Black Love - 1 in Hindi Horror Stories by BleedingTypewriter books and stories PDF | Black Love - 1

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Black Love - 1

BLACK LOVE
By Pooja Kumari
 सीन 1
INT. बेडरूम – सुबह
सुबह की हल्की धूप खिड़की के पर्दों से छनकर कमरे में आ रही है। पक्षियों के चहकने की धीमी आवाज़ सुनाई दे रही है।
शावर की तेज़ पानी की आवाज़ कमरे में गूँज रही है।
CLOSE ON – अरजुन (30), बिस्तर पर लेटा हुआ है। वह एक गहरी, सुकून भरी नींद में है। शावर की आवाज़ से उसकी नींद थोड़ी-थोड़ी टूट रही है और वो हल्की सी करवट बदलता है। उसके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान है।
बाथरूम का दरवाज़ा खुलता है। भाप का एक झोंका बाहर आता है।
CLOSE ON – रिया (28), बाथरूम से बाहर आती है। उसने एक तौलिया लपेटा हुआ है और उसके बाल गीले हैं, जिनमें से पानी की बूँदें टपक रही हैं। वह धीरे-धीरे, दबे पाँव बिस्तर की तरफ बढ़ती है।
रिया अरजुन के चेहरे के पास झुकती है। उसके बालों से टपकती एक बूँद अरजुन के गाल पर गिरती है।
रिया (फुसफुसाते हुए, प्यार से)
Happy anniversary, my love…
अरजुन की नींद में ही एक गहरी मुस्कान उसके चेहरे पर फैल जाती है। वो आँखें बंद किए हुए ही मुस्कुराता रहता है।
रिया (प्यार भरी शरारत से)
आज तो उठ जाओ...
वो अपने गीले बालों को हल्के से झटकती है। पानी की कुछ बूँदें अरजुन के चेहरे पर पड़ जाती हैं।
अरजुन (नींद में ही, मुस्कुराते हुए)
अरे... ये क्या कर रही हो...
रिया हँसते हुए कमरे से भागने लगती है।
अरजुन (आँखें खोलते हुए, आवाज़ लगाते हुए)
अरे रुक जाओ! भागो मत!
अरजुन जल्दी से उठता है और बिस्तर से नीचे उतरता है, लेकिन तब तक रिया किचन की तरफ निकल चुकी होती है। उसकी हँसी की आवाज़ कमरे में गूँजती रहती है।
 सीन 2
INT. रिया का घर – किचन और लिविंग रूम – दिन
सुबह की हल्की धूप खिड़की से अंदर आ रही है। रसोई में, रिया (28), एक साधारण लेकिन खूबसूरत महिला, गुनगुनाते हुए खाना बना रही है। गैस पर एक बर्तन खौल रहा है, जिसमें से भाप उठ रही है।
लिविंग रूम में, अरजुन (30) सोफे पर बैठा अपने लैपटॉप पर काम कर रहा है। वह इतना खोया हुआ है कि उसे आसपास की कोई खबर नहीं है।
अचानक –
तेज़, ठंडी हवा का एक झोंका खिड़की से अंदर आता है। रिया के बाल हल्के से उड़ते हैं। वह एक पल के लिए रुकती है, फिर मुस्कुराते हुए काम में लग जाती है।
SFX: डिंग-डॉंग!
डोरबेल बजती है।
रिया (आवाज़ लगाते हुए)
अरजुन, दरवाज़ा देख लो। मैं अभी बिज़ी हूँ।
अरजुन उठता है और दरवाज़े की तरफ जाता है। बाहर एक डिलीवरी बॉय खड़ा है, जिसके हाथ में एक छोटा-सा, साधारण-सा बॉक्स है।
डिलीवरी बॉय
रिया शर्मा के लिए डिलीवरी है।
अरजुन बॉक्स ले लेता है, उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान है।
अरजुन
रिया, तुमने कुछ मँगवाया था क्या?
रिया (बिना मुड़े)
नहीं तो। शायद तुमने मँगवाया होगा?
अरजुन
अरे नहीं। लेकिन इस पर तुम्हारा नाम लिखा है।
रिया
ओह! शायद किसी दोस्त या फैमिली ने भेजा होगा। आज हमारी वेडिंग एनिवर्सरी है ना?
अरजुन
अच्छा, आओ ना, देखो तो क्या है?
