“भूतनी के रिश्तेदार” का अध्याय 2: TikTok वाली ट्रेजेडी — (भाग 2)
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अध्याय 2: TikTok वाली ट्रेजेडी
चुन्नीलाल को अब नींद नहीं आती थी — वजह: एक भूतनी जो रात के 2 बजे *डांस प्रैक्टिस* करना चाहती थी।
भूतनी रेखा ने एक *पुराना ट्रांजिस्टर* से TikTok के जैसे गाने बजाने का जुगाड़ किया था, और चुन्नीलाल को जबरदस्ती कैमरामैन बना लिया।
रेखा –
"चल! तू फोन पकड़, मैं 'घाघरा' सॉन्ग पे रील बनाती हूं। अगर वायरल हो गया, तो डायरेक्टर की आत्मा भी मुझे ऑफर दे देगी।"
चुन्नीलाल –
"लेकिन फोन में बैटरी नहीं है… और तू भूत है! कैमरा में दिखेगी कैसे?"
रेखा –
"ओह, सही बात है। तब तक तू एक्टिंग सीख!"
अब दिन भर चुन्नीलाल एक्टिंग क्लास लेता – कभी “भूत से डरने” का रियाज़ करता, तो कभी “आशिक बनने” की प्रैक्टिस।
एक दिन पंडित *बबलू बाबा* हवेली में घुस आया। हाथ में नींबू-मिर्च, माथे पर चंदन का टीका, और होंठों पर डर।
बबलू बाबा –
"रेखा! तेरी आत्मा को मोक्ष देने आया हूं। लेकिन अगर तू बहुत गुस्से में हो तो मैं कल भी आ सकता हूं!"
भूतनी – (छत से लटकते हुए)
"बबलू! तू फिर आ गया? पिछली बार तूने मुझे मोक्ष नहीं, हिचकी दे दी थी!"
बबलू बाबा –
"इस बार मैं सच में तंत्रमंत्र लाया हूं!"
चुन्नीलाल –
"बाबा, रुक जाओ! ये भूतनी अब एक्ट्रेस बनना चाहती है, ओवरएक्टिंग नहीं कर रही!"
ठकुराइन हवेली अब वीरान नहीं रही। वहां अब हर रात ड्रम की बीट्स पर “घूंघट की ओट में दिलबर का” गूंजता था, और बीच में चुन्नीलाल की चिल्लाहट, “रेखा जी! कैमरा पकड़ नहीं रहा आपको!”
भूतनी रेखा का सपना अब था — *"भूतू बॉलीवुड सुपरस्टार"* बनना।
चुन्नीलाल, जो सिर्फ नानी की हवेली में चैन की नींद के लिए आया था, अब बन गया था एक *भूतनी का डायरेक्टर, DOP, डांस मास्टर और बॉडीगार्ड*, सब कुछ एक साथ।
एक दिन दोपहर में चुन्नीलाल गले में गीला तौलिया डाले बैठा था, पसीने से भीगा, और मन में सवाल कर रहा था:
“हे भगवान! क्या मैं सच में एक भूतनी की करियर मैनेजमेंट कर रहा हूँ?”
तभी रेखा प्रकट हुई — हवा में लहराती, कानों में झुमके झनकाते, हाथ में पुराना ट्रांजिस्टर और चेहरे पर आत्मविश्वास।
रेखा –
"चुन्नी! नया ट्रेंड आया है – स्लो मोशन वाला डायलॉग रील। चल, शूट करते हैं!"
चुन्नीलाल –
"रेखा जी, आप भूत हैं… कैमरे में नहीं आतीं… रील कैसे बनेगी?"
रेखा –
"अरे बुद्धू! मैंने मंदिर के पास लगे CCTV में खुद को देखा है। जब मैं डांस करती हूं, बिजली चली जाती है — तो लोग कहते हैं ये 'देवी का संकेत' है। बस वही क्लिप एडिट करके इंस्टा पर डाल दो!"
चुन्नीलाल –
"आपको मार्केटिंग भी आती है? कमाल है भूतों का आजकल!"
अब हवेली में कैमरे का सेटअप हुआ — एक टूटी हुई सेल्फी स्टिक, ट्राइपॉड की जगह लोटा, और बैकग्राउंड में चल रहा ट्रैक्टर का इंजन जो आवाज़ दे रहा था: “धक-धक-धक…”
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डायलॉग रिकॉर्ड हुआ:
रेखा (धीरे बोलती है, आंखों में आंसू):
“प्यार किया नहीं जाता… हो जाता है…”
(और बिजली गुल!)
चुन्नीलाल –
"ओह! फिर से लाइट गई। लगता है आपने फिर से ट्रांसफार्मर में एंट्री मारी!"
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अब गांव के लोगों को लगने लगा कि रेखा दीदी सिर्फ भूतनी नहीं, *इंफ्लुएंसर आत्मा* हैं। कुछ महिलाएं उनसे पूछने लगीं,
“रेखा दीदी, रील कैसे बनाई जाती है?”
रेखा –
"भावनाओं को कैमरे में डालो… डर को नहीं।"
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एक दिन, जब चुन्नीलाल थक कर सो रहा था, अचानक हवेली के दरवाज़े पर किसी ने ज़ोर से दस्तक दी।
*ठक-ठक-ठक…*
चुन्नीलाल चौंककर उठा।
“अब कौन है भूतों की भीड़ में नया चेहरा?”
दरवाज़ा खुला — सामने खड़ा था एक लंबा, काला साया, आंखों में गुस्सा और हाथ में *कांस्य की हंडी*।
साया बोला –
“रेखा मेरी बीवी थी… और इस चुन्नी के साथ टिकटॉक बना रही है?!”
*(जारी रहेगा…)*
अगले भाग में आएगा – भूतनी का एक्स पति, और *भूतिया लव ट्रायंगल*।