🥀अनाथ का दिल🥀अध्याय 1
प्रेम का जन्म (भाग 06 )
पहली भावनात्मक बातचीत (Written by H K Joshi) __________________________________________________________________________________________दिल्ली का दिन हल्का धुंधला और गर्म धूप से भरा हुआ था। कॉलेज की पुरानी इमारतों की दीवारें सुनहरी धूप में चमक रही थीं। प्रांगण में छात्र-छात्राएँ आपस में हँसी-खुशी में घुल-मिल रहे थे।वादल ने अपने कदम धीमे रखते हुए देखा ,कि वर्षा अकेली एक बेंच पर बैठी किताब पढ़ रही थी। उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान और आँखों में जिज्ञासा थी। वादल धीरे-धीरे उसके पास गया।“नमस्ते वर्षा जी।” उसने हल्के स्वर में कहा।वर्षा ने सिर उठाकर उसकी ओर देखा। उसकी मुस्कान और आँखों में हल्की चमक थी।“नमस्ते वादल जी ।” उसने धीरे से कहा।दोनों के बीच कुछ पल चुप्पी रही। यह चुप्पी केवल शब्दों की नहीं थी, बल्कि दिलों की एक हल्की समझ थी।(दोस्ती और आकर्षण की शुरुआत) वर्षा: “कल की प्रस्तुति के बारे में सोच रही थी…आपकी कविता और संगीत में जो भाव थे, वे भाव बहुत सीधे मेंरे दिल तक पहुँच गए।”वादल: “धन्यवाद वर्षा जी,मैं बस वही कहता हूँ जो मेंरा दिल कहता है। शब्दों के बिना, भावनाएँ अधूरी लगती हैं।”वर्षा की आँखों में उस समय एक हल्की सी चमक उभरी थी। उसने मन ही मन सोचा —“यह लड़का सचमुच अपने दिल से बोलता है। उसकी संवेदनशीलता और सादगी आकर्षक है।”वादल ने महसूस किया कि वर्षा उसकी बातों को समझ रही थी।वह मन में सोचने लगा। “कितनी अलग है यह लड़की… इतनी समझदार और संवेदनशील।”और फिर धीरे धीरे दोनों की भावनाएं एक हल्की मुश्कराहट के आदान प्रदान से लेकर , दोनों ने हल्की-हल्की हँसी के साथ अपनी पसंद-नापसंद, छोटे-छोटे अनुभव साझा किए।वादल ने वर्षा के साथ अपने अनाथालय के दिनों की खट्टी मीठी यादें साझा कीं और वर्षा ने भी अपने बचपन की छोटी-छोटी घटनाओं के बारे में उसे बताया। इस संवाद से दोनों के बीच मन का जुड़ाव थोंड़ा गहरा होने लगा।(कला और संवेदनशीलता) वर्षा ने धीरें से बोला। “क्या तुम पेंटिंग भी करते हो?”वादल: “हाँ… कभी-कभी,मेरी कविताओं और संगीत की तरह, पेंटिंग भी मेरे लिए भावनाओं की अभिव्यक्ति है।”वर्षा की आँखों में चमक और उत्सुकता बढ़ गई।“क्या मुझे कभी तुम्हारे कुछ काम देखने का मौका मिलेगा?”वादल ने हल्की हँसी के साथ सिर झुकाया।“बिलकुल। जब समय मिलेगा, तुम्हें अवश्य दिखाऊँगा।”दोनों के बीच यह छोटा संवाद उनके बीच पहली भावनात्मक गहराई का औपचारिक संकेत था। (परिवार और समाज की हल्की चिंता) वर्षा के माता-पिता ने भी इस नए मित्रता को देखा और मन ही मन हल्की चिंता की।पिता: “यह लड़का बहुत संवेदनशील और बुद्धिमान है। पर उसकी अनाथ पृष्ठभूमि हमारे समाज और परिवार के लिए चुनौती बन सकती है।”माँ: “सच्चाई और ईमानदारी किसी भी संबंध में महत्वपूर्ण है। पर हमें अपनी बेटी की सुरक्षा और भावनाओं का ध्यान रखना होगा।”वर्षा ने यह सुना और अपने भीतर हल्की अनिश्चिता महसूस की। (गरज की पहली चाल) गरज, जो पिछले दिनों से ईर्ष्या ,द्वेष आदि से पूरा भरा हुआ था, अब वह पूरी तरह सक्रिय हो चुका था ,क्योंकि वर्षा और बादल दोनों की नजदीकियाँ लगातार बड़ रही थी।उसने सोचा कि वादल और वर्षा के बीच मित्रता और समझ एक वेहतर ताल मेल तेजी से हो रही है तो, “यदि मैंने समय पर हस्तक्षेप न किया, तो यह लड़का वर्षा के दिल में गहरी जगह बना लेगा।इस लिए अब उसे कोई महत्व पूर्ण योजना बनानी होगी।”उसने धीरे-धीरे सोचने शुरू किया कि कैसे वह छोटी-छोटी गलतफहमियों और अविश्वास के बीज उन दोनों में आसानी से बो सकता है। क्लिफ़-हैंगर:- # कहानी का रोमांच अभी शुरू ही हुआ है,तो क्या यह बरकरार रहेगा? # क्या यह दोस्ती दोनों की प्रेम में बदल पाएगी?# गरज की चालें और साजिशें कब खुलकर सामने आएंगी?वादल और वर्षा के बीच भावनात्मक संबंध किस हद तक गहरा होगा? अगले भाग की झलक:- भाग 07 में*वादल और वर्षा की मित्रता में और गहराई आयेगी। *पहली हल्की चुनौती या सामाजिक विरोध भी होगा? गरज की चालें धीरे-धीरे सामने आना*दोनों पात्रों के मन के भावों की गहन यात्रा। शेषांश आगें भाग में क्रमश:.....।