रिया गैस बंद करती है, हाथ पोंछती है और टेबल पर खाना रख कर लिविंग रूम में आती है।
रिया
दिखाओ क्या है?
अरजुन मुस्कुराते हुए बॉक्स रिया को देता है।
रिया (मुस्कुराते हुए, बॉक्स देखकर)
बाद में देखेंगे। पहले खाना खा लेते हैं, ठंडा हो जाएगा।
अरजुन (मस्ती करते हुए)
नहीं, नहीं... पहले ये देखेंगे कि मेरा कंपीटीटर कौन है? किसने तुम्हें गिफ्ट भेजा है!
रिया (हँसते हुए)
तुम ही खोल लो।
अरजुन
नाम तुम्हारा है, तो खोलोगी भी तुम ही।
रिया आँखें घुमाते हुए बॉक्स खोलती है। अंदर एक साधारण, चाँदी का लॉकेट है, जिस पर ‘A’ अक्षर उकेरा गया है।
अरजुन
ये क्या है? ‘A’ से तो तुम्हारा नाम नहीं आता। और किसने भेजा है? कोई नाम भी नहीं है।
रिया
अरे होगा कोई... इतना क्यों सोच रहे हो?
(प्यार से)
चलो, अब जल्दी से खाना खाते हैं।
दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठते हैं। रिया बर्तन का ढक्कन हटाती है। अचानक दोनों के चेहरे पर चौंकने वाले भाव आ जाते हैं।
SFX: सन्नाटा, हल्की डरावनी धुन
बर्तन खाली हैं। सिर्फ गरम बर्तन, जिनमें खाने के दाग लगे हैं।
रिया (चीखते हुए)
मेरा खाना कहाँ गया?!
अरजुन (चौंकते हुए)
बर्तन अभी भी गरम हैं... यह कोई मज़ाक कर रहा है।
रिया
कौन मज़ाक करेगा? और हम यहीं थे, कोई आया भी नहीं।
अरजुन
शायद पड़ोस के बच्चों की शरारत होगी।
रिया (आँखों में आँसू)
मैंने कितने प्यार से तुम्हारे लिए बनाया था।
अरजुन रिया के आँसू पोंछता है और उसे गले लगाता है।
अरजुन
अरे, कोई बात नहीं। मैं अभी तुम्हारे लिए ढाबे से छोले-भटूरे लाता हूँ। तुम बिल्कुल रोना मत। आज हमारी एनिवर्सरी है। अगर दोस्तों और परिवार वालों ने तुम्हारी आँखें लाल देखीं, तो सब मुझे ताना देंगे कि मैं तुम्हें एक साल भी खुश नहीं रख पाया।
यह सुनकर रिया मुस्कुराती है। अर्जुन उसके माथे को चूमता है और घर से निकलता है।
रिया अकेली बैठी है।
फिर –
वही तेज़ ठंडी हवा का झोंका और ज़ोर से आता है। रिया के बाल फिर से उड़ते हैं।
उसकी नज़र डिलीवरी बॉक्स पर पड़ती है। बॉक्स के पास एक कागज़ का टुकड़ा पड़ा है, जो बॉक्स खोलते समय शायद गिर गया था।
रिया उसे उठाती है और खोलती है।
CLOSE UP – चिट्ठी
“मैं वापस आ गया हूँ, My Love… अब तुम्हें अपने साथ ले जाऊँगा।“
रिया का चेहरा डर से जम जाता है। वह बॉक्स को झटके से दरवाज़े के पास फेंक देती है।
अचानक, बॉक्स से लॉकेट लुढ़क कर बाहर आता है और अरजुन के पैरों के पास गिरता है, जो वापस आ चुका है।
रिया (भागकर अर्जुन से लिपट जाती है, रोते हुए)
अर्जुन... कोई हमारे साथ बहुत बुरा मज़ाक कर रहा है। ये पत्र... पता नहीं किसने और क्यों भेजा है!
