एपिसोड चौदह: वो जो इंतजार करता रहा
एक. केलन की तन्हाई
महल की गलियाँ खामोश थीं। वो दीवारें जो कभी एरिना की हँसी से गूंजा करती थीं, अब हर कोने में खामोशी का सन्नाटा था।
केलन हर सुबह वही काम करता — खिडकी के पास बैठ कर एक ही दिशा में देखना।
जहाँ एरिना गई थी...
तुमसे दूर रहना, मेरा सबसे कठिन इम्तिहान है।
उसने अपनी डायरी के आखिरी पन्ने पर लिखा।
एक गुलाब की सूखी पंखुडी अब भी उस डायरी में दबाई थी — एरिना की दी हुई।
दो. जब अतीत लौटे — और बदला माँगे
अचानक एक तूफानी रात में महल की पुरानी लाइब्रेरी में हलचल हुई।
लूसी वहाँ थी — पर इस बार उसके साथ कोई और था:
कर्स्टो — एक निष्कासित लेखक, जिसे इस नॉवेल की दुनिया से हटा दिया गया था।
मैं वह लेखक हूँ, उसने कहा, जिसे उसकी ही कहानी ने नकारा।
अब उसके पास कलम नहीं, अंधकार था।
मैं इस बार कहानी को फिर से लिखूँगा — लेकिन प्यार की नहीं... विनाश की।
तीन. जलती हुई यादें
The Rose That Burned Twice — किताब जिसे एरिना ने छुआ था — अब खुद जल रही थी।
हर पन्ना जो एरिना और केलन के प्यार की गवाही देता था — राख बनता जा रहा था।
लूसी ने काँपते हुए देखा...
फिर अचानक एक शब्द खुद- ब- खुद पन्ने पर उभरा:
वो लौटेगी।
लूसी की साँसें रुक गईं।
एरिना वापस आएगी?
चार. उम्मीद की लौ
केलन ने एक मोमबत्ती जलाई — वही पहली रात वाली।
जब तक ये लौ जलेगी, तब तक मेरा प्यार जिंदा है।
उसने खिडकी की ओर देखा और फुसफुसाया:
लौट आओ, एरिना... मैं अब भी वही हूँ, तुम्हारा इंतजार करने वाला।
एपिसोड पंद्रह( जहाँ एरिना लौटती है — लेकिन बदली हुई)
एक. रेख से बाहर
दरवाजा खुला... और एरिना लौट आई — लेकिन अब उसकी आँखों में वैसा मासूम डर नहीं था।
वो बदल चुकी थी। अब वो सिर्फ किरदार नहीं थी — वो लेखिका थी। चारों ओर की हवा भी मानो उसके इरादे पहचान गई थी। हर कदम पर धूल उडती, और हवाओं में सरसराहट होती — जैसे कोई नई शुरुआत उसके साथ चल रही हो। अब कोई हमें मिटा नहीं सकता, उसने खुद से कहा। दो. केलन से पहला सामना
जब केलन ने उसकी आहट सुनी, वो विश्वास नहीं कर पाया। एरिना...” उसके कदम काँपने लगे — वो दौडकर आई और उसकी बाँहों में समा गई। मुझे माफ करना, एरिना की आवाज भर्राई हुई थी, मुझे जाना था... खुद को समझने के लिए। केलन ने उसे और कसकर थाम लिया।
अब कभी मत जाना। अब जाऊँगी तो साथ ले चलूँगी। तीन. नई शक्ति की परीक्षा
एरिना अब सिर्फ एक किरदार नहीं थी।
उसके शब्द अब इस दुनिया को बदल सकते थे — मगर उसके हर शब्द की एक कीमत थी। जब उसने पहला आदेश दिया —“ महल की सीमाएँ सुरक्षित हो जाएं” — तब पूरी दीवारें नीली रोशनी में चमक उठीं। जायेन की आवाज उसके अंदर गूंजी: याद रखो, लेखिका — जितनी शक्ति, उतना त्याग।
चार. लूसी की दुविधा
