🌙 एपिसोड 14 :
“रूह बनी मोहब्बत – तहख़ाने का पहला दरवाज़ा”
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⏳ रात का सन्नाटा – पुस्तकालय के भीतर
पुरानी पुस्तकालय की हवा और गहरी होती जा रही थी। धूल से ढकी अलमारियों में रखी किताबें मानो सदियों से किसी रहस्य की रखवाली कर रही थीं। सबकी निगाहें उस किताब पर टिकी थीं, जिस पर लिखा था—
“रूह बनी मोहब्बत – पहला ग्रंथ”।
आर्यन ने काँपते हाथों से किताब उठाई। उसके पन्ने खुलते ही एक ठंडी हवा पूरे हॉल में घूम गई।
अनाया ने धीमे स्वर में कहा –
“ये किताब… जैसे खुद अपनी दास्तान कह रही है।”
विवान ने उसकी उँगलियाँ थामते हुए फुसफुसाया –
“सावधान रहना, अनाया। ये सिर्फ शब्द नहीं… शायद हमारी तक़दीर का आईना है।”
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🌹 अनाया और विवान – दिल की गहराइयाँ
पुस्तकालय का माहौल भयावह था, लेकिन उस पल अनाया की सारी दुनिया सिर्फ विवान की आँखों में सिमट गई थी।
वह धीमे से बोली –
“विवान, अगर इस किताब में वो राज़ छिपा है जो हमें अलग कर दे… तब?”
विवान मुस्कुराया, उसकी ठंडी हथेलियों को अपने हाथों में लेकर बोला –
“अनाया, मोहब्बत का रिश्ता किसी किताब या रहस्य का मोहताज़ नहीं होता। अगर अंधेरे हमारे बीच आएँगे, तो मैं उन्हें रौशनी से मिटा दूँगा। तुम मेरी किस्मत हो, और किस्मत को कोई बदल नहीं सकता।”
अनाया की आँखें नम हो गईं। उसने विवान के सीने पर सिर रख दिया।
उसकी धड़कनों की रफ़्तार में उसे भरोसा मिला।
“तुम्हारे साथ हो तो डर भी मोहब्बत सा लगता है…” – अनाया ने फुसफुसाकर कहा।
विवान ने उसके बालों में उंगलियाँ फेरते हुए होंठों पर हल्का-सा किस रखा।
उस पल चारों ओर फैला अंधेरा भी उनके बीच की रौशनी को छू नहीं पाया।
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⚡ किताब का पहला पन्ना
आर्यन ने किताब का पहला पन्ना खोला। उस पर उभरे शब्द खुद-ब-खुद सुनाई देने लगे—
“जहाँ मोहब्बत अमर होती है, वहाँ रूहें भी बंध जाती हैं।
दरभंगा की हवेली के नीचे एक तहख़ाना है…
जहाँ पहला दरवाज़ा उस मोहब्बत का पहरेदार है,
जिसे सदियों पहले अंधकार ने कैद किया था।”
काव्या ने हैरानी से कहा –
“तो हवेली के नीचे सचमुच तहख़ाना है… और उस दरवाज़े तक पहुँचना ही असली इम्तिहान।”
रूहानी ने होंठ काटते हुए कहा –
“वाह! अब तो adventure और भी मज़ेदार हो गया।”
लेकिन अनाया के दिल की धड़कनें तेज हो गईं।
उसने विवान का हाथ कसकर पकड़ लिया –
“क्या होगा अगर इस तहख़ाने का सच… हमारी मोहब्बत के खिलाफ निकला?”
विवान ने उसके माथे पर चुम्बन रखकर कहा –
“तो हम किस्मत को बदल देंगे, अनाया। मोहब्बत हमेशा जीतती है।”
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🌌 सफ़र तहख़ाने की ओर
किताब के नक्शे ने हवेली के नीचे बने रास्ते की तरफ इशारा किया था।
सबने तय किया कि सुबह होने से पहले उस तहख़ाने तक पहुँचना होगा।
रास्ता सुनसान और अंधकार से भरा था। दीवारों पर जाले, फर्श पर टूटी ईंटें, और हर कदम पर गूंजती आवाज़ें।
अनाया चलते-चलते ठिठक गई।
“विवान, ये जगह तो साँसों को भी डराती है…”
विवान ने उसके दोनों हाथ अपने हाथों में लिए और उसे अपने करीब खींचा।
“तुम्हें सिर्फ मेरी साँसों पर भरोसा करना है, अनाया। डर की कोई औक़ात नहीं जब हम साथ हैं।”
उनकी आँखें मिलीं, और दोनों ने एक पल के लिए बाकी दुनिया को भुला दिया।
चुप्पी में उनकी मोहब्बत की खामोश आवाज़ गूँज उठी।
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📜 तहख़ाने का पहला दरवाज़ा
आख़िरकार वे उस जगह पहुँचे जहाँ भारी पत्थरों से बना एक विशाल दरवाज़ा खड़ा था।
दरवाज़े पर उकेरे गए चिन्ह चमकने लगे।
आर्यन ने ध्यान से देखा –
“ये वही चिन्ह हैं जो किताब में थे… यानि यही पहला दरवाज़ा है।”
काव्या ने धीरे से कहा –
“लेकिन इसे खोला कैसे जाएगा?”