अर्जुन चुपचाप चिट्ठी पढ़ता है, फिर उसे रिया से दूर करता है।
अरजुन
रिया, डरो मत। अगर कुछ होता, तो तुम मुझे पहले ही बता देती। हमारी शादी के समय हमने एक-दूसरे को सब सच बताया था... मुझे तुम पर पूरा भरोसा है।
अर्जुन उस चिट्ठी और लॉकेट को दरवाज़े के बाहर फेंक देता है।
सीन 3
INT. रिया का घर – शाम
शाम ढल चुकी है और सूरज की हल्की नारंगी रोशनी खिड़की से अंदर आ रही है।
रिया (28), सोफे पर शांत और उदास बैठी है, उसकी नज़रें कहीं दूर खाली जगह में टिकी हैं। उसके चेहरे पर उदासी साफ दिख रही है।
अरजुन (30), उसके पास जाता है, धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखता है।
अरजुन
क्या हुआ? अभी भी उदास हो?
(प्यार से)
मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। ऐसे उदास मत हो। मेहमान आने वाले हैं, रात में पार्टी है। अगर तुम ऐसे बैठी रहोगी, तो कैसे चलेगा?
रिया (मुस्कुराने की कोशिश करते हुए)
नहीं, मैं ठीक हूँ। बस थोड़ी थक गई थी।
(उठते हुए)
मैं अभी तैयारी शुरू करती हूँ। केक वाले का फोन आया था, उसने कहा है 8 बजे तक भेज देगा।
रिया
मैं थोड़ी सेटिंग और सफाई कर लूँ घर की।
अरजुन
ठीक है। मैं भी अपना ऑफिस का काम खत्म कर लेता हूँ।
दोनों अपने-अपने काम में लग जाते हैं। कुछ देर बाद, रिया आवाज़ लगाती है।
रिया
अरजुन!
अरजुन अपने लैपटॉप से नज़र हटाकर देखता है।
रिया
जाकर अपने प्रेस करवाए हुए कपड़े ले आओ। पार्टी में पहनने के लिए।
अरजुन
बाद में ले आऊँगा। अभी ये काम ज़रूरी है।
रिया
नहीं, अभी जाओ। बाद में फिर हड़बड़ी करोगे। मैं नहीं चाहती कि हमारी सालगिरह पर कोई भी कमी रहे।
अरजुन (मुस्कुराते हुए)
ठीक है, जा रहा हूँ।
अरजुन उठता है और दरवाज़े से बाहर निकलता है।
INT. रिया का घर – लिविंग रूम
अरजुन कपड़े लेकर वापस आता है। घर में एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है।
अरजुन
रिया?
कोई जवाब नहीं।
अरजुन बेडरूम की तरफ बढ़ता है। अचानक, वह बेडरूम के दरवाज़े पर एक आदमी की परछाई को हिलते हुए देखता है। परछाई एक पल के लिए रुकती है, और फिर धीरे-धीरे हिलने लगती है।
तभी, कमरे के भीतर से एक मर्दाना आवाज़ सुनाई देती है –
मर्दाना आवाज़ (कांपती हुई)
मैं तुमसे प्यार करता हूँ... इस बार, तुम्हें मेरे साथ आना ही होगा।
अरजुन के कदम वहीं थम जाते हैं। एक आदमी की आवाज़? रिया के कमरे में? और वो दरवाज़ा बंद है।
अरजुन का गुस्सा आसमान छूने लगता है। वो दरवाज़े पर ज़ोर से मुक्का मारता है।
अरजुन (गुस्से में)
रिया! अंदर कौन है?! दरवाज़ा खोलो!
दरवाज़ा अंदर से बंद है। वो और ज़ोर से दरवाज़े को पीटता है।
अरजुन (गुस्से से चिल्लाते हुए)
रिया!! खोलो ये दरवाज़ा!!
कुछ पल बाद दरवाज़ा धीरे-धीरे खुलता है।
रिया सामने खड़ी है — भीगी हुई, तौलिये में लिपटी। उसके चेहरे पर हैरानी और डर है।
अरजुन (आँखें सिकुड़ते हुए, गुस्से में)
अंदर कौन था?
रिया (चौंकते हुए)
क्या? कोई नहीं... मैं तो नहा रही थी।
अरजुन
मैंने एक आदमी की आवाज़ सुनी। और दरवाज़ा अंदर से बंद था।
रिया
नहीं... दरवाज़ा तो खुला था। तुम्हारी आवाज़ सुनी, तो मैं तुरंत बाहर आ गई।
अरजुन गुस्से और शक से रिया को देखता है। वो कुछ कहने ही वाला होता है कि तभी –
SFX: डिंग-डॉंग!
