Dhokha aur Kamyabi - 2 in Hindi Love Stories by Ankit books and stories PDF | धोखा और कामयाबी - 2

The Author
Featured Books
  • My Secret Wife - 6

    शिवम: ठीक है डैड ।आरोही:जी अंकल।शिवम के डैड: हां ध्यान से कम...

  • काल कोठरी - 9

    काल कोठरी ----------(9)जिंदगी एक सड़क की तरा है... बस चलते जा...

  • वजन घटाने पर फैट कहाँ जाता है !

                                                           वजन घ...

  • Munjiya

    "अगर किसी की असमाप्त मुंडन संस्कार की आत्मा भटकती रहे, तो वह...

  • धोखेबाज़ औरत

    प्रस्तावनातेजपुर शहर की गलियों में जब कोई काजल का नाम लेता,...

Categories
Share

धोखा और कामयाबी - 2

“प्यार में धोखा खाने के बाद बना अमीर” का Part 2 है — जहां अब राहुल की ज़िंदगी में नई ऊंचाइयां भी हैं और नए इम्तिहान भी।


---

: “सपनों का शहर, अकेलेपन की सज़ा”

मुंबई की रफ्तार में राहुल का नाम अब धीरे-धीरे गूंजने लगा था।
महंगे ऑफिस, चमचमाती कार, और उसके काम की तारीफ देश-विदेश तक पहुंच रही थी।

लेकिन...
शाम को जब वो अपने पेंटहाउस में अकेले बैठता, तो शोर के बीच भी एक खामोशी उसके कानों में चीखती थी।

उसने सब कुछ पा लिया था...
बस वो "कोई" नहीं था, जो उसे बिना मतलब चाह सके।


---

: “फिर एक बार... प्यार?”

एक बिज़नेस सेमिनार में उसकी मुलाकात अन्वी से हुई —
सिंपल, लेकिन समझदार। खूबसूरत, लेकिन grounded।

अन्वी को राहुल की दौलत से ज़्यादा उसकी बातें पसंद आईं।
और राहुल को उसकी आंखों में सच्चाई दिखी — जो श्रुति में कभी नहीं थी।

धीरे-धीरे दोनों मिलते रहे, और कुछ महीनों में एक दोस्ती का रिश्ता कुछ और गहरा हो गया...

लेकिन राहुल अब पहले जैसा नहीं था —
वो मोहब्बत से डरता था।


---

: “बीते हुए कल की दस्तक”

एक दिन राहुल का नाम Forbes 30 under 30 में आ गया।

वो खबर हर जगह थी।

उसी रात श्रुति का फिर से मैसेज आया:

> "तुम्हें देखकर अफ़सोस होता है… मैंने क्या खो दिया।"



राहुल ने इस बार जवाब दिया:

> "तुमने मुझे नहीं खोया… तुमने उस इंसान को खोया जो तुम्हें सच्चा प्यार करता था।
अब जो मैं हूं, वो तुम्हारे लिए नहीं… अपने उस पुराने मैं के लिए है, जिसे तुमने तोड़ दिया था।**"




---

: “एक आखिरी सवाल”

अन्वी अब राहुल से कह चुकी थी —
“मैं तुम्हारे पास हूं, लेकिन क्या तुम सच में मेरे हो?”

राहुल खामोश था।
क्या वो फिर से किसी को भरोसा दे सकता था?
क्या उसकी ज़िंदगी में फिर से मोहब्बत की जगह थी?

और यहीं पर कहानी पहुंचती है एक ऐसे मोड़ पर…
जहां से राहुल को खुद को माफ़ करना है — ताकि वो किसी और को अपना सके।
“दिल और दिमाग की जंग”

राहुल कामयाबी की ऊंचाई पर था, लेकिन अन्वी से उसकी दूरी बढ़ने लगी थी।

वो उसे पसंद करता था, चाहता भी था…
लेकिन जब भी वो कुछ महसूस करता, तो दिमाग उसे याद दिलाता:

> “श्रुति ने भी तो यही किया था… भरोसा तोड़ा था।”



अन्वी समझती थी — राहुल का डर, उसका टूटा अतीत।

एक दिन अन्वी ने कहा:

"राहुल, हर कोई श्रुति नहीं होता…
और हर रिश्ता तुम्हारा टेस्ट नहीं होता।
तुम्हें आगे बढ़ना पड़ेगा — या फिर मैं पीछे हट जाऊंगी।"

राहुल चुप था… पर पहली बार वो रोया।
बहुत रोया।


---

: “एक मुलाकात, जो सब बदल गई”

कुछ हफ्ते बाद, राहुल एक कॉलेज में गेस्ट स्पीकर बनकर गया।
वो छात्रों को "धोखा और मेहनत" से "सक्सेस" तक का सफर सुना रहा था।

बोलते-बोलते उसके शब्द रुक गए…

उसने कहा:

"जिस दिन दिल टूटा था, उसी दिन मेरी ताकत ने जन्म लिया।
पर अब मुझे समझ आया —
ताकत का मतलब अकेला होना नहीं होता।
कभी-कभी साथ भी ताकत बन जाता है।"

भीड़ तालियाँ बजा रही थी…
पर उसकी नजर सबसे पीछे खड़ी अन्वी पर थी —
जो मुस्कुरा रही थी, और उसकी आंखों में एक ही सवाल था:
"क्या अब भरोसा कर सकते हो?"

राहुल ने सिर हिला दिया — हाँ।


---

: “नया रिश्ता, नई कहानी”

अब राहुल और अन्वी साथ थे।
ना दिखावे के लिए, ना सोशल मीडिया के लिए — सिर्फ एक-दूसरे के लिए।

राहुल ने अपने नए ऑफिस का नाम रखा:

> “AnRa Enterprises” — Anvi + Rahul



उसकी ज़िंदगी अब भी तेज़ थी, लेकिन अब अकेली नहीं।

एक बार फिर उसने प्यार किया…
लेकिन इस बार सही इंसान से।