Your Incomplete Smile in Hindi Love Stories by roshni nayal books and stories PDF | तेरी अधूरी मुस्कान

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तेरी अधूरी मुस्कान

बारिश की उस पहली शाम, जब पूरा शहर भीग रहा था, मैं भीग रहा था सिर्फ तेरी यादों में।
हर बूँद मानो तेरे नाम की स्याही लेकर मेरे सीने पर गिर रही थी। मैं वहीं बैठा था — उसी चाय की दुकान के कोने में जहाँ हम पहली बार मिले थे।

तू आई थी अपनी सहेलियों के साथ, गुलाबी सलवार-सूट में, खुले बालों में लिपटी हुई सी बारिश। हँसी थी तेरे चेहरे पर — मासूम, सच्ची, और बिल्कुल मेरी ज़िन्दगी जैसी। पहली नज़र में नहीं, पर पहली बात में ही दिल हार गया था तुझसे।

तेरी हँसी मेरे लिए दुआ जैसी थी,
तेरी बातें किसी सूखे मन पर सावन की पहली बूँद जैसी।
और तेरा नाम... अनाम सा, लेकिन दिल पर लिखा हुआ।


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तेरे साथ की हर एक बात मेरे ज़ेहन में आज भी वैसी ही ताज़ा है जैसे कल की हो।
तू कहती थी, "बारिश में भीगना मुझे अच्छा लगता है क्योंकि तब कोई मेरे आँसू नहीं देख पाता।"
और मैं बस तुझे देखता था — भीगते हुए, मुस्कुराते हुए, लेकिन अंदर से टूटते हुए।

कभी समझ नहीं पाया कि तू इतना हँसती क्यों थी।
आज समझ आया — हँसने वाले सबसे ज़्यादा टूटे होते हैं।


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हमारा रिश्ता कोई नाम वाला नहीं था —
ना गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड, ना प्रेमी-प्रेमिका।
बस दो अधूरे लोग, जो एक-दूसरे में खुद को पूरा ढूँढ़ते थे।

मैंने तुझे कभी प्रपोज़ नहीं किया —
डर था कि अगर तू मना कर दे तो तुझे देखने का हक भी छिन जाएगा।
और अगर हाँ कह दे, तो ये ख्वाब शायद जल्दी टूट जाएगा।


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फिर वो दिन आया… जब तू कॉलेज से जाने वाली थी — शादी की वजह से।
मैंने तुझसे कहा, “चल एक आखिरी बार वो चाय पीते हैं।”
हम वहीं बैठे, बारिश फिर से शुरू हो गई।
तू कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुराई।

पर उस मुस्कान में पहले जैसी रौशनी नहीं थी,
वो अधूरी थी… जैसे दिल ने कह तो दिया हो, पर होंठ चुप थे।

मैंने पूछा, "खुश है न तू?"
तेरी आँखें भर आईं — और तूने कहा,
"हां, बिल्कुल।"

और वहीं पर मेरी दुनिया टूट गई।


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तेरी शादी के दिन, मैंने तुझे दूर से देखा।
लाल जोड़े में, फूलों से सजी हुई — सब कुछ परियों जैसा था।
पर मैं जानता था, तू भी वहीं सोच रही थी जो मैं सोच रहा था…

काश…
काश एक बार हमने एक-दूसरे को कह दिया होता।
काश ज़माने की परवाह ना की होती।
काश उस मुस्कान के पीछे की खामोशी को मैंने पहले ही पढ़ लिया होता।


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आज 3 साल बाद, मैं फिर उसी चाय की दुकान पर बैठा हूँ।
अब यहाँ सब कुछ वैसा ही है — बारिश, कुर्सियाँ, वो कोना...
बस तू नहीं है।

पर तेरी अधूरी मुस्कान आज भी है — मेरी यादों में, मेरी नींदों में, मेरी हर लिखी लाइन में।


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प्यार अधूरा रह जाए तो वो दर्द नहीं बनता, कहानी बन जाता है।
तेरी और मेरी ये कहानी भी शायद वही है —
जहाँ हम दोनों थे, पर साथ नहीं थे।

आज भी जब बारिश होती है,
मैं छाता नहीं लेता…
शायद इसलिए कि कोई मेरी आँखों का पानी पहचान न ले।

और उस बारिश में जब कोई हँसती लड़की दिखती है,
तो लगता है, तेरी अधूरी मुस्कान फिर से सामने आ गई हो।


📌 Description (विवरण):

"तेरी अधूरी मुस्कान" एक अधूरी मोहब्बत की दिल को छू जाने वाली दास्तान है। ये कहानी है उन जज़्बातों की जो कभी कहे नहीं गए, पर हमेशा ज़िन्दा रहे। अगर आपने भी कभी किसी को दिल से चाहा लेकिन इज़हार नहीं कर पाए — तो ये कहानी आपके दिल को ज़रूर छूएगी।