"झूले पर झूलने वाली लड़की कौन"
आरव : क्या हुआ मीरा?? क्यूं उठा रही हो...??
उसने नींद भरी आवाज में कहा...
मीरा : आरव शायद कोई है.. सीढ़ियों के पास मुझे चलने की आवाज सुनाई दे रही थी...
आरव : कौन होगा मीरा, इस घर में हम दोनों के
सिवा और कोई नहीं है, जरूर तुमने कोई सपना देखा होगा...
मीरा : तुम्हें क्या लगता है, मै पागल हूं?? मैंने साफ़ सुना कोई चल रहा था.. तुम चलों मेरे साथ देखते हैं, कौन हैं,
आरव : अरे मीरा कोई नहीं है, तुम्हें याद है रमेश
जी ने क्या कहा था, कि यहां ढेर सारे चूहे
है, शायद उन्ही ने कुछ गिरा दिया होगा... और तुम्हें लग रहा कि कोई है... चलो जल्दी सो जाओ..
मीरा : तुम क्या मुझे बच्ची समझते हो, जो मुझे
चूहे और इंसान में फर्क न समझता हो..
तुम चल रहें हो, या मै अकेली जाऊं??
आरव : अरे चल मेरी मां ( वो इरिटेट होकर बोला)
( आरव और मीरा कमरे से बाहर निकल कर सीढ़ियों के पास आते हैं !)
आरव: देख यहां कोई दिख रहा है, तुझे?? क्या
यार मीरा खमाखां मेरी नींद खराब कर
दी .. चलो अब सो जाओ प्लीज़...
मीरा : साॅरी आरव शायद तुम सही कह रहे हो मैंने
सपना ही देखा होगा...
( आरव कमरे में आकर सो जाता है, पर मीरा कंफ्यूज थी)
नहीं ये सपना नहीं हो सकता...मै तो जाग रही थी, मै तो बुक पढ़ रही थी, और वो आवाज मुझे साफ सुनाई दी थी, वहां सच में किसी के उपर आने की आवाज सुनी मैंने, ये सपना कैसे हो सकता है??? ( मीरा मन ही मन सोच रही थी)
वो फोन उठाकर टाइम देखती है,, साढ़े तीन???
मै जब ऊपर आई तब तो सिर्फ 10 बज रहा था, ये क्या हो रहा है, मै क्या सच मे सो ग ई थीं, पर कब??? मुझे कुछ याद क्यूं नहीं है??? शायद मै बहुत थक गई हूं, इसलिए मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है,, मुझे सच में सो जाना चाहिए...
सुबह नौ बजे....
धूप की किरणें खड़की से निकल कर मीरा के मुंह में लग रही थी,, मीरा जो अब तक बिस्तर में सो रही थी,, उठ जाती है... आरव.... आरव......."उसने आवाज लगाई"
कोई आवाज न आने पर वो अपना फोन उठाकर टाइम देखती है,
ओ गॉड 9 बज चुके हैं, मै इतनी देर तक कैसे सो ग ई आरव को ऑफिस जाने के लिए लेट हो गया...आरव तुम बाथरूम में हों??? (उसने दरवाजे पर खडे होकर पूछा)
कोई आवाज न आने पर वो नीचे किचन में आकर देखती है, उसकी नजर डायनिंग टेबल पर जाती है,,लेटर...??? वो उठाकर पढ़ती है...
गुड़ मार्निंग मीरा,, तुम बहुत गहरी नींद में थी... इसलिए मैंने तुम्हें उठाया नहीं..मै ऑफिस जा रहा हूं... मैंने नाश्ता बना दिया है.. तुम आराम से खा लेना... और कुछ पैसे भी रख दिए हैं, यहां पांच मिनट की दूरी पर ही सुपर बाजार है, वहां जाकर तुम घर के लिए ज़रुरत का सामान ले आना... मेरा फोन नहीं लेगेगा नेटवर्क प्रोब्लम है... तुम चिंता मत करना मै शाम को जल्द ही आ जाऊंगा बाय एंड लव यू...
लेटर पढ़ कर मीरा के फेस में स्माइल आ जाती है,.आरव कितना ख्याल रखता है,मेरा ... क्या बात है, मेरे पति ने मेरे लिए नाश्ता बना कर रखा है,,
नाश्ता करने के बाद वो नहाने कमरे के बाथरूम में जाती है...ये नल क्यूं नहीं चालू हो रहा है, शायद टंकी में पानी खत्म हो गया होगा...
मीरा बाथरूम से बाहर ही निकलती है, कि अचानक सारे नल चालू हो जाते हैं...और जैसे ही वो पीछे मुड़कर देखती है तो सारे नल बंद थे...
बस एक नल से बूंद बूंद पानी निकल रहा था....
