया।
एक कठिन निर्णयअगर मैं कहानी की लेखिका बनूं.
तो क्या इसका मतलब ये होगा कि तुम्हारा किरदार मिट सकता है?
अलीजा की आवाज टूटी हुई थी।
अगर तुम चाहो, तो मुझे मिटा दो। मगर एक शर्त पर,
केलन ने कहा।
क्या?
उसने थरथराते हुए पूछा।
मुझे आखिरी बार तुम्हारी आँखों में पूरा जीवन देख लेने दो।
दोनों एक- दूसरे को देखते रहे...
वो नजरे, जैसे कोई अधूरी कविता —
जो सिर्फ आँखों में जिया जाता है।
एक चमत्कारी क्षण
अचानक, किताब की सभी पंक्तियाँ उडने लगीं —
हर शब्द, हर अध्याय — धूल बनकर बिखरने लगा।
सिर्फ एक वाक्य बचा:
जो प्यार से लिखी गई हो,
वो कहानी कभी खत्म नहीं होती.
ये. मैंने नहीं लिखा!
अलीजा चौंकी।
लेकिन ये. तुम हो,
केलन मुस्कराया।
दिल से दिल की भाषा
अलीजा ने किताब को देखा, फिर केलन को।