साइलेंट हार्ट्स (조용한 마음 – Joyonghan Maeum)
लेखक: InkImagination
एपिसोड 16: दिल की उड़ान (The Flight of the Heart)
सियोल की सुबहें अब जिवोन और मिन्हो के लिए एक नई उड़ान लेकर आ रही थीं। मिन्हो का पेंडेंट, उनकी साथ में बनाई गई लय, और उसका वादा—“तुम मेरी धुन हो”—जिवोन के दिल में एक ऐसी ताकत बन चुका था, जो हर मुश्किल को पार कर रहा था। म्यूज़िक फेस्टिवल में उनकी धुन की तारीफ और जिवोन के पिता की नरमी ने एक नई उम्मीद जगा दी थी, लेकिन मिन्हो के भाई, किम जुनसु, का टकराव अब भी उनके रिश्ते में एक साया बनकर लटक रहा था।
पार्क जुनहो का प्रोजेक्ट पार्टनर के रूप में सहयोग अब जिवोन के लिए एक सच्ची दोस्ती बन रहा था, लेकिन उसकी ताने भरी टिप्पणियाँ अब भी हल्का तनाव ला रही थीं। क्या जिवोन और मिन्हो अपनी लय को दुनिया के सामने बचा पाएँगे? और क्या उनका प्यार इन आखिरी इम्तिहानों में और मज़बूत हो पाएगा?
🎶 नया प्रोजेक्ट
जिवोन की स्कूलरशिप में एक नया प्रोजेक्ट शुरू हुआ था—एक इंडिपेंडेंट म्यूज़िक कंपोज़िशन, जो एक बड़े कॉन्सर्ट में पेश किया जाना था। जिवोन ने अपनी और मिन्हो की धुन को आधार बनाकर काम शुरू किया, लेकिन इस बार वह इसे और गहरा बनाना चाहता था।
म्यूज़िक रूम में जिवोन अकेला प्रैक्टिस कर रहा था। उसकी उंगलियाँ कीबोर्ड पर चली जा रही थीं, और धुन में अब एक नई उड़ान थी। तभी जुनहो अंदर आया। “जिवोन, सुना है तुम्हारा नया प्रोजेक्ट सुपरहिट होने वाला है। क्या मैं सुन सकता हूँ?” उसने उत्साह से पूछा।
जिवोन ने हल्के से मुस्कुराया। “अभी अधूरा है, लेकिन सुनो।” उसने अपनी धुन शुरू की, और जुनहो चुपचाप सुनता रहा।
धुन खत्म होने के बाद जुनहो ने ताली बजाई। “वाह, जिवोन! ये तो कमाल है। और इसमें… मिन्हो की झलक है, ना?” उसकी आवाज़ में अब ताना नहीं, बल्कि एक सच्ची तारीफ थी।
जिवोन ने सिर हिलाया। “हाँ… वो मेरी प्रेरणा है।”
जुनहो ने हँसते हुए कहा, “तुम लकी हो। लेकिन अगर तुम्हें कभी गिटार की ज़रूरत हो, तो मैं तैयार हूँ। हम फिर से साथ में कुछ बना सकते हैं।”
जिवोन ने मुस्कुराते हुए कहा, “क्यों नहीं? तुम अच्छे पार्टनर हो।”
यह पहली बार था जब जिवोन ने जुनहो को एक सच्चे दोस्त के रूप में देखा।
😤 मिन्हो और जुनसु का रिश्ता
उस दोपहर मिन्हो अपने भाई, जुनसु, से मिलने एक पार्क में गया। जुनसु बेंच पर बैठे थे, उनकी आँखों में अब वह ठंडक नहीं थी। “मिन्हो, मैंने तुम्हारी परफॉर्मेंस के बारे में सुना,” जुनसु ने धीरे से कहा। “और जिवोन के बारे में भी।”
मिन्हो ने सिर झुकाकर कहा, “ह्युंग, जिवोन मेरे लिए सब कुछ है। और मेरा सपना… वो मुझे ज़िंदा रखता है।”
जुनसु ने एक गहरी साँस ली। “मिन्हो, मैंने भी कभी सपनों के लिए लड़ा था। लेकिन मैंने सब खो दिया। मैं नहीं चाहता कि तुम वही गलती करो। लेकिन… शायद तुम सही हो।”
मिन्हो की आँखें चौड़ी हो गईं। “ह्युंग…”
जुनसु ने हल्के से मुस्कुराया। “मैं तुम्हें रोकूँगा नहीं। और अगर तुम्हें मेरी ज़रूरत पड़ी, तो मैं यहाँ हूँ। जिवोन को मेरी तरफ से शुभकामनाएँ।”
मिन्हो ने जुनसु को गले लगाया। “शुक्रिया, ह्युंग। ये हमारे लिए बहुत मायने रखता है।”
