Rebirth in Novel Villanes - 10 in Hindi Love Stories by Aaliya khan books and stories PDF | Rebirth in Novel Villanes - 10

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Rebirth in Novel Villanes - 10

एपिसोड उन्नीस: उत्तराधिकारी की शर्तें
एक. अजनबी लेखक का अभिवादन
वो व्यक्ति — सफेद चोगा, नीली लपटों से भरी आँखें और हाथ में काली कलम लिए — जैसे कोई देवदूत हो, पर उसकी आभा में डर था।
मेरा नाम... इल्हान है, उसने कहा। और मुझे सौंपा गया है कहानी का अंतिम अध्याय लिखने का कार्य।
एरिना ने अपने कदम जमाए रखे। इस कहानी की आत्मा मैं हूँ। तुम्हें इजाजत किसने दी?
इल्हान ने मुस्कराया।
जिसने तुम्हें लेखिका बनाया, वही जानता है — हर कहानी में एक उत्तराधिकारी आता है... और समय आने पर लेखिका भी पाठ बन जाती है।
दो. तीनों की प्रतिक्रिया
केलन ने तलवार टांग से बाहर निकाल ली। अगर ये युद्ध की चुनौती है, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।
लूसी ने शांत स्वर में कहा, नहीं... ये चुनौती सिर्फ बाहरी नहीं। ये भीतर की भी है।
एरिना ने देखा — इल्हान की काली कलम हवा में तैर रही थी और किताब के नए पन्ने खुद- ब- खुद लिखे जा रहे थे।
अगर तुम मुझे न रोको, तो मैं तुम्हारे अतीत को मिटा दूँगा। — इल्हान का स्वर सख्त था।
तीन. अतीत का बदलना शुरू
एकाएक, The Rose That Burned Twice के पहले अध्याय की रेखाएँ धुंधली होने लगीं।
केलन का पहला मिलन, लूसी का संघर्ष, और एरिना की पहली कलम की धार — सब कुछ मिटता जा रहा था।
वो हमारे इतिहास को दोबारा लिख रहा है...” लूसी चौंकी।
तो फिर हमें भी कुछ लिखना होगा, एरिना ने कहा।
चार. कलम बनाम कलम
एरिना ने अपनी हथेली से अपनी सुनहरी कलम निकाली। दोनों कलमें — इल्हान की काली और एरिना की स्वर्ण — आकाश में टकराईं।
हर टकराव पर एक नया दृश्य उभरता:
एरिना की ओर से प्रेम, त्याग और एकता के चित्र।
इल्हान की ओर से नियंत्रण, ताकत और अतीत को मिटाने की इच्छा।
तुम्हारे शब्दों में भावना है, पर मेरे शब्दों में व्यवस्था है, इल्हान ने कहा।
पाँच. नाइल की कुर्बानी
इल्हान ने एक छाया का वार किया जो एरिना को भेदने वाली थी। तभी नाइल सामने कूद गया।
वार सीधा नाइल के सीने में जा घुसा।
नहीं! एरिना चीखी।
नाइल गिर पडा, लेकिन मुस्कराया। मेरी कहानी अब पूरी हुई... पर तुम अपनी पूरी करो।
छह. एरिना की नई शक्ति
नाइल की मृत्यु ने एरिना की आँखों को नम कर दिया, पर साथ ही कुछ नया जगा — शब्दों की भावना।
उसने अपनी कलम उठाई और आकाश में लिखा:
कहानियाँ बदल सकती हैं — लेकिन जो सच्चा था, वो कभी नहीं मिटता।
अचानक, समय थम गया। इल्हान की कलम काँपने लगी
सात. अंतिम संवाद
इल्हान ने कहा, तुम मेरी परीक्षा में सफल रही हो... लेकिन मैं अभी गया नहीं हूँ।
तुम्हें क्या चाहिए? एरिना ने पूछा।
कहानी में जगह... नायक नहीं, पर एक मार्गदर्शक की। मेरा अतीत छाया था, पर मैं उसका बंदी नहीं बनना चाहता।
एरिना ने धीरे से सिर हिलाया।
कहानी को बाँटना कभी गलत नहीं होता — जब इरादा साझा हो।
एपिसोड उन्नीस समाप्त.
