बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी
Part - 1 बाजी किसी ने प्यार की जीती या हारी
यह एक प्रेम कहानी है जिसमें प्रेमी और प्रेमिका की शादी नहीं हो सकी और दोनों चष्टे ुए भी एक नहीं हो सके …
“ तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो . “ अमित ने अपने साथ पढ़ने वाली रीना से लंच शेयर करते हुए कहा
“ तुम भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो . “ रीना ने कहा था
“ तुम मुझे बहुत प्यारी भी लगती हो . “ अमित ने आगे कहा था
“ क्या मतलब ? “ रीना ने पूछा
“ इतनी भोली न बनो , चार साल से हम साथ पढ़ रहे हैं . क्या अभी तक तुम्हें कुछ अहसास नहीं हुआ कि हम दोनों के बीच कुछ कुछ होता है . “
“ मुझे क्या पता तुम्हारे मन में क्या होता है ? इसके पहले तुमने कभी कुछ कहा भी नहीं था . “
“ तुमने भी तो न कुछ कहा न ही इस तरह का कोई इशारा तुम्हारी तरफ से देखने को मिला था . “
“ अच्छा फ़िलहाल इस बात को यहीं स्टॉप करो . दो महीने बाद हमारी ट्वेल्फ्थ बोर्ड की परीक्षा है . एग्जाम के बाद ये सब बातें होंगी .
रीना और अमित दोनों वेल टू डू फैमिली की संतानें थीं . अमित अपने माता पिता की इकलौती संतान था जबकि रीना की एक बड़ी बहन मीना भी थी . रीना और अमित दोनों सेंट जेवियर्स स्कूल में पिछले चार साल से एक ही क्लास और एक ही सेक्शन में पढ़ रहे थे . दोनों के घर भी थोड़ी ही दूरी पर थे . दोनों अपनी अपनी साइकिल से स्कूल जाते थे . पहले अमित घर से निकलता था और रास्ते में रीना का घर पड़ता था . वह घंटी बजाता तो रीना भी साथ हो जाती थी . रीना के माता पिता भी यही चाहते थे ताकि उनकी बेटी का स्कूल आना जाना सेफ रहे , एक तरह से उनकी नजर में अमित उनकी बेटी का गार्ड था हालांकि उन दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना बहुत कम ही होता था .यूँ कहना ही ठीक रहेगा कि आना जाना एक दूसरे के जन्मदिन , कभी किसी किताब या नोट के लिए या शादी या किसी खास त्यौहार के मौकों पर ही होता था .
इधर कुछ महीनों से अमित अक्सर स्कूटी से जाने लगा था तब रीना भी उसी के साथ स्कूल आती जाती थी . यह स्कूटी अमित की माँ की थी जो अब ऑफिस कार से जाया करती थी . उसके बाद अमित ही इस स्कूटी का इस्तेमाल करता था . वास्तव में मीना की शादी के बाद अमित रीना के और नजदीक हो गया था . एक बार मीना की शादी के समय अमित और रीना दोनों जनवासे में गए थे जहाँ बाराती ठहरे हुए थे . वहां उन लोगों के बीच गाना बजाना और नाच चल रहा था . दूल्हे ने कहा “ बिना साली जी का नाच देखे हम बारात नहीं ले जायेंगे . “
“ आप बरात ले कर आएं तो सही , हम वहां नाच गानों से आपका स्वागत जरूर करेंगे . “
बारातियों में एक पूछ बैठा “ ये क्या दूल्हे का साला है ? “
दूल्हा सवालिया नजरों से दोनों की तरफ देखने लगा , तब रीना बोली “ नहीं यह मेरा क्लासमेट और पड़ोसी है . “
“ और शायद बॉयफ्रेंड भी ? “ किसी दूसरे बाराती ने तंज कसा
रीना कुछ शरमा कर कुछ घबरा कर बोली “ नहीं नहीं , हम सिर्फ क्लासमेट और फ्रेंड हैं .
“ कोई बात नहीं है , बॉयफ्रेंड का स्कोप रखना फ्यूचर में . देखने सुनने में लड़का अच्छा है . “ बाराती ने कहा
“ अच्छा ये बातें छोड़ो और इन बच्चों को नाच गाना करने दो . बिना इसके यहाँ से तुम्हें वापस नहीं जाने दिया जायेगा . “ एक अन्य बाराती ने कहा
रीना बैठी सिर नीचे किये नर्वस दिख रही थी . अमित ने रीना से कहा “ कॉलेज प्रोग्राम में इतना अच्छा भाग लेती हो , अपना नमूना दिखाकर उनका मुंह बंद कर दो . “
इसके बाद रीना को हाथ पकड़ कर उठाया “ चल , मैं भी तुम्हारा साथ दे रहा हूँ . “
अमित ने एक बॉलीवुड सॉन्ग गाते हुए खुद दो चार स्टेप लिए फिर रीना को भी दो चार स्टेप लेने के लिए लगभग मजबूर किया . “
फिर रुक कर बोला “ माय डिअर वुड बी जीजाजी , बस ये ट्रेलर हो गया . पूरी फिल्म जब आप दरवाजे पर बारात लेकर आएंगे तब देख लीजियेगा . “ इतना बोल कर रीना का हाथ पकड़ कर जनवासे से निकल गया .
