Obession of my Girl - 6 in Hindi Love Stories by Noor books and stories PDF | Obession of my Girl - 6

The Author
Featured Books
  • بےنی اور شکرو

    بےنی اور شکرو  بےنی، ایک ننھی سی بکری، اپنی ماں سے بچھڑ چکی...

  • خواہش

    محبت کی چادر جوان کلیاں محبت کی چادر میں لپٹی ہوئی نکلی ہیں۔...

  • Akhir Kun

                  Hello dear readers please follow me on Instagr...

  • وقت

    وقت برف کا گھنا بادل جلد ہی منتشر ہو جائے گا۔ سورج یہاں نہیں...

  • افسوس باب 1

    افسوسپیش لفظ:زندگی کے سفر میں بعض لمحے ایسے آتے ہیں جو ایک پ...

Categories
Share

Obession of my Girl - 6

अब तक अपने पढ़ा ,

वही कुछ देर में सभी अपने कमरे मै चले गए थे । आरवी भी नूर को कमरे मै छोड़ कर चली जाती है । नूर जो कमरे का दरवाजा खोल अंदर की ओर आती है । कमरा जिसका पूरा थीम ग्रे कलर का था । दीवारों पे कुछ पेंटिंग्स लगी थी जो काफी भयानक थीं। सामने एक बड़ा सा किंग साइज बेड था । जहां दीवार पे ताबिश की बड़ी सी फोटो लगी थी । नूर जिसका ध्यान उस फोटो की ओर जाता है । नूर काफी ध्यान से उस फोटो को देख रही थीं । 


अब आगे........
फ्लैशबैक,

रॉयल मेरिडियन , 

एक बड़ा फाइव स्टार होटल यहां की इटेलियन फूड काफी फेमस थी। जहां एक कमरे में ताबिश एक सोफे पर वाइन की गिलास पकड़े बैठे थे।  उनके सामने लगभग 40 से 45 साल का आदमी बैठा था जिसका नाम जॉन स्मिथ था । वह एक अमेरिकन बिजनेसमैन था ।


जिसके इंडिया में भी कई ब्रांच थे । वह आदमी कुछ बोल रहा था जिसे ताबिश काफी गौर से सुन रहे थे । टेबल पर काफी तरीके की इटालियन फूड रखी हुई के जैसे - ग्रिल्ड कलामणि , कैप्री सैलेड , मिनिस्ट्रोन सूप , चिकन कैशियर । ताबिश हमेशा हेल्थी फूड ही प्रेफर करते थे ।


कुछ देर बाद मीटिंग खत्म होती है । वह आदमी अपनी जगह से उठाते हुए ताबिश भी अपनी जगह से उठते हैं वह दोनों अपना हैंडशेक करते हुए । जॉन बोलता है मिस्टर ताबिश सिंघानिया आपसे मिलकर अच्छा लगा । ताबिश ने हा मे सिर हिलाया । जॉन जिसे लगभग हिंदी आती थी बोलने । इतना कह कर वह वहां से चला गया । कुछ देर बाद ताबिश भी अपना फूड कंपलीट करके वहां से निकल गए । 


वही इधर इसी होटल में , 

एक बड़ा सा कमरा , जहां एक लड़की जो अपने चेहरे पर टाइगर का मास्क पहनी हुई थी । सामने लैपटॉप में कुछ देख रही थी।  उसके साथ तीन लड़कियां और थी । और उन सब ने ऊपर से नीचे तक काले रंग के कपड़े पहने थे और चेहरे पर मास्क थे । वही लैपटॉप में एक फुटेज चल रहा था जहां एक आदमी और वहां साइड में लगभग 10 लड़कियां खड़ी थी । जो बुरी तरह से डरी हुई थी । 



वह आदमी जो दूसरे आदमी से बात करते हुए पर उनकी आवाज उन्हें सुनाई नहीं दे रही थी मास्क वाली लड़की यानी नूर  , जो उनके बीच में हो रहे डिस्कशन को काफी हद तक समझ चुकी थी ।


वह अपनी पीछे खड़ी एक लड़की जिसका नाम ईशा राठौर था । उसकी तरफ देखते हुए कहती है - आज यह आदमी यह लोगों की डील करने वाला है इन्हें बाहर के कई देश में बेचेगा ओर कुछ की वजह से ड्रग्स भी सप्लाई करेगा ।उससे पहले ही हमें इसे पकड़ना होगा । वहीं दूसरी लड़की काव्या मैं मुझे लगता है पहले हमें जाकर इस होटल की सारी सीसीटीवी को बंद करना होगा , नूर हा में सर हिलती है ।