एपिसोड बीस: प्रतिबिंबों का महल
एक. नई दुनिया की दस्तक
एरिना, केलन, लूसी और अब इल्हान — चारों एक साथ उस काँच के दरवाजे के पार की दुनिया में प्रवेश कर चुके थे। लेकिन इस दुनिया की बनावट अजीब थी। हर तरफ आईने लगे थे — हर आईने में कोई न कोई अतीत झलक रहा था।
ये जगह. हमारी आत्मा का प्रतिबिंब है, इल्हान ने कहा।
केलन ने एक शीशे में देखा — जहाँ उसका अतीत उसे डरपोक और असहाय दिखा रहा था।
क्या हम यहाँ खुद से लडने आए हैं? लूसी ने पूछा।
दो. आईनों का हमला
जैसे ही वे आगे बढे, आईनों से परछाइयाँ बाहर निकलने लगीं। ये वही रूप थे जो कभी उनके डर, पछतावे और गलतियों से बने थे।
एरिना के सामने उसका पुराना स्वरूप आया — एक निर्दयी, स्वार्थी विलेन जो उसने इस दुनिया में जन्म के साथ पाया था।
तुम्हें लगता है तुम बदल गई हो? उस परछाईं ने पूछा। लेकिन मैं अब भी तुम्हारे अंदर हूँ।
तीन. आत्म- स्वीकृति की लडाई
केलन ने अपनी परछाईं से कहा, मैं डरता था, हाँ। लेकिन अब मैं अपने डर को पहचानता हूँ, नकारता नहीं।
लूसी ने अपने अतीत को गले लगाया। मैंने गलतियाँ कीं, लेकिन अब मैं सीख गई हूँ कि सजा हमेशा अंधकार नहीं होती — कभी- कभी वो प्रकाश की ओर पहला कदम होती है।
एरिना चुप रही। उसने अपनी परछाईं को देखा और कहा, मैंने तुम्हें कभी नकारा नहीं, बस छुपाया था। अब मैं तुम्हें अपनाकर मुक्त होती हूँ।
चार. आईनों का टूटना
जैसे ही इन तीनों ने अपने डर को स्वीकारा, आईने फूटने लगे। चमकते टुकडे हवा में बिखरे और एक नया मार्ग खुल गया — एक सुंदर पुस्तकालय, जिसमें किताबें हवा में तैर रही थीं।
ये है... मूल शब्दों की जगह, इल्हान ने कहा। यहाँ से हर कहानी की शुरुआत होती है।
पाँच. पुस्तकालय की चेतावनी
जैसे ही उन्होंने भीतर कदम रखा, एक पुरानी किताब अपने आप खुल गई। उसमें लिखा था: हर कहानी जो दोबारा लिखी जाती है, एक पुराने सच को खो देती है। ध्यान रहे — परिवर्तन न्याय है, पर विस्मृति विनाश।
एरिना ने धीरे से किताब बंद की।
हमें आगे क्या करना है? लूसी ने पूछा।
एरिना ने अपनी कलम उठाई और मुस्कराई।
अब हमें इस कहानी का भविष्य लिखना है — लेकिन सच्चाई के साथ, न कि भ्रम के साथ।

एपिसोड इक्कीस: सच्चाई की सीढियाँ
एक. अंतिम मंजिलचारों अब“ मूल पुस्तकालय” की सबसे ऊँची मंजिल पर पहुँच चुके थे — वहाँ केवल एक चबूतरा था और उस पर एक किताब, खुली हुई, मगर उसका पन्ना खाली था।
एरिना की सांसें धीमी हो गईं।
क्या यही है कहानी का भविष्य?