डोरबेल बजती है।
INT. रिया का घर – शाम
डोरबेल की आवाज़ सुनकर, अर्जुन का गुस्सा और शक एक पल के लिए शांत हो जाता है। वह दरवाज़ा खोलता है।
सामने अमन (30), अर्जुन का दोस्त, हँसते हुए खड़ा है।
अमन (हँसते हुए)
कैसा है भाई? बड़े समय बाद देख रहा हूँ तुझे।
अर्जुन के चेहरे पर एक पल के लिए हैरानी आती है, फिर खुशी।
अरजुन
अरे अमन! तुझे देखते ही खुशी से मन भर गया यार! पर तूने तो कहा था कि तू हमारी पार्टी में नहीं आएगा... मैं बहुत उदास हो गया था।
अमन
हाँ, पर अब आ गया ना? अब अंदर नहीं बुलाएगा क्या?
अरजुन
अरे... मैं तो तुझे देखकर इतना खुश हुआ कि ये सब भूल ही गया। आ ना अंदर आ।
दोनों अंदर आते हैं। अमन जैसे ही घर में पहला कदम रखता है, ठीक उसी पल –
SFX: तेज़ आवाज़, चीज़ों के गिरने की आवाज़
अर्जुन के बेडरूम से भयानक आवाज़ें आने लगती हैं। लगता है जैसे कोई चीज़ें हवा में उछालकर फेंक रहा है।
अर्जुन का चेहरा सफेद पड़ जाता है। वह तुरंत बेडरूम की तरफ भागता है।
रिया (बेडरूम से, चीखते हुए)
अर्जुन!! मुझे बचाओ!! जल्दी आओ!
अमन भी अर्जुन के पीछे भागता है। जैसे ही वे दोनों बेडरूम में दाखिल होते हैं, सबकुछ अचानक शांत हो जाता है।
INT. बेडरूम
कमरे में पूरी तरह सन्नाटा पसरा है। कमरे का सारा सामान बिखरा पड़ा है। पेंटिंग्स दीवार से गिरकर टूटी पड़ी हैं, और छोटे फर्नीचर अपनी जगह से हिले हुए हैं।
अरजुन (घबराकर)
रिया! तुम कहाँ हो?
रिया (कांपती हुई, दबी हुई आवाज़ में)
अर्जुन... मैं यहाँ हूँ... बेड के नीचे...
अर्जुन और अमन बेड के पास जाते हैं। अर्जुन झुककर देखता है। रिया डर के मारे सिकुड़ी हुई बेड के नीचे बैठी है।
अरजुन (रिया को बाहर निकालते हुए)
क्या हुआ रिया? तुम यहाँ क्यों हो?
रिया (रोते हुए, कांपती हुई)
अर्जुन... तुम्हारे जाने के बाद मैं बेड पर बैठी थी। अचानक... एक काली परछाई कमरे में घूमने लगी। और फिर, घर का सामान हवा में उड़कर इधर-उधर गिरने लगा। मैं डर के मारे बेड के नीचे छिप गई।
रिया रोते हुए अर्जुन को कसकर गले लगा लेती है।
रिया (आँसू बहाते हुए)
अर्जुन, यहाँ क्या हो रहा है? मुझे बहुत डर लग रहा है।
अर्जुन भी उसे गले लगाए हुए है, उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा।
अरजुन (धीरे से)
शांत हो जाओ रिया। मुझे खुद समझ नहीं आ रहा है कि क्या हो रहा है।
अमन घबराकर चारों तरफ देखता है।
अमन
तुम दोनों ठीक हो? ये यहाँ क्या हो रहा है?
सीन 4
INT. लिविंग रूम – शाम
तीनों (रिया, अर्जुन और अमन) सोफे पर बैठे हैं। रिया अभी भी कांप रही है और अर्जुन उसे दिलासा देने की कोशिश कर रहा है। कमरे में एक अजीब सा तनाव और सन्नाटा छाया हुआ है।
अमन
यह सब क्या हो रहा है? क्या कोई दिक्कत है तुम दोनों के बीच?
अरजुन (निराश होकर)
पता नहीं। दिन की शुरुआत से ही कुछ अजीब सी घटनाएँ हो रही हैं।
रिया (कांपते हुए)
दिन की शुरुआत से नहीं... यह सब उस डिलीवरी वाले बॉक्स के आने के बाद शुरू हुआ है। ज़रूर उसमें कोई काला जादू या शापित चीज़ थी।
अरजुन (उसे शांत करने की कोशिश में)
रिया! तुम क्या कह रही हो? हमने उसे बाहर फेंक दिया था। उससे कुछ नहीं हुआ है।
रिया (चीखते हुए)
हाँ! ये सब उसी से हुआ है!