दूर से लूसी ने देखा — एरिना लौट आई थी। पर अब वह पहले जैसी नहीं थी। मैंने जिसे मिटाना चाहा... अब वो मुझे मिटा सकती है, लूसी फुसफुसाई। लेकिन उसके अंदर एक आवाज गूंजी —“ या शायद... अभी भी उसे बचाया जा सकता है।
कर्स्टो ने लूसी से कहा, अब वक्त है उस महल को जलाने का। लूसी चुप रही — शायद पहली बार, उसे अपनी नफरत पर शक हुआ था। आत्मा है — वो भाग जिसे कभी स्वीकार नहीं किया गया।
सब चौंक गए।
जब कहानी को प्रेम मिला, तब उसमें द्वेष भी जन्मा। कर्स्टो वही द्वेष है... जिसे कभी अपनी जगह नहीं मिली।
एरिना ने कहा:
तो उसे हराना नहीं, स्वीकार करना होगा।
छह. स्वीकार और शांतिएरिना ने धीरे से कर्स्टो की ओर हाथ बढाया।
अगर तुम चाहो... तो हम मिलकर इस कहानी को पूरा कर सकते हैं।
कर्स्टो की आँखों में आँसू थे — पर वो बुझ चुके थे।
मैं थक गया हूँ... हर बार सिर्फ नकारा गया। शायद... अब मैं सिर्फ पन्ना बनकर रहना चाहूँगा।
सात. कहानी फिर से जीवितजैसे ही कर्स्टो की शक्ति शांत हुई, The Rose That Burned Twice का जला हुआ पन्ना वापस आकार लेने लगा।
हर शब्द जो मिट गया था, लौट आया।
महल फिर से रोशनी में नहाने लगा। लोग जाग उठे। दरवाजे खुले।
लूसी ने एरिना से कहा:
क्या अब मैं भी इस कहानी का हिस्सा रह सकती हूँ?
एरिना ने मुस्कराते हुए सिर हिलाया।
अब हम सब मिलकर इसे पूरा करेंगेएक. महल पर हमला
कर्स्टो ने अपनी छाया को हवा में फैलाया — और वो महल की बाहरी दीवारों से टकराई।
एक जोरदार धमाका हुआ। पहरेदार गिर गए। दरवाजे खुद- ब- खुद खुलने लगे। एरिना दौडती हुई बाहर आई। कर्स्टो...” उसके होठों से निकला। लेखिका, उसने झुकते हुए कहा, तुमने लौटकर अच्छा किया... मुझे तुम्हें खत्म करने का दूसरा मौका मिल गया। दो. लूसी का मन बदलता है?
कर्स्टो ने एरिना पर वार किया — लेकिन तभी सामने आ गई लूसी। रुको! वो चिल्लाई। कर्स्टो भौंचक्का रह गया। तुम्हें क्या हो गया है? लूसी की आँखों में कुछ टूटा हुआ था — शायद पछतावा, या फिर डर। वो अब दुश्मन नहीं लगती...” उसने धीरे से कहा। तीन. एक अधूरा वार कर्स्टो ने गुस्से में आकर एक काली छाया छोडी — वो एरिना की ओर बढी। लेकिन एरिना ने अपनी हथेली उठाई और कहा: ठहर जाओ।
एक सुनहरी दीवार उग आई — छाया रुक गई, हवा थम गई। अब ये कहानी मेरी है, एरिना ने कहा। चार. पहली दरार
कर्स्टो की आँखें लाल हो गईं।
अगर तुम कहानी की लेखिका हो — तो मैं उस कहानी का अंधेरा हूँ। उसकी बातों से जमीन काँप उठी। आकाश पर काले तूफान छा गए। केलन ने एरिना का हाथ थाम लिया। तुम अकेली नहीं हो। पाँच. युद्ध की तैयारी
एरिना ने गहरी साँस ली।
अब इसे रोकने के लिए सिर्फ प्यार नहीं... शक्ति भी चाहिए। लूसी ने पीछे से कहा: अगर मैं भी साथ चलूँ... क्या तुम मुझे माफ करोगी?
एरिना ने उसकी तरफ देखा, सिर हिलाया...