इल्हान ने सिर झुकाया। यह पन्ना अब तुम्हारा है।
दो. आत्मा की पुकारपुस्तकालय की दीवारों से एक स्वर गूंजा — जैसे किसी प्राचीन आत्मा की:
जो पुनर्जन्म लेकर लौटा है, वो केवल बचने नहीं — बदलने आया है।
एरिना ने किताब की ओर कदम बढाया, उसकी कलम हाथ में कांप रही थी।
तीन. अपने अस्तित्व को स्वीकारनाउसने पहली पंक्ति लिखी: मैंने पुनर्जन्म नहीं लिया था. मैं खुद को पहचानने लौटी थी।
शब्द जैसे जमीन में ऊर्जा भरने लगे। पूरा कमरा रोशनी से भर गया।
हर किताब जो दीवारों में जमी थी, हिलने लगी — जैसे उनके पन्नों को नई सांसें मिली हों।
चार. आत्म- यात्रा की शुरुआतकेलन ने एरिना के पास आकर कहा, तुम अब भी सोचती हो कि ये सिर्फ तुम्हारी कहानी है?
एरिना ने सिर झुकाया। अब समझ में आया... ये कहानी सबकी है — पर आत्मा मेरी भी है।
लूसी ने कहा, और शायद पहली बार, हम सब एक ही वाक्य में शामिल हैं — बिना शर्तों के।
पाँच. पुनः निर्माण का मंत्रइल्हान ने अपनी काली कलम जमीन पर रख दी।
मैं तुम्हारी लेखनशक्ति स्वीकार करता हूँ। मेरी भूमिका अब सिर्फ एक दर्शक की होगी — जब तक जरूरत हो।
एरिना ने देखा — इल्हान का चेहरा अब शांत था। उसकी नीली लपटें बुझ गई थीं।
छह. कहानी की अगली पंक्तियाँएरिना ने अगली पंक्तियाँ लिखनी शुरू कीं:
लूसी, जो अंधकार से उभरी, अब रोशनी की रखवाली करेगी। केलन, जो साया था, अब ढाल बनेगा।
शब्दों के साथ ही उनके अस्तित्व स्थिर होने लगे — जैसे कहानी अब उन्हें स्थायी पहचान दे रही हो।
सात. लौटने का द्वारअचानक, पुस्तकालय के बीचोंबीच एक सुनहरा द्वार खुला — वो द्वार जो अब उन्हें वापस उस दुनिया में ले जाएगा जिसे उन्होंने छोडा था।
पर अब वे किरदार नहीं थे — अब वे निर्माता बन चुके थे।
एरिना ने आखिरी बार पुस्तकालय की ओर देखा और कहा:
अब हम सिर्फ पन्नों के हिस्से नहीं... अब हम लेखनी की आत्मा हैं। एपिसोड बाईस: लौटती रेखाएँ
एक. वापस लौटना — पर अब अलग रूप मेंसुनहरे द्वार से बाहर निकलते ही, चारों की आँखों के सामने वो दुनिया थी जहाँ ये सब शुरू हुआ था — लेकिन अब कुछ बदल चुका था। हवाओं में वही कहानी की गंध थी, मगर उसके स्वर अलग थे। ये वही दुनिया है, एरिना ने धीमे से कहा, लेकिन अब इसकी रचना हमने की है। लूसी ने जमीन को छुआ — उसे ठंड नहीं, बल्कि धडकन महसूस हुई। दो. समय की गडबडीपर जिस क्षण उन्होंने पहला कदम रखा, उन्होंने महसूस किया कि समय कुछ और कह रहा था। गाँव, महल, रास्ते — सब वैसा ही था, लेकिन कुछ साल पीछे। क्या हम... भूत में आ गए हैं? केलन ने पूछा। या फिर समय ने कहानी को हमारी गति से लिखा नहीं, इल्हान ने समझाया। तीन. एक जानी- पहचानी आवाज“ एरिना! किसी ने पुकारा — वो आयशा थी। वही लडकी जो पहले भाग में उसकी