House no105 (Unsolved Mystery) - 1 in Hindi Horror Stories by silent Shivani books and stories PDF | House no105 (Unsolved Mystery) - 1

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House no105 (Unsolved Mystery) - 1

शादी को कुछ ही दिन हुए थे,, मीरा और आरव अपनी जिंदगी के नये सफर को लेकर बहुत खुश थे,, इस  मुंबई शहर की भाग दौड़ भरी जिंदगी से दूर वो कही  शुकुन भरी जिंदगी बिताना चाहते थे...
लंबे समय तक घर वालों को लव मैरिज जैसी बात.... मानने के बाद उन लोगों ने कोर्ट मैरिज को चुना...
मीरा शादी जैसी चीजों में  पैसा लगाना बर्बाद करना समझती थी...उसका प्लान एक घर लेना था... पर इस मुंबई जैसे शहर मे छोटे बजट में घर लेना कहा पाॅसिबल था,, इसलिए उन्होंने एक छोटे शहर में घर लेना ज्यादा जरूरी समझा...
ऊपर से आरव भी ग्रामीण बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में कार्यरत था, और यही वजह थी कि वे लोग मुंबई से शिफ्ट होना चाहते थे !!

मीरा: ओ आरव टु डे आय एम सो हैप्पी... हमारे सपने सच हो रहे हैं... पहले शादी और अब ये घर मै बहुत खुश हूं..

आरव : अरे मैडम अब तक तो तुमने घर देखा भी नहीं है, फिर भी इतनी खुश???

मीरा: मुझे पता है, घर बहुत सुंदर होगा क्योंकि तुमने पसंद किया है,, मुझे पुरा भरोसा है, तुम्हारी पसंद पर.... जैसी कि तुम मुझे ही देख लो मै भी तो तुम्हारी पसंद हुं...

आरव : तुम घर देखोगी न तो ख़ुशी के मारे छूम उठोगी...पर घर शहर के थोड़ा अंदर है, वो मुझे ऑफिस के लिए वहां से जाना आना पास पड रहा था,, इसलिए मैंने वो घर सिलेक्ट किया...

मीरा: कोई बात नहीं आरव हम मैनेज कर लेंगे कुछ दिनों की बात रहेगी, फिर हमे आदत हो जायेगी...
(शाम के करीब 6 बज चुके थे,, ठंड का वक्त और तेज हवाएं... थोड़ा थोड़ा अंधेरा भी हो चुका था..आरव और मीरा अपनी डेस्टीनेशन पर पहुंच चुके थे...)

आइए आइए सर मै रमेश इस घर का केयरटेकर... मुझे यशवंत सर ने बताया कि आप लोग आने वाले हैं... इसलिए मै आपकी हेल्प के लिए आ गया ...आपका सामान दिखाई नहीं दे रहा है???

जी रमेश जी वो हमारा सामान कल तक आयेंगा..
आप इनसे मिलिए ये मेरी वाइफ मीरा... ( आरव ने कहा)

ज़ी सर आप लोगों का स्वागत है, आपके नये घर में.. ( रमेश ने कहा)

वैसे रमेश जी एक बात बताइए, यहां कोई दिखाई क्यूं नहीं दे रहा??? यहां सिर्फ ये तीन घर है?? ( मीरा ने पुछा)

जी मैडम ये वाली गली में सिर्फ तीन ही घर है बाकी ज्यादातर लोग पीछे वाली सोसायटी में रहते हैं,, 
ये 104 और 103 मे रहने वाले लोग कहां चले गए?? ( आरव ने कहा)

104 वाले सर तो विदेश शिफ्ट हो गया,, और 103 वाले सर की बीवी थोड़ा मेंटली डिस्टर्ब थी,, तो वे भी छोडकर चलें गये,, बाकी आप लोग चिंता मत करिए यहां जल्द ही कोई आने वाला है...( रमेश ने कहा)

और हां सर आप लोग रात के खाने की चिंता मत करिए... मुझे पता है आप लोग थक गये होंगे... इसलिए मैंने मेरी बीवी को आप लोगों के लिए खाना लाने को कहा है,,वो बस आती ही होगी,,
( रमेश ने कहा)

अरे रमेश जी आपने फालतू में तकलीफ़ ली हम मैनेज कर लेते...( आरव ने कहा)

कोई बात नहीं सर, इसमें तकलीफ़ कैसी?? देखिए आ गई सुनिता... सुनिता मेरी बीवी 

नमस्ते (सुनिता ने कहा)
चलिए अंदर चलते हैं,, मैडम जी को घर दिखाते हैं...

वाओ आरव.. आरव ये तो मेरी एक्सेप्टेशन से बहुत बडा है,, यहां झूला भी है,, मीरा बहुत खुश होकर घर की एक एक चीजे देख रही थी...
अरे ये इतनी बड़ी घडी यहां क्यूं है???( मीरा ने पुछा)

मैडमजी ये पहले से लगी है... ये घर करीब काफी सालो पुराना है,, जबसे ये घड़ी यही है... अगर ये आपकों पसंद नहीं है तो आप इसे हटवा सकती है... ( रमेश ने कहा)

नहीं नहीं रमेश जी मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है... इसका मै बाद में देख लुंगी कि क्या करना है,,
( मीरा ने कहा)

ये गुडिया किसकी है??? ये यहां क्या कर रही है??? आपको कहा था न रमेश जी आप बेकार सामान बाहर करवा दीजिएगा, ( आरव ने कहा)

साॅरी सर वो रह गई होगी कुछ चीजें मै कल हटवा दूंगा ...

अरे आरव कितनी तो प्यारी गुड़िया है... मीरा डाॅल को अपने हाथ मे लेकर उससे खेलने लगती है.. और उसे झूले मे रख देती है..

वो मैडम रात मे अगर कोई भी आवाजें आये तो आप उठना मत ( रमेश ने कहा)
कैसी आवाजे???

वो क्या है न घर इतने दिनों से बंद था तो यहां चूहो ने आतंक मचा रखा है,, आपकी नींद डिस्टर्ब न हो इसलिए मैंने कहा...

ठीक है सर अभी हम लोग चलते हैं, आप लोग खाना खा लिजिएगा...

रात नौ बजे

आरव : वैसे सुनिता जी ने खाना अच्छा बनाया है, न मीरा??

मीरा: क्यूं मै अच्छा नहीं बनाती??

आरव: नहीं मेरा मतलब वो नहीं था...

मीरा : तुम्हारा मतलब मै अच्छे से समझतीं हुं।                मिस्टर आरव.. जाओ तुम ऊपर  जाकर सो जाओ मै बर्तन किचन मे रखकर आती हूं...

"मीरा किचन से अपना काम करके फ्री होती है "
अरे ये डाॅल सोफे पर कैसे आ ग ई मैंने तो इसे बाहर झूले पर रखा था... शायद आरव लाया होगा... कितनी प्यारी डाॅल है...

"रात करीब साढ़े तीन बजे"
आरव उठो शायद कोई है,, मुझे आवाज आ रही है,, कोई सीढ़ियों पर चल रहा है,, प्लीज़ उठो..

To be continue....

ये स्टोरी हाॅरर थीम पर बेस्ड है,, जहां धीरे धीरे घर के अनेकों राज मीरा और आरव की जिंदगी बदल कर रख देंगे... पार्ट 2 जल्दी आएगा...