नूर जो वह सबको अपने पास बुलाते हुए अपना एक प्लान बताती है । वही कुछ देर में वह चारों अलग-अलग  दिशा में चली जाती है । वहीं नूर जो आगे की और जल्दबाजी में चले जा रही थी । 

क्योंकि उस आदमी के सारे बॉडीगार्ड जो बाहर खड़े थे जिस वजह से वह इतनी आसानी से उसे आदमी तक नहीं पहुंच सकती थी । इसलिए उसने सोचा पहले  इन लोग को खत्म करना होगा । 


वही वह सामने की ओर चली जा रही थी वही दूसरी तरफ से ताबिश भी सामने की ओर से आ रहे थे । जिनका सारा ध्यान उनके फोन पर था । दोनों का ध्यान सामने की ओर नहीं था । वही कुछ देर में ही दोनों एक दूसरे से बुरे तरीके से टकरा जाते है । नूर जो गिरने ही वाली थी , ताबिश उसकी कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींच लेते है । वही नूर जो एक टक ताबिश को ही देखे जा रही थी । ताबिश को उस लड़की के चेहरा नहीं दिख पा रह था क्योंकि उसने मास्क पहन रखा था ।

नूर की भूरी आंखे उसकी नीली आंखों को लगातार देखे जा रही थी। ताबिश जो उसे ऐसा देखता पाते है उसके आंखों के सामने अपने हाथ को हिलाते हुए है । जिस वजह से नूर अपने होश में आती है । 


ताबिश जो उसको सीधा करते है और बिना कुछ बोले वहां से चले जाते है । नूर जो अपने अंदर हो रहे एहसास को समझ ही नहीं पा रही थी । वो बस उसी ओर देखे जा रही थी  जहां से अभी ताबिश गए थे , जब तक वो उसकी नजर से ओझल नहीं हो गए । 


फ्लैशबैक ऐंड .........
हाल में ,

नूर सामने तस्वीर को देखते हुए कहती है - बस उस पल से मै आपकी दीवानी हो गई । 


फिर वह बेड पर जाकर बैठ जाती है अपने मन में कहते हुए - वैसे रूम काफ़ी खूबसूरत है इनका, नूर की नज़र पूरे कमरे में घूमती रही।
दीवारों की नक्काशी, कमरे की रॉयल सजावट, लैंप से फैलती हल्की सुनहरी रोशनी, फिर उसकी नजर बाहर की ओर जाती है ।

वो अपने भारी लहंगे का पल्लू संभालती हुई उठी, और स्लाइडिंग डोर को धीरे से खिसका कर बालकनी में आ गई। जहां एक बड़ा सा झूला ओर साइड मै काउच था ।नूर की आँखें जैसे उस झूले पर ही ठहर गईं। चेहरे पर एक मासूम सी मुस्कान आई, वो झूले पर बैठ गई ।

आँखें ऊपर चाँद पर टिक गईं। जैसे कोई अपना सा हो । हल्के झूले के साथ उसकी चूड़ियों की खनक और बालों की लटें हवा में बिखर गईं।

कुछ देर वो झूले पर ही बैठती है सामने चांद को निहारते हुए कहती है - "मुझे नहीं पता मैंने जो किया वो सही था या गलत, लेकिन मैं उन्हें किसी और का नहीं होने दे सकती थी।
कभी नहीं "

(थोड़ी देर चुप्पी... बस हवा और चाँद का साथ...)

वो चाँद से बातें करती रही । अपना दर्द, अपनी मोहब्बत,अपने डर सब कुछ उड़ेल दिया उस चुप्पी में । जब उसे लगता है कि काफी देर से झूले पर बैठी है।  तो वो उठकर कमरे के अंदर चली जाती है ।

कमरे में घुसते ही उसकी नज़र घड़ी पर गई —
रात के 12 बज चुके थे। वो हल्की सी मुस्कान के साथ दरवाज़े की तरफ़ देखती है और कहती है —"वैसे… मेरे हसबैंड जी हैं कहाँ?"

(उसके लफ़्ज़ों में शरारत थी…
पर आँखों में एक अधूरा इंतज़ार।)



आगे जारी है..............