बाहर आने पर अमित की पीठ पर हल्का घूँसा लगाते हुए रीना बोली “ तुमने ऐसा क्यों किया ? “
“ चल छोड़ , तेरा ट्रेलर बड़ा शानदार रहा था . “
“ और तेरा भी . “ पलट कर रीना ने कहा
खैर मीना की शादी बहुत धूमधाम से सम्पन्न हुई . इस अवसर पर बाराती और घराती दोनों ने जम कर नाचा था . इस शादी में अमित तीन दिनों तक दिन भर रीना के घर में तैयारी में हाथ बंटाता रहा और शादी वाले दिन तो रात भर वहीँ रुका था . इसका परिणाम यह हुआ था कि दोनों पहले की अपेक्षा ज्यादा ही करीब आ गए थे . दोनों की केमिस्ट्री बहुत कुछ मैच करने लगी थी .
कुछ दिनों के बाद बोर्ड एग्जाम के पहले की छुट्टी थी . एक शाम दोनों शहर के पार्क की बेंच पर बैठे बातें कर रहे थे . बात चीत के दौरान अमित ने कहा “ जहाँ तक मैं महसूस करता हूँ अब हम सिर्फ फ्रेंड नहीं हैं . तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो विदाउट एनी डाउट . पता नहीं तुम मेरे बारे में क्या महसूस करती हो ? “
“ अभी ये बातें छोड़ो और एग्जाम की तैयारी पर ध्यान दो . “ रीना बोली
“ तुम्हारा कहना सही है पर ट्वेल्फ्थ के बाद पता नहीं हम कहाँ रहें और तुम कहाँ रहो ? “
“ क्या मतलब ? “
“ मतलब यह कि हो सकता है हम दोनों दूसरे यूनिवर्सिटी या दूसरे शहर में हों . तब अभी की तरह मिलना जुलना संभव नहीं रहेगा . “
“ यस , क्वाइट पॉसिबल . “
“ इसलिए कह रहा हूँ कि क्या हम अपना भविष्य एक साथ देख सकते हैं . “
“ मैंने कहा न , अभी इन बातों पर ध्यान नहीं दे कर हमें पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देना है . हमारे प्यार व्यार के लिए बहुत समय मिलेगा . “
“ चलो , आखिर तुमने हमारे प्यार की बात तो कबूली . “ अमित ने मुस्कुरा कर कहा
“ मैंने ऐसा कब कहा ? “
“ अभी तो कहा था न कि हमारे प्यार व्यार … “
“ तुम भी न , बात को पकड़ कर मत बैठो . “ फिर उठ कर रीना बोली “ चलो अब हमें चलना चाहिए . “
कुछ सप्ताह के बाद दोनों की बोर्ड परीक्षा थी . अमित और रीना दोनों ही साइंस के स्टूडेंट थे . दोनों अपनी अपनी तैयारी में लगे थे , उनके बीच मिलना जुलना और बातचीत का सिलसिला बहुत कम हो गया था . बोर्ड परीक्षा का दिन भी आ गया . हर पेपर की समाप्ति पर दोनों एक दूसरे के पेपर के बारे में पूछते थे . जहाँ जरूरत होती विशेष कर साइंस और मैथ्स में अपने उत्तर मिलाते थे .
करीब तीन सप्ताह के बाद एग्जाम भी समाप्त हुआ . अंतिम दिन केवल एक ही पेपर था . उस दिन अमित और रीना दोनों अन्य साथियों के साथ मूवी देखने भी गए थे . गर्मी के दिन थे , मैटिनी शो के बाद सभी लड़के शरबत पीने गए . लड़कों ने शरारत कर लड़कियों को भी भांग की शर्बत पिला दी . लड़कियां इस बात से अनजान थीं . लड़कों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा था . कुछ देर बाद लड़कियों पर इस शर्बत का कुछ असर दिखने लगा था हालांकि शर्बत में भांग की मात्रा बहुत कम थी . अपनी आदत के प्रतिकूल वे जोर जोर से बातें करतीं और बात बात पर ठठा कर हँसने लगती थीं . राह चलते लोग मुड़ कर उन्हें देखते और हंस कर चल देते थे .गनीमत रही थी कि इसके अतिरिक्त उन्होंने और कुछ हरकतें नहीं कीं . खैर , कुछ देर बाद में उन्हें अपने अपने घर सही सलामत लौटने में कोई परेशानी नहीं हुई थी .
क्रमशः