CRIME COVERAGE
कवरेज हे … कवरेज हे , ये … क्राइम य य य य… कवरेज हे ---------------
ये कवरेज हे उन अत्याचारोंका, जो मासूमो पे गुजारे थे
ये आवाज़ है उन मासूमो की
जो दीवारों में कैद थी
ये घाव है उन मासूमो के
जो सितमो को बया करते हे
कवरेज हे … कवरेज हे , ये … क्राइम य य य य… कवरेज हे ---------------
ये कवरेज हे उन जुलमियो का, जो भोले इंसानो पे गुजारे थे
ये दस्तान है उन ज़ख्मों की,
जो दिलो में धड़कती थी
हर खामोशी एक चिंगारी थी,
जो हर मुस्कान की दर्द भरी दस्ता थी,
कवरेज हे … कवरेज हे , ये … क्राइम य य य य… कवरेज हे ---------------
ये कवरेज हे उन बदमाशोका, जो कमजोरो पे गुजारे थे
हर नजर एक आवाज थी
जो खुल के ये कहती थी
उन सब ने क्या जुल्म सहे थे
वो सब कुछ बया करती थी
कवरेज हे … कवरेज हे , ये … क्राइम य य य य… कवरेज हे ---------------
ये कवरेज हे उन पीड़ितों का, जो दुर्बलो पे गुजारे थे
जो सपने लोगोने सजाये थे
वो टूट के बिखरे थे
हर गॉव, गली, शहर की
यही तो एक खबर थी
जिससे पहचान होती थी उन जुल्मियों अत्याचारियों की
जो बेबुनियाद नहीं थी
कवरेज हे … कवरेज हे , ये … क्राइम य य य य… कवरेज हे ---------------
अपराध वह है, जिसे से समाज या व्यक्ति को हानि पहुँचे।
अपराध एक ऐसा गैरकानूनी कार्य है जो सामाजिक या सार्वजनिक रूप से हानिकारक माना जाता है. अपराध को एक ऐसे कार्य या कृत्य के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो समाज के लिए हानिकारक होता है और जिसे आपराधिक कानून के तहत दंडनीय माना जाता है। इसमें ऐसे आचरण शामिल होते हैं जो किसी व्यक्ति की सुरक्षा, संपत्ति और कल्याण को खतरे में डालते हैं, और इसके लिए दोषी व्यक्ति को कानून द्वारा निर्धारित दंड दिया जाता है।
हर समाज का आधार उसकी व्यवस्था और शांति होती है। जब लोग मिलकर नियमों का पालन करते हैं, तो समाज में सुरक्षा और विश्वास का वातावरण बनता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति इन नियमों को तोड़कर दूसरों के अधिकारों को नुकसान पहुँचाता है, तो उस कार्य को अपराध कहा जाता है। अपराध न केवल कानून के खिलाफ होता है, बल्कि यह समाज की नैतिकता और मानवीय मूल्यों पर भी आघात करता है।
अपराध वह गैरकानूनी और निंदनीय कार्य है जो समाज, समुदाय या व्यक्तियों को नुकसान पहुँचाता है । इसमें शारीरिक या मानसिक क्षति, संपत्ति की हानि या अवैध गतिविधि शामिल हो सकती है, जैसे चोरी, बलात्कार, या नशीली दवाओं का व्यापार।
अपराध का असर केवल पीड़ित पर नहीं पड़ता, बल्कि पूरे समाज पर पड़ता है। इससे लोग असुरक्षित महसूस करते हैं, समाज में डर और अविश्वास पैदा होता है। आर्थिक अपराधों से देश की प्रगति रुक जाती है, जबकि सामाजिक अपराध समाज की एकता और भाईचारे को कमजोर करते हैं। साइबर अपराध से युवाओं और बच्चों की मानसिक स्थिति पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
अपराध को रोकने के लिए हमें शिक्षा और रोजगार बैठने पड़ेगे । हमें परिवार और समाज में अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना होगा ।
अपराध समाज की सबसे बड़ी समस्या है, जिसे रोकना केवल सरकार का ही काम नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी भी है। हमें कानून का पालन करना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। जब तक समाज के हर सदस्य में ईमानदारी, भाईचारा और कर्तव्यबोध नहीं आएगा, तब तक अपराधों पर पूरी तरह रोक लगाना कठिन है। इसलिए सभी को मिलकर अपराध मुक्त समाज बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।