राज़, एक साधारण कॉलेज छात्र की शक्ल में, अपनी असली पहचान छुपाकर ज़िंदगी जी रहा है। उसका सपना है – सच्चे दोस्त और सच्चा प्यार। लेकिन जब अंजलि उसकी दुनिया में आती है और उसके दिल को छू जाती है, तो राज़ की दोहरी ज़िंदगी एक खतरनाक खेल में बदल जाती है। क्या वह अपने प्यार को बचा पाएगा, या सच की परतें खुलते ही सब कुछ बिखर जाएगा?
यह कहानी है झूठ और सच, दिखावे और असलियत, प्यार और खतरे के बीच के दिल थाम लेने वाले संघर्ष की। इसे पढ़कर आप खुद को रोक नहीं पाएंगे!
राज़: एक ऐसी कहानी जो दिखावे से शुरू होती है
राज़ की कहानी, जो किसी रईसजादे से कम नहीं था, लेकिन वो अपनी पहचान छिपाकर एक साधारण ज़िंदगी जीता था।
राज़, नाम ही उसकी पहचान का राज़ था। उसकी दुनिया दो हिस्सों में बंटी थी। दिन में, वह दिल्ली विश्वविद्यालय के एक साधारण से कॉलेज में इतिहास का छात्र था। उसके फटे हुए जीन्स, पुरानी टी-शर्ट और कंधे पर लटका एक सस्ता सा बैग उसे भीड़ में से एक बना देता था। वह मेट्रो में धक्के खाता था, ठेले पर चाय पीता था और अपने दोस्तों के साथ कॉलेज की कैंटीन में उधार पर समोसे खाता था।
लेकिन, जैसे ही शाम ढलती, राज़ की दूसरी दुनिया शुरू होती। वह एक पुरानी मारुति 800 में बैठकर कॉलेज से निकलता और सीधा शहर के सबसे पॉश इलाके की ओर चला जाता। वहाँ, एक आलीशान बंगले के सामने, ड्राइवर उसका इंतज़ार कर रहा होता। राज़ अपनी पुरानी कार को ड्राइवर के हवाले कर देता और एक महंगी मर्सिडीज में बैठकर अपने घर चला जाता। वह घर, जो किसी महल से कम नहीं था, जहाँ हर चीज पर उसके पिता, विजय प्रताप सिंह का नाम लिखा था। विजय प्रताप सिंह, भारत के सबसे सफल उद्योगपतियों में से एक।
राज़ अपनी यह दोहरी ज़िंदगी इसलिए जीता था क्योंकि वह सच्चे दोस्त और प्यार की तलाश में था। वह थक चुका था उन लोगों से जो उसके पैसों से प्रभावित होते थे। वह अपनी असली पहचान को एक बोझ मानता था।
लेकिन, उसकी यह दुनिया उस दिन बदल गई जब उसकी मुलाक़ात अंजलि से हुई। अंजलि, राज़ की कॉलेज की दोस्त, एक पढ़ाकू और सीधी-सादी लड़की थी। वह हमेशा राज़ की सादगी और उसकी मदद करने की आदत की तारीफ़ करती थी।
एक दिन, कॉलेज की एक दोस्त ने मजाक में अंजलि से कहा, "तुम राज़ पर क्यों टाइम बर्बाद कर रही हो? उसका कोई फ्यूचर नहीं है।"
अंजलि ने जवाब दिया, "मुझे पैसे से फर्क नहीं पड़ता। मुझे राज़ की अच्छाई पसंद है।"
यह सुनकर राज़ का दिल खुश हो गया। उसे लगा कि आखिरकार उसे कोई ऐसा मिला है जो उसे उसके पैसों के लिए नहीं, बल्कि उसके लिए पसंद करता है। लेकिन, इस खुशी के साथ ही एक डर भी उसके मन में आ गया। अगर अंजलि को उसकी सच्चाई पता चली तो क्या होगा?
राज़ का सबसे बड़ा डर यही था कि उसका सीक्रेट अमीरजादा होने का सच उसके और अंजलि के रिश्ते को तोड़ देगा।
अब आगे की कहानी में, क्या राज़ का सच बाहर आएगा? और अगर आया, तो अंजलि का क्या रिएक्शन होगा? क्या उसका प्यार राज़ के धोखे को माफ कर पाएगा?