love is incomplete in Hindi Love Stories by Arkan books and stories PDF | इश्क़ अधूरा सा

The Author
Featured Books
Categories
Share

इश्क़ अधूरा सा

Chapter 1 – पहली मुलाक़ात


दिल्ली की भीड़-भाड़ वाली मेट्रो में, हर रोज़ की तरह अयान अपनी ऑफिस की फाइलों में खोया बैठा था। चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी। लेकिन उसी पल उसकी नज़र सामने खड़ी एक लड़की पर पड़ी। लड़की ने हल्के नीले रंग का कुर्ता पहना था, बाल हवा से थोड़े बिखरे हुए थे और आँखों में कुछ ऐसा था जो सीधे अयान के दिल में उतर गया।


वो लड़की—सिया।


मेट्रो के शोर-शराबे के बीच भी उसकी मासूम हंसी, अयान के कानों में घंटियों सी गूंज गई। अयान चाहकर भी अपनी नज़रें हटा नहीं पा रहा था। लेकिन सिया की नज़रें तो अपनी किताब में गड़ी हुई थीं। "द लास्ट लेटर" नाम की अंग्रेज़ी नॉवेल वो ध्यान से पढ़ रही थी।


अयान को किताबों में खास दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन उस किताब का नाम पढ़कर अचानक उसकी जिज्ञासा बढ़ गई। कुछ पल तक सोचने के बाद उसने हिम्मत जुटाई और धीमी आवाज़ में कहा –

“ये किताब अच्छी है?”


सिया ने हल्की मुस्कान के साथ उसकी ओर देखा, जैसे पहली बार किसी ने उसकी दुनिया में दस्तक दी हो।

“हाँ… बहुत अच्छी। ये कहानी अधूरे प्यार की है। पढ़कर लगता है जैसे खुद जी लिया हो।”


अयान मुस्कुरा दिया। वो कुछ और कहना चाहता था, लेकिन मेट्रो का स्टेशन आ गया और सिया उतर गई। पीछे छूट गया अयान, और उसकी आँखों में वो पहली मुलाक़ात कैद हो गई।



---


उस दिन के बाद अयान रोज़ उसी टाइम की मेट्रो पकड़ने लगा, सिर्फ इसलिए कि शायद वो लड़की फिर दिख जाए। किस्मत भी जैसे उसके साथ थी—कुछ ही दिनों में दोनों का आमना-सामना बार-बार होने लगा।


धीरे-धीरे हल्की-फुल्की बातें शुरू हो गईं। पहले किताबों पर चर्चा, फिर मेट्रो की भीड़ पर हंसी-मज़ाक और फिर ज़िंदगी की छोटी-छोटी बातें।


सिया बहुत खुशमिज़ाज थी। उसकी हंसी में एक अजीब सुकून था, जैसे अयान के दिल के सारे बोझ को हल्का कर देती हो।


एक दिन बारिश हो रही थी। मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलते हुए सिया ने छाता खोला, लेकिन हवा के तेज़ झोंकों से छाता उल्टा हो गया। दोनों हंस पड़े। अयान ने अपनी फाइलों को भीगने से बचाने के बजाय छाते को पकड़ा और बोला –

“चलो, एक ही छाते में दोनों आ जाते हैं।”


बारिश की बूंदों के बीच वो दोनों धीरे-धीरे चलते रहे। सिया की हंसी, पानी की बूंदों के साथ मिलकर अयान के दिल में हमेशा के लिए छप गई। उस रात अयान को नींद नहीं आई। उसे पहली बार महसूस हुआ कि शायद वो… प्यार में है।



---


लेकिन, हर कहानी आसान नहीं होती।


सिया बहुत खुलकर हंसती थी, मगर उसकी आंखों में कभी-कभी गहरी उदासी उतर आती थी। अयान ने कई बार नोटिस किया, पर कभी पूछा नहीं। वो बस चाहता था कि जब तक हो सके, इस मुस्कान को देखता रहे।


कुछ हफ्तों बाद, अयान ने हिम्मत जुटाई और मेट्रो से उतरते हुए सिया से कहा –

“सिया… मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।”


सिया रुक गई। उसकी आंखों में थोड़ी घबराहट थी, जैसे उसे पहले से अंदाज़ा हो।

अयान ने गहरी सांस ली –

“मुझे लगता है कि मैं… तुमसे प्यार करने लगा हूँ।”


सिया कुछ देर चुप रही। बारिश रुक चुकी थी, लेकिन हवा में ठंडक थी। उसने धीरे से मुस्कुराकर कहा –

“अयान… काश, ये इतना आसान होता।”


और वो वहां से चली गई।


अयान वहीं खड़ा रह ग

या—भीगा हुआ, उलझा हुआ और दिल में अनगिनत सवाल लिए।