अचानक किताब के पन्ने अपने आप खुल गए और शब्द उभरे—
“मोहब्बत की सच्चाई ही दरवाज़े की चाबी है।
अगर दिलों में खोट होगी, तो ये दरवाज़ा कभी नहीं खुलेगा।”
सबने एक-दूसरे को देखा।
अनाया और विवान की नज़रें टकराईं।
अनाया ने काँपते स्वर में कहा –
“मतलब… हमें अपनी मोहब्बत साबित करनी होगी?”
विवान ने बिना हिचकिचाए उसका हाथ पकड़ा और कहा –
“हाँ… और मैं हर बार तुम्हें चुनूँगा, अनाया। चाहे इम्तिहान कितना भी कठिन क्यों न हो।”
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🌹 मोहब्बत का इम्तिहान
दरवाज़े पर अचानक सुनहरी रोशनी फैली।
उस रोशनी ने अनाया और विवान को घेर लिया।
दोनों ने महसूस किया जैसे किसी अदृश्य शक्ति ने उनके दिलों को टटोलना शुरू कर दिया हो।
अनाया की आँखों में आँसू आ गए –
“विवान, अगर ये सच में इम्तिहान है… तो वादा करो, तुम मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ोगे।”
विवान ने उसके गाल थामे और गहराई से उसकी आँखों में देखते हुए कहा –
“तुम मेरे होने की वजह हो, अनाया।
अगर मैं साँस ले रहा हूँ तो सिर्फ तुम्हारे लिए।
कसम है, इस दुनिया में कोई ताक़त मुझे तुमसे जुदा नहीं कर सकती।”
उसके शब्दों में वो जुनून था, जो किसी भी किस्मत को बदल सकता था।
अनाया ने उसके होंठों पर अपना किस छोड़ दिया।
उस पल का रोमांस इतना गहरा था कि दरवाज़े पर उकेरे चिन्ह और तेज़ी से चमकने लगे।
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⚡ दरवाज़ा खुलने की आहट
पत्थर का वो विशाल दरवाज़ा हिलने लगा।
चर्र-चर्र की आवाज़ के साथ उसने अपना रास्ता खोलना शुरू किया।
रूहानी खुशी से चिल्लाई –
“वाह! सच में मोहब्बत ने दरवाज़ा खोल दिया!”
काव्या ने धीमे स्वर में कहा –
“लेकिन दरवाज़े के पार क्या होगा… ये अभी भी रहस्य है।”
अनाया ने विवान की बाँह कसकर पकड़ ली।
“अगर अंधेरा हुआ तो?”
विवान ने मुस्कुराकर कहा –
“तो हम दोनों मिलकर उसमें रौशनी जला देंगे।”
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🌪️ हुक लाइन (Suspense Ending)
दरवाज़ा पूरी तरह खुलते ही भीतर से ठंडी हवा और गहरी अंधकार की गंध बाहर फैली।
सब धीरे-धीरे अंदर बढ़े।
अचानक सामने एक और दीवार पर लिखा दिखाई दिया—
“जिसने इस तहख़ाने का पहला दरवाज़ा खोला है…
वो अपने अतीत से मिलने के लिए तैयार हो जाए।”
अनाया ने विवान की ओर देखा।
उसकी आँखों में डर और सवाल दोनों थे।
क्या इस तहख़ाने का सच उनकी मोहब्बत को और मजबूत करेगा…
या अतीत की परछाइयाँ उन्हें अलग कर देंगी?
👉 अगला एपिसोड जल्द ही…
“रूह बनी मोहब्बत – अतीत का पहला सामना”