अमन दोनों को देखकर हैरान है। वह बीच में बोलता है।
अमन
तुम लोग शांत हो जाओ। पुलिस को क्यों नहीं बुलाते? यह किसी इंसान का काम भी हो सकता है।
रिया (रोते हुए, दर्द भरी आवाज़ में)
नहीं... मैंने कहा ना... मैंने देखा है! एक परछाई... जो बहुत गुस्से में थी। बेडरूम की चीज़ें इधर-उधर फेंक रही थी। वो कोई इंसान नहीं है!
अमन कुछ कहने ही वाला होता है कि अर्जुन गुस्से में उठ खड़ा होता है। उसके चेहरे पर तनाव और खीझ साफ दिख रही है।
अरजुन
बहुत हो गया! मेहमान आने ही वाले हैं। मुझे अब इस बारे में कोई बात नहीं करनी।
अर्जुन की आवाज़ में गुस्सा सुनकर सभी शांत हो जाते हैं। रिया डर के मारे सिकुड़ जाती है।
अर्जुन बेडरूम की तरफ जाता है, दरवाज़ा बंद करता है और उसे बाहर से लॉक कर देता है। फिर वह वापस आकर शांत बैठ जाता है।
INT. लिविंग रूम – शाम
तीनों (अर्जुन, रिया और अमन) लिविंग रूम में बैठे हैं। अर्जुन अभी भी गुस्से में है, जबकि रिया सहमी हुई बैठी है।
अमन अर्जुन को देखकर उसके कंधे पर हाथ रखता है।
अमन (नरमी से)
अर्जुन, तुम्हें क्या हो गया है? आज खुशी का दिन है और रिया को देखो, तुम उसे और डरा रहे हो।
अर्जुन की नज़र रिया की तरफ जाती है। रिया की आँखें नम हैं और उसने अपनी भीगी पलकें झुकाई हुई हैं।
अर्जुन का दिल जैसे पिघल जाता है। वह रिया के आँसू देखकर असहज महसूस करता है।
अरजुन (नरमी से)
रिया... अगर तुम चाहती हो तो पार्टी कैंसिल कर देते हैं। आज बहुत कुछ हो गया है... तुम आराम करो।
रिया अर्जुन की तरफ देखती है, लेकिन अर्जुन अपनी नज़रें हटा लेता है। रिया की आवाज़ में हिम्मत और प्यार दोनों हैं।
रिया
नहीं, अर्जुन। तुम जाओ, तैयार हो जाओ। मैं भी तैयार होकर आती हूँ। अमन इतनी दूर से आया है। तुम पार्टी को लेकर इतने खुश थे। सारे इंतज़ाम हो चुके हैं। यह हमारी पहली वेडिंग एनिवर्सरी है, मैं इसे ऐसे कैंसिल नहीं करना चाहती।
रिया की बातें सुनकर अर्जुन और अमन दोनों हैरान हो जाते हैं। अमन रिया का हौसला देखकर मुस्कुराता है।
अमन
तुम दोनों बिलकुल ठीक कह रहे हो। मैं भी तुम्हारी मदद करूँगा। और इस बार अगर कोई आया तो उसे मैं पकड़ लूँगा, और हम उसे छोड़ेंगे नहीं।
अर्जुन के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आती है।
अरजुन
हाँ।
(अमन की तरफ मुड़कर)
मैं ऊपर वाले रूम में तैयार होने जा रहा हूँ। तुम चाहो तो गेस्ट रूम इस्तेमाल कर लो।
अमन
थैंक्स यार।
(मस्ती भरे अंदाज़ में)
और अब खुश हो जाओ! पार्टी है आज! डांस करेंगे और पेग मारेंगे रात भर!
अरजुन
हाँ, हाँ, ठीक है!
