🌙 भाग 1: एक अनजानी शुरुआत
"ये शादी सिर्फ एक समझौता है, लिआ… एक मजबूरी। लेकिन शायद इसी में हमारी किस्मत भी छुपी हो।”
माँ की बातों की गूंज अब भी मेरे कानों में थी, जबकि मैं शीशे के सामने खड़ी खुद को उस जोड़े में देख रही थी, जिसे मैंने कभी पहनने का सपना तक नहीं देखा था।
लाल और सुनहरे रंग की साड़ी में सजी मैं, आज दुल्हन बनी थी। लेकिन वो चमक मेरी आँखों में नहीं थी जो एक दुल्हन की आँखों में होती है। वहां सिर्फ सवाल थे – डर, अनजाना डर, और एक अजीब सा खालीपन।
🏡 घर… जहां रिश्ते बिखरते और जुड़ते रहे
मैंने जब से होश संभाला, तभी से अपने घर को संघर्ष करते देखा है। पापा की अचानक हुई मौत के बाद, माँ ने बहुत कुछ सहा – रिश्तेदारों की बातें, पैसों की कमी, समाज की कड़वी निगाहें। और अब जब मेरी उम्र शादी की हो चली थी, तो माँ चाहती थी कि मैं एक ‘अच्छे’ घर में चली जाऊं।
लेकिन जिस घर की बात हो रही थी, उस घर के बारे में बहुत कुछ अनकहा था।
💍 एक रिश्ता… जो कहने को शादी है, लेकिन असल में एक सौदा
मुझे बस इतना पता था कि जिस लड़के से मेरी शादी हो रही है, उसका नाम एड्रियन है। एक रहस्यमयी, बहुत अमीर और शक्तिशाली खानदान से जुड़ा शख्स, जो शायद ही किसी से मिलता है। कुछ लोगों का कहना था कि वो बहुत खूबसूरत है, तो कुछ कहते थे कि उसके साथ कुछ ‘अजीब’ है — जैसे वो इंसान कम, और कोई रहस्य ज्यादा हो।
मैंने उसकी एक भी तस्वीर नहीं देखी थी। माँ से पूछने पर उन्होंने बस इतना कहा था —
“तुम्हारी किस्मत बदल जाएगी।”
शायद किस्मत बदले… या शायद सब कुछ और उलझ जाए।
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👰 शादी की रात
घर के आंगन को लाल-पीले फूलों से सजाया गया था। बाहर मेहमान हँसते-बोलते नज़र आ रहे थे, लेकिन मेरी धड़कनों की आवाज़ उन हँसी की आवाज़ों से भी तेज़ थी।
मैं कमरे में अकेली बैठी थी। मेरा घूंघट थोड़ा सा खिसका था, और मैं दरवाज़े की तरफ बार-बार देख रही थी। तभी दरवाज़ा धीरे से खुला।
टिक… टिक… टिक…
घड़ी की सुइयों की आवाज़ जैसे अचानक बंद हो गई। वक़्त रुक गया था।
"तुम लिआ हो?"