अगर तुम खुद को माफ करना चाहो — तो कहानी दोबारा शुरू हो सकती है। एक. रेख से बाहर
दरवाजा खुला... और एरिना लौट आई — लेकिन अब उसकी आँखों में वैसा मासूम डर नहीं था।
वो बदल चुकी थी। अब वो सिर्फ किरदार नहीं थी — वो लेखिका थी। चारों ओर की हवा भी मानो उसके इरादे पहचान गई थी। हर कदम पर धूल उडती, और हवाओं में सरसराहट होती — जैसे कोई नई शुरुआत उसके साथ चल रही हो। अब कोई हमें मिटा नहीं सकता, उसने खुद से कहा। दो. केलन से पहला सामना
जब केलन ने उसकी आहट सुनी, वो विश्वास नहीं कर पाया। एरिना...” उसके कदम काँपने लगे — वो दौडकर आई और उसकी बाँहों में समा गई। मुझे माफ करना, एरिना की आवाज भर्राई हुई थी, मुझे जाना था... खुद को समझने के लिए। केलन ने उसे और कसकर थाम लिया।
अब कभी मत जाना। अब जाऊँगी तो साथ ले चलूँगी। तीन. नई शक्ति की परीक्षा
एरिना अब सिर्फ एक किरदार नहीं थी।
उसके शब्द अब इस दुनिया को बदल सकते थे — मगर उसके हर शब्द की एक कीमत थी। जब उसने पहला आदेश दिया —“ महल की सीमाएँ सुरक्षित हो जाएं” — तब पूरी दीवारें नीली रोशनी में चमक उठीं। जायेन की आवाज उसके अंदर गूंजी: याद रखो, लेखिका — जितनी शक्ति, उतना त्याग।
चार. लूसी की दुविधा
दूर से लूसी ने देखा — एरिना लौट आई थी। पर अब वह पहले जैसी नहीं थी। मैंने जिसे मिटाना चाहा... अब वो मुझे मिटा सकती है, लूसी फुसफुसाई। लेकिन उसके अंदर एक आवाज गूंजी —“ या शायद... अभी भी उसे बचाया जा सकता है।
कर्स्टो ने लूसी से कहा, अब वक्त है उस महल को जलाने का। लूसी चुप रही — शायद पहली बार, उसे अपनी नफरत पर शक हुआ था। एपिसोड सत्रह: दरारों के पार
एक. संघर्ष के बाद की चुप्पी
महल अब शांत था — पर वो शांति डरावनी थी। दीवारें टूटी थीं, आकाश धुँधला, और जमीन पर अब भी कर्स्टो की काली राख बिखरी हुई थी।
एरिना महल के आंगन में खडी थी — उसकी हथेली पर वो जले हुए शब्द झिलमिला रहे थे जो लौटकर आए थे।
ये सिर्फ युद्ध नहीं था...” उसने केलन से कहा। ये कहानी की आत्मा को पहचानने की प्रक्रिया थी।
दो. लूसी की असुरक्षा
लूसी एक कोने में बैठी थी, चुप और थकी हुई। उसने पहली बार जीवन में ‘कहानी’ को समझा — और उसमें अपनी जगह को भी।
एरिना उसके पास आई और बिना कुछ कहे उसका हाथ थाम लिया।
लूसी की आँखों में आँसू थे। तुम्हें डर नहीं लगता... कि मैं फिर से बदल सकती हूँ?
डर लगता है, एरिना ने कहा। लेकिन भरोसा... उससे बडा है।
तीन. किताब का पुनर्जन्म
एरिना, केलन और लूसी मिलकर The Rose That Burned Twice के केंद्र में पहुँचे — जहाँ उसकी आत्मा जमी हुई थी।
एरिना ने अपनी हथेली उस खाली पन्ने पर रखी — और उसके स्पर्श से शब्द उभरने लगे।
हम सब अधूरे हैं — पर जब मिलते हैं, तो कहानी पूरी होती है।
किताब की रीढ फिर से जुडने लगी। अब वो सिर्फ किसी की लिखी कहानी नहीं, तीन आत्माओं का साझा अनुभव बन रही थी।
चार. केलन की प्रतिज्ञा
रात के सन्नाटे में, केलन ने एरिना से कहा:
मैं जानता हूँ, तुम लेखिका हो... तुम्हारे शब्द दुनिया बदलते हैं। लेकिन मेरा वादा है — मेरी मौजूदगी तुम्हारे शब्दों से आगे नहीं जाएगी। मैं केवल तुम्हारे पीछे खडा रहूँगा, सदा।
एरिना ने उसकी ओर देखा। मैं चाहती हूँ कि तुम मेरे साथ चलो — पीछे नहीं, बराबर में।
केलन मुस्कराया। तब चलो — अगली कहानी में साथ।
पाँच. नया खतरा... दूर क्षितिज पर
जब सब कुछ ठीक लगने लगा, तभी दूर क्षितिज पर नीली बिजली चमकी। एक नई उपस्थिति ने किताब के बचे हुए पन्नों में हलचल शुरू की।
ये क्या है? लूसी ने पूछा।
एरिना की आँखें सिकुड गईं। कोई और लिखने लगा है...”