अर्जुन और अमन दोनों मुस्कुराते हैं। वे दोनों तैयार होने के लिए अलग-अलग कमरों में चले जाते हैं। रिया अकेले लिविंग रूम में रह जाती है। उसके चेहरे पर उदासी की जगह अब एक दृढ़ता दिख रही है।
सीन 5 – “ऊपर का कमरा”
INT. अरजुन का बेडरूम – ऊपर की मंज़िल – रात
कमरे में हल्की, शांत सफ़ेद लाइट जल रही है। खिड़की के बाहर से आती हुई ठंडी हवा के झोंके से पर्दें हल्के-हल्के हिल रहे हैं।
दूर नीचे ड्रॉइंग रूम से रिया और अमन की हल्की हँसी की आवाज़ें आ रही हैं, जो इस शांत और अकेले कमरे में और भी अजीब लग रही हैं।
अरजुन (30), शीशे के सामने खड़ा है। वो अलमारी खोलता है और उसमें से एक क्लासी ब्लैक सूट निकालता है। वो शीशे के सामने खड़ा होकर सूट पहनता है और टाई ठीक करने लगता है।
SFX – खट्... खट्...
एक धीमी, लकड़ी पर होने वाली दस्तक की आवाज़ कमरे के अंदर से आती है। ऐसा लगता है जैसे कोई अलमारी के पास से ठोक रहा हो।
अर्जुन रुक जाता है, उसके हाथ की हरकत रुक जाती है। वो हैरान होकर चारों तरफ देखता है।
अरजुन (धीमी आवाज़ में)
रिया?... अमन?...
कोई जवाब नहीं।
अर्जुन कंधे उचकाकर इस बात को नज़रअंदाज़ करता है और फिर से टाई पहनने लगता है।
अचानक —
अलमारी का दरवाज़ा अपने-आप धीरे-धीरे खुलने लगता है। दरवाज़े के खुलने से एक अजीब सी चरमराहट की आवाज़ आती है।
अंदर सिर्फ़ गहरा अँधेरा है।
अरजुन दरवाज़े के पास सावधानी से जाता है। उसके दिल की धड़कन तेज़ हो रही है। वो दरवाज़ा पूरी तरह खोलता है।
अंदर कुछ भी नहीं है। बस उसके पुराने कपड़े और हैंगर लटक रहे हैं।
वो वापस मुड़ने लगता है… तभी…
SFX – फुसफुसाहट (बहुत हल्की, लगभग न के बराबर)
“अरजुन…”
अरजुन की रीढ़ में एक ठंडी सिहरन दौड़ जाती है। उसकी आँखें डर से फैल जाती हैं।
वो पलटकर देखता है — अलमारी के अंधेरे में जैसे एक काली, धुंधली सी आकृति पलक झपकते ही गायब हो जाती है।
उसकी साँसें तेज़ हो जाती हैं। डर के मारे वो दरवाज़ा धड़ाम से बंद करता है और पीछे हटता है।
SFX – नीचे से अमन की आवाज़
“अरजुन! जल्दी करो, सब आ गए हैं!”
अर्जुन गहरी साँस लेता है, और अपने आप को सँभालता है। वो खुद को यकीन दिला रहा है कि ये सिर्फ एक भ्रम था।
वो आखिरी बार आईने में अपना चेहरा देखता है।
सीन 6
INT. लिविंग रूम – रात
पार्टी शुरू हो चुकी है। घर रोशनी से जगमगा रहा है, और मेहमानों की चहल-पहल है। दूर से हल्का म्यूज़िक सुनाई दे रहा है।
INT. अरजुन का बेडरूम – रात
अरजुन (30), अभी भी सदमे में है, आईने की तरफ घूर रहा है।
वह धीरे-धीरे मुड़ता है और खिड़की से नीचे देखता है।
बहुत सारे दोस्त आए हुए हैं। हर कोई आपस में हँस-बोल रहा है। अमन (30), उसे देखकर आवाज़ लगाता है।
अमन (ऊपर देखते हुए)
अरे अर्जुन! जल्दी आ ना नीचे! पार्टी शुरू हो गई है।
अरजुन चेहरे पर एक नकली मुस्कान लाने की कोशिश करता है।
अरजुन (हँसते हुए)
अभी आया!
वह तेज़ी से बेडरूम से बाहर निकलता है और सीढ़ियों से नीचे जाने लगता है।
अचानक –
सीढ़ियों से उतरते हुए उसका पैर फिसल जाता है। वह संतुलन खो बैठता है और नीचे की तरफ गिरने लगता है।
SFX: चिल्लाने की आवाज़
रिया (28) और अमन चिल्लाते हैं – “अर्जुन!”