वो आवाज़… ठंडी, गहरी, और एकदम अलग। मैंने धीरे से नज़र उठाई… और उसे देखा।
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🧛 एड्रियन – एक अजनबी, जो इंसान नहीं लगता
लंबा, तीखा चेहरा, गहरी आँखें जो सीधे आत्मा तक झाँकती हैं। उसकी आँखों का रंग गहरा था – काला और नीला सा, जैसे किसी बर्फीले समंदर की गहराई में डूब जाओ तो वैसा।
उसकी त्वचा असामान्य रूप से साफ़ थी, और सबसे अजीब बात — उसका चेहरा बिलकुल भावहीन था। जैसे वो इंसानी भावनाओं को बस देख सकता है, महसूस नहीं कर सकता।
"मैं एड्रियन हूँ," उसने कहा।
उसकी आवाज़ में एक अजीब सी गूँज थी — जैसे हर शब्द सीधा दिल पर लगे।
मैं कुछ नहीं कह पाई। मेरी आवाज़ जैसे गले में अटक गई थी।
उसने हाथ बढ़ाया। "चलिए, ये शादी सिर्फ रस्म नहीं है… बल्कि एक नई कहानी की शुरुआत है।"
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💢 उसके हाथ में गर्मी नहीं थी… बल्कि सर्द हवा सी थी
जब मैंने उसका हाथ छुआ, मेरे रोंगटे खड़े हो गए। उसकी त्वचा बर्फ जैसी ठंडी थी। मेरे दिल की धड़कन जैसे पल भर को रुक गई। मैंने उसकी आँखों में देखा — वहाँ कोई डर नहीं था, कोई मोह नहीं… बस एक अजीब सा इंतज़ार था।
“क्या तुम इंसान हो?” मेरे होंठों से अनजाने में ये सवाल निकल गया।
एड्रियन मुस्कुराया नहीं… उसकी आँखों में हल्की सी चमक आई, लेकिन वो कुछ नहीं बोला।
"शायद तुम बहुत जल्द जान जाओगी," उसने कहा और मेरी ओर थोड़ा झुकते हुए मेरी आँखों में देखता रहा।
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😨 शादी तो हो गई… पर क्या ये सच में ‘शादी’ है?
फेरे पूरे हुए। सबने मिठाइयाँ खाईं, शगुन दिया, फोटो खिंचवाए। लेकिन उस पूरी भीड़ में, एड्रियन पूरी तरह अलग था — जैसे किसी और ज़माने से आया हो।
वो हँसता नहीं था, बस देखता था। लोगों से मिलते वक्त भी उसके होंठ मुश्किल से हिलते थे। एक बर्फीली शांति उसके चारों ओर छाई रहती थी।
शादी के बाद जब मैं उसके साथ उसकी कार में बैठी, तो मैंने पहली बार महसूस किया कि अब मैं वाकई अपनी दुनिया से बहुत दूर जा रही हूँ।
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🏰 वो घर… जो महल जैसा था, लेकिन उसमें गर्मी नहीं थी
उसका घर बहुत बड़ा था — पत्थर की दीवारें, ऊँची छतें, पुराने यूरोपीयन महलों जैसी बनावट। लेकिन उस घर में रौशनी कम थी… और एक अजीब सी ठंडक फैली हुई थी।
दीवारों पर पुरानी पेंटिंग्स थीं — कुछ बहुत ही अजीब चेहरों की। जैसे किसी कहानी से निकले पात्र हों। हर जगह चमड़े की किताबें, घड़ियाँ और पुराने कालीन थे।
"ये घर हमारा नहीं… सिर्फ तुम्हारा है," उसने धीरे से कहा।
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🔚 अंत… या शुरुआत?
रात को जब मैं उसके कमरे में गई, तो वो खिड़की के पास खड़ा था। चाँद की रोशनी उसकी आँखों में पड़ रही थी, और वो दूर आसमान को देख रहा था।
मैंने धीमे से पूछा, "तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो, है न?"
एड्रियन ने मेरी ओर देखा, उसकी आँखों में वो ही अजीब सी चमक थी।
"मैं तुम्हे सच बताऊँगा, लिआ… लेकिन वक़्त आने पर।"
और फिर… एक पल में हवा और ठंडी हो गई। लाइट झपकने लगी। बाहर कहीं दूर एक भेड़िये की आवाज़ आई।
मैं समझ गई — ये सिर्फ शादी नहीं थी। ये एक कहानी की शुरुआत थी… जिसमें मैं नायक नहीं, बल्कि शायद… शिकार थी।
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📌 भाग 1 समाप्त | अगले भाग में:
एड्रियन का रहस्यमय व्यवहार और Lia की बेचैनी
पहली रात की अजीब घटनाएँ
और... Lia को पहला संकेत मिलता है कि उसका पति एक इंसान नहीं है
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