केलन ने कहा, क्या और लेखक हैं?
नहीं, एरिना धीमे से बोली, ये पाठक है — जो अब अपनी कहानी बनाना चाहता है। एपिसोड अठारह: नई कलम, नया खतरा
एक. नीली बिजली की भविष्यवाणी
उस रात जब नीली बिजली ने क्षितिज को चीरते हुए The Rose That Burned Twice के पन्नों में हलचल मचाई, तब सबने सोचा था — युद्ध समाप्त हो गया। लेकिन एरिना जानती थी — कहानी अभी अधूरी है। कोई था जो उसकी सीमाओं से बाहर था, लेकिन उसके शब्दों पर असर डाल सकता था। यह पाठक नहीं...” एरिना ने कहा, यह... लेखक का उत्तराधिकारी है। दो. कांच के द्वार की खोज
जायेन ने उन्हें एक रहस्य बताया — किताब के पन्नों से परे एक“ कांच का द्वार” है, जहाँ से असली लेखक दुनिया में प्रवेश कर सकता है। वो जो कलम उठाता है, जायेन ने कहा, वो सिर्फ शब्द नहीं बनाता... वो नियति तय करता है। तीनों — एरिना, केलन और लूसी — अब उस द्वार की ओर निकल पडे, एक ऐसे रास्ते पर जहाँ उनकी शक्तियाँ काम नहीं करती थीं। तीन. जंगल जहाँ शब्द मरते हैं
कांच के द्वार तक पहुँचने के रास्ते में उन्हें एक जंगल मिला — वो जंगल जहाँ शब्द मर जाते हैं। हर बार जब एरिना कुछ कहने की कोशिश करती, उसका शब्द अधूरा रह जाता। आवाज गायब हो जाती। ये जगह मौन की कहानी है, लूसी ने कहा। और मौन से बडा डर कोई नहीं, केलन ने जोडा। चार. एक और किरदार की वापसी
जैसे ही वे जंगल पार कर रहे थे, सामने एक जाना- पहचाना चेहरा आया — नाइल, एरिना का वो पुराना मित्र, जो कभी पहले खंड में मारा गया था। पर वो जिंदा कैसे? मैं उस दिन मरा नहीं था, नाइल ने कहा। मैं इस जंगल में छिपा दिया गया... ताकि मैं लौटकर तुम्हें चेतावनी दे सकूँ। तुम्हारी कहानी अब सिर्फ तुम्हारी नहीं रही, एरिना। कोई और अब इसे हथियाना चाहता है। पाँच. द्वार का खुलना
आखिरकार वो तीनों“ कांच के द्वार” के सामने खडे थे। एक विशाल पारदर्शी द्वार, जिसमें हर किरदार का अक्स झलकता था। केलन ने आगे बढकर पूछा, क्या हम इसके पार जा सकते हैं? जायेन की आवाज फिर गूंजी: सिर्फ वही प्रवेश कर सकता है, जिसने खुद को कहानी से अलग देखा हो... और फिर भी उसमें लौटने का चुनाव किया हो।
एरिना ने आँखें बंद कीं। उसने सब देखा — अपना पुनर्जन्म, संघर्ष, प्रेम, घृणा, युद्ध... और फिर उसने हाथ बढाया। द्वार धीरे- धीरे चमकने लगा... और एक नयी दुनिया दिखाई देने लगी। छह. नई दुनिया में पहला कदम
द्वार के पार वो जगह थी जो किताब के किसी पन्ने में नहीं थी — एक ऐसी दुनिया जहाँ हर शब्द अब लिखा जाना बाकी था। हर पेड, हर ध्वनि, हर कण — मानो किसी अधूरी कविता का हिस्सा हो। लेकिन तभी एक आवाज गूंजी — ठंडी, लेकिन स्पष्ट: स्वागत है, लेखिका... लेकिन अब तुम्हारे शब्दों की इजाजत मुझे देनी होगी।
एक व्यक्ति सामने आया — सफेद चोगे में, आँखों में नीली लपटें, और हाथ में काली कलम। मैं हूं — उत्तराधिकारी। इस कहानी की नई शुरुआत। एपिसोड अठारह समाप्त.