सारे मेहमानों की नज़रें अर्जुन की तरफ मुड़ जाती हैं।
अर्जुन गिरने ही वाला होता है कि एक काली परछाई उसे पकड़ लेती है। वो परछाई उसे हवा में थाम लेती है।
वह परछाई उसके कान में फुसफुसाती है, लेकिन उसकी आवाज़ किसी को सुनाई नहीं देती –
परछाई (फुसफुसाते हुए)
“अभी वक़्त नहीं आया है, अर्जुन।“
अगले ही पल, वह परछाई गायब हो जाती है और अर्जुन सीढ़ियों पर सामान्य रूप से खड़ा हो जाता है, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
पार्टी में आए हुए लोग एक-दूसरे को देखकर कानाफूसी करने लगते हैं।
मेहमान 1
वो क्या था? क्या उसने भूत देखा?
मेहमान 2
मुझे तो बहुत डर लग रहा है।
मेहमान 3
चलो, यहाँ से चलते हैं।
कुछ लोग डरकर भागने लगते हैं। अमन की आँखें पूरी तरह खुल चुकी हैं, उसे विश्वास नहीं हो रहा कि उसने क्या देखा।
धीरे-धीरे सभी मेहमान कोई न कोई बहाना बनाकर घर से निकलने लगते हैं। देखते ही देखते पूरा घर खाली हो जाता है।
घर के अंदर की हवा अचानक भारी हो गई थी।
दीवारों पर परछाइयाँ लंबी और टेढ़ी-मेढ़ी होकर रेंग रही थीं।
उनमें से एक… सबसे काली… सबसे अजीब…
मानो जीवित हो —
हँसते हुए पूरे हॉल में इधर-उधर दौड़ रही थी।
उसकी हँसी — न इंसानी थी, न पूरी तरह दानवी —
एक अजीब, असहज कर देने वाली खनक उसमें थी।
“टाइम… आने वाला है…”
“हम… हमेशा के लिए… एक हो जाएंगे… हा… हा… हा…”
रिया का चेहरा पीला पड़ गया।
उसने दोनों हाथों से अपने कान कसकर बंद कर लिए,
मानो उस हँसी को बाहर ही रोक देना चाहती हो।
“ये… कैसी हँसी है? कौन हँस रहा है?”
उसकी आवाज़ काँप रही थी, आँखें बेतहाशा चारों ओर घूम रही थीं।
अरजुन ने धीरे-धीरे उसकी ओर कदम बढ़ाए,
पर उसकी निगाहें कमरे के हर कोने को टटोल रही थीं।
“मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा… निकलो यहाँ से… सब के सब!”
अमन ने उसकी बात पर सिर हिलाया,
चेहरे पर डर और जल्दबाज़ी साफ़ झलक रही थी।
“हाँ… चलो! दरवाज़े की तरफ़!”
दोनों जैसे ही बाहर की ओर भागने लगे —
वो परछाई बीच में आकर चीख पड़ी।
“नहीं… कोई… नहीं जाएगा यहाँ से!”
उसकी आवाज़ दीवारों से टकराकर कई गुना भारी हो गई।
अगले ही पल, वो किसी अदृश्य ताक़त की तरह
अमन और अरजुन के सीने पर आकर धक्का मारती है।
दोनों पीछे की ओर खिसकते हुए लिविंग रूम के बीचोबीच जा गिरे।
फ़र्श की लकड़ी उनके गिरने से चरमरा उठी,
और हवा में फिर वही ठंडी, खोखली हँसी गूँजने लगी।
रिया, अब भी कान बंद किए, दीवार से टिककर खड़ी थी —
लेकिन उसकी आँखों से टपकते आँसू बता रहे थे
कि उस हँसी ने पहले ही उसके भीतर डर का ज़हर उतार दिया है।
अमन लड़खड़ाते हुए खड़ा हुआ, उसकी सांसें अब भी तेज़ चल रही थीं।
उसने अरजुन का हाथ पकड़ा और उसे भी उठाया।
“ये सब… क्या हो रहा है?” उसकी आवाज़ में डर के साथ हैरानी भी थी। “वो काली परछाई… और कौन-सा ‘टाइम’ आने की बात कर रही थी? कुछ तो बताओ!”
