“भूतनी के रिश्तेदार” का अध्याय 3: भूतिया लव ट्रायंगल
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अध्याय 3: भूतिया लव ट्रायंगल
ठकुराइन हवेली की हवा आज कुछ बदली-बदली सी थी। रेखा भूतनी ने गुलाब का इत्र लगाया था, आंखों में काजल गाढ़ा किया था और “प्यार हुआ चुपके से” वाले सॉन्ग पर धीमे-धीमे लहराते हुए चुन्नीलाल की तरफ बढ़ रही थी।
चुन्नीलाल, जो अब *भूतों के रणबीर कपूर* बन चुके थे, थोड़ा नर्वस था।
“रेखा जी, आप तो बहुत डेडिकेटेड लग रही हैं... कहीं ये रील लव स्टोरी में न बदल जाए।”
रेखा –
“चुप रहो! आज एक स्पेशल रील है… जिसमें रोमांस भी है… और ट्विस्ट भी।”
उसी समय हवेली का बड़ा दरवाजा धड़ाम से खुला और उसमें से एक नया भूत प्रवेश कर गया — लंबा-सा कद, चेहरे पर गुस्सा, आंखों में लपटें और मूंछें इतनी बड़ी कि नासमझ लोग रस्सी समझ बैठें।
वो चिल्लाया –
*“रेखा!!! तू अब भी मुझे भूल नहीं पाई!”*
चुन्नीलाल तो वहीं बेहोश हो गया। रेखा तुरंत हवा में उड़ते हुए आई और गुस्से से बोली,
“शंकर?! तू… तू तो ट्रैक्टर एक्सीडेंट में मरा था!”
शंकर –
“हां! उसी एक्सीडेंट में जिसमें तू मरी थी… लेकिन तू मुझे छोड़कर TikTok में लगी है?”
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अब शुरू हुआ भूतिया *लव ट्रायंगल*।
शंकर –
“मैं रेखा का पति था। ये शादी से पहले ही हिरोइन बनने भाग गई थी। और अब मरने के बाद चुन्नीलाल जैसे लौंडे के साथ रील बना रही है!”
रेखा –
“तेरी वजह से ही मैं हीरोइन नहीं बन पाई! तू हमेशा कहता था – ‘गांव की औरतों का क्या काम परदे पर?’ अब देख, मैं भूत बन गई पर सपना अब भी जिंदा है!”
शंकर –
“अब चुन्नीलाल को मैं चैन से जीने नहीं दूँगा… मतलब मरने नहीं दूँगा!”
चुन्नीलाल, जो अब तक बेहोश था, अचानक जागा –
“भैया! मैं बीच में फंसा हुआ हिम्मतवाला नहीं हूं! बस मुझे मेरे गांव का सिंगल लड़का बनने दो!”
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अब पंडित बबलू बाबा फिर से एंट्री मारे – माथे पर सफेद तिलक, गले में सस्ती माला और हाथ में "भूत मैनेजमेंट 101" नाम की किताब।
बबलू बाबा –
“क्या हो रहा है यहां? टीवी सीरियल चल रहा है या आत्मा का महा-संग्राम?”
रेखा –
“बबलू, तू टाइम से आता क्यों नहीं? तू ही इस ड्रामे को समझा!”
शंकर बाबा की तरफ मुड़कर बोला –
“भाई, अब तो आत्मा हो, थोड़ा शांत रहो। ऊपर भगवान सब देख रहा है — और नीचे इंस्टाग्राम वाले!”
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फैसला हुआ – अब रेखा को तय करना था कि वो अपने ‘प्यारे शंकर जी’ के पास जाएगी या *रील पार्टनर चुन्नीलाल* के साथ डिजिटल करियर बनाएगी।
रेखा ने लंबी सांस ली…
“मैं उस औरत की तरह नहीं रहना चाहती जिसे मरने के बाद भी घर के काम करने पड़ते हैं! मैं हिरोइन बनूंगी… चाहे इसके लिए दूसरी ज़िंदगी जीनी पड़े।”
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तभी पंडित बबलू बाबा ने नई स्कीम निकाली –
“अगर भूतनी TikTok पर 10 हज़ार फॉलोअर्स पा जाए, तो उसे *भूतलोक के बॉलीवुड* में भेजा जाएगा!”
अब शुरू हुआ भूतिया कंटेंट क्रिएशन का महायुद्ध। गांव वाले भी रेखा की रीलें देखने हवेली आने लगे।
एक भूतनी ने "झूमका गिरा रे" पर अदाएं दिखाई
- एक ट्रैक्टर भूत ने "लुंगी डांस" किया
- चुन्नीलाल ने "मेरे ड्रीम्स में जो आए" गाया, और शंकर ने पीट दिया
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अब रेखा के 8,953 फॉलोअर्स हो गए थे। बस थोड़ा और।
रेखा –
“चुन्नीलाल, एक आखिरी रील चाहिए… जिसमें तू और मैं एक जोड़े की तरह नाचें।”
चुन्नीलाल ने झिझकते हुए कहा –
“पर मैं डरूंगा नहीं… ये तो कॉन्ट्रैक्ट में नहीं था।”
रेखा मुस्कराई,
“डर में ही रोमांस है, चुन्नी!”
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अंततः, "दीवाना हुआ भूत" गाने पर रील बनी — जो वायरल हो गई।
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10,001 फॉलोअर्स पूरे हुए… और उसी रात रेखा की आत्मा मुस्कुराते हुए आसमान की ओर उड़ गई।
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लेकिन जाते-जाते उसने चुन्नीलाल से कहा –
“जब मेरी बायोपिक बने… तू ही हीरो बनेगा।”
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अंत में, शंकर भी शांत हो गया। चुन्नीलाल अब *भूतों का कंटेंट क्रिएटर* बन चुका था, और बबलू बाबा “ओझा टू इन्फ्लुएंसर” कोर्स बेचने लगा।
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(अगले अध्याय में: भूतों का Oscars — और चुन्नीलाल की नई भूतिया गर्लफ्रेंड)