LAFZ-E-ISHQ. - PART 1 in Hindi Love Stories by Arkan books and stories PDF | LAFZ-E-ISHQ. - PART 1

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LAFZ-E-ISHQ. - PART 1

नाम:

आरव।

उम्र:

23 साल।


पेशे: कॉलेज का अंतिम वर्ष का छात्र, जो एक लेखक बनना चाहता है।


स्वभाव: शांत, शर्मीला और अपनी ही दुनिया में खोया रहने वाला। वह अपनी भावनाओं को शब्दों में बहुत खूबसूरती से ढाल सकता है, पर उन्हें व्यक्त करने में हिचकिचाता है।

आरव की आँखों में एक ख़ास तरह का अधूरापन है, जैसे वह हमेशा किसी की तलाश में रहता हो। वह रोज़ अपनी डायरी में कुछ लिखता है, पर किसी को दिखाता नहीं। उसकी कहानियाँ और कविताएँ अक्सर अधूरे इश्क़ और दर्द पर आधारित होती हैं।





नाम: मीरा।
उम्र: 22 साल।
पेशे: आरव के ही कॉलेज में, वह एक लोकप्रिय और सामाजिक लड़की है।
स्वभाव: हंसमुख, बहुत ही मिलनसार और अपनी ज़िंदगी से पूरी तरह संतुष्ट। उसकी मुस्कान उसकी सबसे बड़ी पहचान है, जो हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है।


मीरा को शायद यह अंदाज़ा भी नहीं है कि कोई उसकी एक झलक पाने के लिए घंटों इंतज़ार कर सकता है। वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ दिखती है, और उसकी ज़िंदगी में सब कुछ आसान और खूबसूरत लगता है।





कहानी की शुरुआत


बारिश की वो शाम, आज भी आरव की यादों में ताज़ा थी। कॉलेज की पुरानी लाइब्रेरी में फैली हुई किताबों की धीमी खुशबू और खिड़की के शीशे पर गिरती बूँदों की आवाज़... बस यही सब था जो उस दिन आरव की दुनिया था। पर फिर उसने उसे देखा।
ऊँची रैक पर रखी एक किताब को पाने के लिए वह एड़ी पर खड़ी हो रही थी। उसकी भूरी आँखों में एक मासूम सी परेशानी थी, और होंठों पर एक न कही गई मुस्कान। आरव के दिल की धड़कनें अचानक तेज़ हो गईं। उसने धीरे से चलकर, बिना कोई आवाज़ किए, उसके कंधे के पास से हाथ बढ़ाया और वह किताब नीचे उतार दी।
"यह आपके लिए," आरव की आवाज़ में एक अजीब सी घबराहट थी।
उसने मुड़कर देखा। उसकी आँखें आरव की आँखों से मिलीं, और एक पल के लिए जैसे दुनिया ठहर गई। "शुक्रिया," उसने कहा, और उसकी मुस्कान की एक हल्की सी किरण आरव के दिल में उतर गई।
यह मीरा थी। कॉलेज की सबसे लोकप्रिय और ज़िंदादिल लड़की। आरव उसे जानता था, पर दूर से। वह जानता था कि मीरा उसकी दुनिया का हिस्सा नहीं हो सकती। वह उसके लिए सिर्फ़ एक खूबसूरत एहसास थी, जो शब्दों में बयाँ हो सकती थी, पर हक़ीकत में नहीं।
उस दिन के बाद, मीरा आरव की कविताओं का सबसे ख़ूबसूरत हिस्सा बन गई। उसकी हर हँसी, हर बात, हर अदा को आरव अपनी डायरी में उतारने लगा। वह जानता था कि यह सब एक तरफ़ा है, पर यही एकतरफ़ा प्यार उसे जीने की वजह दे रहा था।
वह घंटों उसे कॉलेज की कैंटीन में दोस्तों के साथ हँसते हुए देखता, और उसकी हँसी पर कविता लिखता। जब वह उदास होती, तो आरव का दिल भी भारी हो जाता। वह मीरा के लिए जीता था, पर मीरा को इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था।
क्या वह कभी अपनी भावनाओं को मीरा के सामने व्यक्त करने की हिम्मत करेगा?
क्या मीरा की ज़िंदगी में कोई और आएगा, जिससे आरव का दिल टूट जाएगा?
या आरव अपनी भावनाओं को सिर्फ़ अपनी डायरी तक ही सीमित रखेगा, और इस ख़ामोश इश्क़ को ही अपनी ज़िंदगी बना लेगा?


जानने के लिए भाग दो जरूर पढ़े....


धन्यवाद 🙏