अरजुन बिना जवाब दिए सीधा रिया के पास गया और उसे अपने सीने से कसकर लगा लिया।
रिया का बदन काँप रहा था, उसकी आँखों में डर और बेबसी दोनों थे।
वो बोलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन गला जैसे बंद हो गया था।
अरजुन ने अमन की ओर देखा, उसकी आवाज़ धीमी लेकिन गंभीर थी।
“मुझे नहीं पता वो परछाई किस समय की बात कर रही है…
लेकिन एक बात साफ़ है — वो रिया को अपने साथ ले जाना चाहती है।
शायद… वो कोई ऐसा शख़्स है… जो रिया से प्यार करता था… और अब मर चुका है।“
अमन चौंक गया।
“क्या? लेकिन कौन?”
रिया ने डरते हुए सिर हिलाया।
“मुझे नहीं पता। मैंने सिर्फ़ अरजुन से प्यार किया है… और उसी से शादी की है।
मैंने कभी किसी और के बारे में… सोचा तक नहीं।“
अरजुन ने उसके गाल पर हाथ रखा, उसकी आँखों में भरोसा भरने की कोशिश करते हुए बोला,
“शांत हो जाओ… तुम्हें मुझसे कोई भी जुदा नहीं कर सकता।
चाहे वो कोई भी हो… मैं उसे तुम्हें ले जाने नहीं दूँगा।“
अमन ने चारों ओर नज़र दौड़ाई।
“ये आत्मा बहुत ताक़तवर लग रही है।
इसने सारे दरवाज़े बंद कर दिए हैं।
हमें यहाँ से निकलने का कोई रास्ता सोचना होगा… वरना हम सब मारे जाएँगे।“
अरजुन ने जेब से फोन निकाला और किसी को कॉल करने लगा।
“मैं मदद के लिए किसी को बुलाता हूँ।“
अमन ने अपना टूटा हुआ फोन दिखाया।
“मेरे फोन का तो काम तमाम हो गया।
उस परछाई ने जैसे ही मुझे उठाकर फेंका, फोन हाथ से छूटकर गिर गया।“
रिया ने डरते हुए याद करने की कोशिश की।
“मुझे याद नहीं… शायद मेरा फोन किचन में रखा है…
लेकिन पक्का नहीं कह सकती।“
अमन ने सिर हिलाया।
“हमें रिया पर खास नज़र रखनी होगी।
वो परछाई उसी के पीछे है।“
“हाँ, ठीक है,” अरजुन ने जवाब दिया।
“ऐसा करो… तुम रिया का ध्यान रखो।
मेरा फोन ऊपर वाले कमरे में भूल आया हूँ…
छत वाले कमरे में, आईने के पास।
मैं लेकर आता हूँ।“
“ठीक है,” अमन ने सहमति दी।
INT. छत वाला कमरा – रात
कमरे में घुप अंधेरा था, बस खिड़की से आती हल्की-सी चांदनी फर्श पर फैली थी।
आईने के पास एक टेबल थी, और उस पर अरजुन का फोन रखा हुआ था।
वो धीरे-धीरे बढ़ा, फोन उठाने के लिए हाथ बढ़ाया —
और तभी…
आईने के अंदर से एक काला हाथ निकल आया!
ठंडा, हड्डियों जैसा सख़्त, उसकी कलाई को पकड़ लिया।
अरजुन ने झटके से हाथ छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन पकड़ इतनी मज़बूत थी कि उसकी उंगलियां सुन्न होने लगीं।
पूरे कमरे में वो काली, खोखली हँसी गूँज उठी —
एक ऐसी हँसी, जो दिल के भीतर तक उतरकर डर पैदा कर दे।
अचानक… फोन की स्क्रीन जल उठी।
एक कॉल आ रही थी — स्क्रीन पर लिखा था: “बाबा जी”।
जैसे ही रोशनी काले हाथ पर पड़ी, वो सुलगने लगा…
धीरे-धीरे धुएँ में बदलता गया… और अगले ही पल पूरी तरह गायब हो गया।
अरजुन ने फोन कसकर पकड़ा, गहरी सांस ली और नीचे की ओर भागा —
जहाँ रिया और अमन उसका इंतज़ार कर रहे थे।
सीन – “बाबा का फ़ोन”
घर के भीतर अजीब-सी चुप्पी थी। बाहर का माहौल जैसे रुक गया हो—न हवा का शोर, न किसी की आहट।
लिविंग रूम के बीचों-बीच,