मीरा थोडे वक्त के लिए सोचती है, पर वो लेट हो रही थी, उसे बाहर जाकर सामान भी लेना था... इसलिए वो सारी बातों को अनदेखा कर फटाफट फ्रेश हो जाती है....
सुपर बाजार पहुंच कर वो जरूरत का सारा सामान लेती है, और बिलिंग के लिए काउंटर पर पहुंचती है,, थैंक गॉड भीड नहीं है...
यहां ज्यादा भीड़ नहीं होती है, वैसे मैंने तुम्हें पहली बार देखा यहां न ई आई हो??
( काउंटर पर बैठी औरत ने पुछा)
जी आंटी, हम कल ही शिफ्ट हुए हैं...वो पीछे वाली लाइन में house no 105 है न ,वो ही हमारा घर है....( मीरा ने कहा)
एक मिनट के लिए वो औरत उसे देखती ही रही...( उसने पाॅज लेकर फिर कहा)
तुम्हें उस घर के बारे में किसी ने बताया नहीं,, वो घर इतने सालों से बंद क्यों है??? ( उस औरत ने कहा)
नहीं आंटी ये घर मेरे पति ने लिया है... कुछ प्रोब्लम है?? ( मीरा ने पुछा)
नहीं कोई प्रोब्लम नहीं वो घर सालों से बंद है, तों लोग क ई सारी अफवाहें बनाते हैं ...
कैसी अफवाहें आंटी???
ये ही कि वो घर हाॅरर है... पर तुम चिंता मत करो ऐसा कुछ नहीं होगा लोग तो कुछ भी बोलते हैं... मै भी कहा तुम्हें डरा रही हूं,, वैसे तुम चली जाओ इतना सामान अकेली कैसी ले जाओगी मै किसी को सामान लेकर तुम्हारे घर भेज दूंगी...
थैंक्यू आंटी... इतना कहकर मीरा वापस आती है, पर उसके दिमाग में अब भी उस औरत की बातें चल रही थी...
ऐसा कुछ नहीं होता मीरा... लोग बस कुछ भी अफवाहें बनाते हैं... ( मीरा अपने आप से कहती हैं)
10 मिनट बाद डिलीवरी मैन उसके घर पर सामान रख कर जाता है...
मीरा अपने कामो में लग जाती है... वो घर की साफ सफाई करने में बिजी थी, तभी झूले पर झूलने की आवाज आती है,, कोई झूल रहा था और साथ में मीठी सी हंसी की आवाज...
कौन हो तुम?? मीरा ने पास जाकर पूछा कितनी प्यारी बच्ची हो क्या नाम है तुम्हारा, यहां अकेले आई हो???
हां मै अकेली आई हूं,, मेरी बेला यहां है... आंटी आपने उसे देखा?? ( उस बच्ची ने मीठी आवाज में कहा)
बेला कौन है?? तुम्हारी बहन है?? ( मीरा ने पूछा)
नहीं बेला मेरी डाॅल है... ( उसने कहा)
अच्छा तो वो तुम्हारी गुडिया है.. तुम यहीं रूको मै अभी लेकर आई... मीरा डाॅल लेकर बाहर आई
अरे ये कहा चली गई अभी तो यही थी.. मीरा ने हर जगह उसे ढूंढा पर वो उसे कहीं दिखाई नहीं दी...
शायद चली गई होगी चलो बेला हम अंदर चलते हैं... जब वो फिर से आईगी तो तुम्हें ले जायेंगी..( मीरा डाॉल से कहती हैं)
आरव तुम आ गये,कैसा रहा दिन??
मेरा दिन तो अच्छा था, तुम्हारा दिन कैसा था, दिल लगा??? ( आरव ने कहा)
हां लगा न वैसे मैं सामान लेने आज बाहर ग ई थीं,वहां वो आंटी बता रही थी कि ये घर हांटेड है, ( मीरा ने कहा)
आरव जोर जोर से हंसने लगा , तुम आज कि पढी लिखी लड़की हो और इन सबमें विश्वास है तुम्हारा??? ऐसा कुछ नहीं है मीरा, लोग कुछ भी बोलते हैं... तुम इन सब मे ध्यान मत दो,
(मीरा ने हां में सर हिलाया)
खाना खाकर वे दोनों सो गये,, पर फिर अचानक मीरा की किसी आवाज ने नींद खोल दी.. आवाज बाहर से आ रही थी...
ये कैसी आवाज है?? कोई झूला झूल रहा है मैंने तो गेट लाॅक किया था... इस वक्त कौन है... मीरा ने खड़की से बाहर देखा..
नीचे वहीं बच्ची झूला झूल रही थी... मीरा घबरा गई ये तों वहीं बच्ची है जो डाॅल मांगने आई थी,,
अचानक झूला रूका,, और आवाज सुनाई दी आंटी मेरी बेला मुझे दे दो....
डर के मारे मीरा की आवाज नहीं निकल रही थी....
To be continue.....