यह पहली बार था जब मिन्हो ने महसूस किया कि उसका भाई अब उसके साथ है, न कि उसके खिलाफ।
🎤 कॉन्सर्ट का पल
कॉन्सर्ट का दिन आ गया। जिवोन की धुन अब पूरी हो चुकी थी, और वह स्टेज पर खड़ा था। ऑडियंस में मिन्हो सबसे आगे था, उसकी मुस्कान जिवोन को हिम्मत दे रही थी। जिवोन ने गहरी साँस ली और अपनी धुन शुरू की—वही धुन, जो मिन्हो के लिए बनी थी, लेकिन अब इसमें उनकी नई लय भी थी।
धुन गूंजी, और ऑडियंस खामोश हो गई। हर स्वर में जिवोन का प्यार, उसका संघर्ष, और उसकी जीत थी। जब आखिरी स्वर गूंजा, तालियों की गड़गड़ाहट ने हॉल को हिला दिया।
जिवोन ने मिन्हो की ओर देखा, और मिन्हो की आँखें गर्व से भरी थीं। लेकिन तभी जिवोन की नज़र अपने पिता पर पड़ी, जो ऑडियंस में खड़े थे। इस बार उनके चेहरे पर मुस्कान थी।
कॉन्सर्ट के बाद जिवोन के पिता उसके पास आए। “जिवोन, आज मैंने देखा कि तुम्हारा संगीत सच में क्या है। और मैं… मैं तुम पर गर्व करता हूँ।”
जिवोन की आँखें नम हो गईं। “पापा…”
जंगसु ने हल्के से जिवोन के कंधे पर हाथ रखा। “तुम्हें रोकूँगा नहीं। अपना रास्ता चुनो। और अगर कभी ज़रूरत पड़े, तो मैं यहाँ हूँ।”
जिवोन ने अपने पिता को गले लगाया। यह पहली बार था जब उसे अपने पिता की स्वीकृति मिली थी।
🌌 हान नदी पर एक और डेट
उस रात मिन्हो और जिवोन हान नदी के किनारे गए। पानी की लहरें शहर की रोशनी को चमका रही थीं, और हवा में एक नरम ठंडक थी।
जिवोन ने मिन्हो की ओर देखा। “मिन्हो, आज मेरे पापा ने मुझे स्वीकार किया। और तुम्हारे ह्युंग ने भी… सब ठीक हो गया।”
मिन्हो ने जिवोन का हाथ थामा। “जिवोन, ये हमारी जीत है। तुमने मुझे सिखाया कि प्यार और सपने एक साथ जी सकते हैं।”
जिवोन ने पेंडेंट को छुआ। “मिन्हो, ये पेंडेंट… ये हमारी लय है।”
मिन्हो ने जिवोन को अपनी बाहों में खींच लिया। “जिवोन, तुम मेरी धुन हो। और मैं तुम्हारी लय। हम साथ में उड़ेंगे।”
उस पल में हान नदी की लहरें जैसे उनके प्यार की गवाही दे रही थीं। जिवोन ने मिन्हो की बाहों में सुकून पाया, और उसे लगा कि यह उनकी सच्ची जीत थी।
🕊️ एपिसोड 15 का अंत
उस रात जिवोन अपने डॉर्म में लौटा। उसने पेंडेंट को छुआ और मुस्कुराया। उसका दिल हल्का था, जैसे मिन्हो की बाहों ने उसके सारे डर को मिटा दिया हो। उसने अपना कीबोर्ड खोला और अपनी और मिन्हो की धुन फिर से शुरू की। यह अब सिर्फ़ उनकी लय नहीं थी—यह उनकी जीत थी, जो हर स्वर में गूंज रही थी।
लेकिन जिवोन का एक साल का अल्टीमेटम और मिन्हो के भाई की उदासी अब भी उनके सामने थी। क्या उनकी धुन दुनिया को और जीत पाएगी? और क्या जुनहो की दोस्ती उनके रिश्ते में नया रंग लाएगी?
लेखक का नोट:
साइलेंट हार्ट्स का पंद्रहवाँ एपिसोड पढ़ने के लिए दिल से शुक्रिया! जिवोन और मिन्हो की जीत, पिता की नरमी, और सियोल टावर का पल—क्या ये सब उनके प्यार को अमर बना देंगे? उनकी कहानी अब एक नए पड़ाव पर है, जहाँ प्यार और सपनों की नई उड़ान बाकी है। Matrubharti पर मुझे, InkImagination, को फॉलो करें ताकि आप इस खूबसूरत सफर का हर पल मेरे साथ जी सकें। आपके कमेंट्स मेरे लिए अनमोल हैं—बताएँ, जिवोन और मिन्हो का सियोल टावर का पल आपको कैसा लगा? और क्या उनकी धुन अब भी गूंजेगी?
Thankyou 🥰🥰 ...