दुश्मन थी। लेकिन अब उसकी आँखों में डर नहीं, अपनापन था। तुम वापस आ गईं? आयशा बोली। सब लोग तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रहे थे... ‘कहानी की संधि’ टूट चुकी थी। चार. टूटी संधि का रहस्यलोगों ने बताया — जब एरिना, केलन और लूसी गायब हुए, किताब की आत्मा भी चुप हो गई। कहानी अधूरी लटकी रही, और हर पात्र असमंजस में जीने लगा। संधि, जो पात्रों और लेखकों के बीच थी, अब समाप्त हो चुकी थी। तुम्हारे बिना हम अधूरे हो गए, एक बुजुर्ग ने कहा। लेकिन तुम... अब वो नहीं जो गई थीं। पाँच. एरिना का उत्तर“ हाँ, एरिना बोली, मैं अब सिर्फ लेखिका नहीं... मैं अब सुनने भी जानती हूँ। उसने पुस्तकालय की आत्मा की दी हुई अंतिम कलम उठाई और आसमान की ओर इशारा किया। एक पन्ना बना — हवा में चमकता हुआ, पारदर्शी। उस पर उसने पहला शब्द लिखा: हम मिलकर लिखेंगे। छह. नवलेखन की शुरुआतगाँव के बच्चे, युवा, बुजुर्ग — सबने अपनी कल्पनाएँ बाँटनी शुरू कीं। एरिना ने सबको वह शक्ति दी जिससे वे अपनी बातें कह सकें — और हर स्वर अब कहानी में शामिल था। लूसी ने एक नया अध्याय लिखा, जहाँ अंधकार और प्रकाश एक ही वृत्त में घूमते थे। केलन ने नई भाषाओं की कल्पना की, जहाँ मौन भी संवाद बन जाए। इल्हान, मुस्कुराकर पन्ने पलट रहा था, और हर नए दृश्य में वह खुद को पीछे रखता जा रहा था। सात. अंतिम पंक्ति — एक नई कहानी की शुरुआतजब दिन ढलने लगा, और सब शांत हुआ, एरिना ने उस पारदर्शी पन्ने पर आखिरी पंक्ति लिखी: हर पुनर्जन्म एक दूसरा नाम है — खुद को फिर से सुनने का।
और जैसे ही ये लिखा गया — आकाश में एक नई किताब खुली... जिसका शीर्षक था: The Rose That Bloomed With All" एपिसोड बाईस समाप्त.
एपिसोड तेईस: नये अध्याय की पहली बारिश
एक. पहली बूंद — दिल की जमीन पर
गाँव की पथरीली जमीन पर जब पहली बारिश की बूंदें गिरीं, तो एरिना की आँखों से भी कुछ पुरानी परतें धुलने लगीं। बारिश में भीगती हुई वो न तो पहले जैसी लेखिका थी, न ही एक सख्त किरदार — वो अब खुद को भी लिख रही थी। लूसी ने बालों को पीछे किया और मुस्कराई, बरसात कभी- कभी सिर्फ पानी नहीं लाती... कभी- कभी जवाब भी। दो. नाइल की वापसी... एक रहस्य के साथ
तभी दूर से कोई आता दिखा — भारी कद- काठी, गीले बाल, और आँखों में वही गहराई जिसे एरिना कभी भूल नहीं सकी थी। नाइल? लूसी ने फुसफुसाया। वो सच था। वो जिंदा था। पर उसकी उपस्थिति अब अलग थी — वो अब भीगता नहीं था, बारिश जैसे उसे छू भी नहीं पाती। एरिना दौडी, मगर रुक गई।
तुम. जीवित कैसे? नाइल ने मुस्कराकर कहा, शब्द जो एक बार लिखे जाते हैं, अगर उन्हें मिटाया नहीं गया... तो वे मरते नहीं। मैंने तुम्हारे लिखे एक वाक्य में शरण ली थी। तीन. संवाद की नमी