Waiting in Hindi Love Stories by InkImagination books and stories PDF | प्रतीक्षा

Featured Books
Categories
Share

प्रतीक्षा



📖 प्रतीक्षा

✍️ InkImagination


---

"कभी-कभी हम किसी का इंतज़ार नहीं कर रहे होते…
हम बस उस जगह का हिस्सा बन जाते हैं जहाँ कभी कोई था।
ये कहानी है प्रतीक्षा की… उस वेटिंग रूम की, जहाँ रोज़ कुछ टूटता है, और कुछ जुड़ता है।"


---

🕰️ प्रतीक्षा – एक अधूरी कहानी की पूरी प्रतीक्षा

अस्पताल की उस वेटिंग रूम में मैं रोज़ आती हूँ।

कोई भी मुझसे नहीं पूछता कि मैं किसका इंतज़ार कर रही हूँ। शायद लोगों ने मान लिया है कि मेरा कोई मरीज़ अंदर भर्ती होगा। शायद किसी को फर्क नहीं पड़ता। या शायद... सब खुद ही किसी न किसी का इंतज़ार कर रहे हैं।

मैं वहीं, उसी कुर्सी पर बैठती हूँ — दाईं तरफ की चौथी कुर्सी। सामने की दीवार पर एक घड़ी टंगी है जो कभी सही वक्त नहीं बताती।

पर मुझे उससे कोई शिकायत नहीं। वक्त तो कब का ठहर गया था — उस दिन से, जब मेरी दुनिया हिल गई थी।


---

मैं 27 साल की हूँ। नाम – ईरा।
काम – कुछ नहीं। और पहचान… वो भी अब कहीं खो चुकी है।

लेकिन 3 साल पहले, मेरी ज़िंदगी बिल्कुल वैसी ही थी जैसे आम लड़कियों की होती है।
मैं हँसती थी, ख्वाब देखती थी, और उन ख्वाबों में एक चेहरा होता था — विवान।

वो डॉक्टर था। और मैं उसकी मरीज़ नहीं, बल्कि उसकी ज़िंदगी थी।


---

हम मिले थे इसी अस्पताल में।
मैं किसी रिश्तेदार को देखने आई थी और वो ओपीडी में ड्यूटी पर था।

हमारी मुलाकातें छोटी थीं, लेकिन उनमें वो गहराई थी जो किसी किताब में नहीं मिलती।
धीरे-धीरे वो अजनबी मेरा सबसे करीबी बन गया। और फिर एक दिन, जब बारिश हो रही थी, उसने कहा —

> “ईरा, जब तू हँसती है, तो लगता है जैसे दुनिया में कुछ भी बुरा नहीं हो सकता।”



मैंने उस दिन पहली बार यकीन किया कि मोहब्बत सच होती है।


---

हमारा रिश्ता दुनिया के लिए परफेक्ट था — दो पढ़े-लिखे, समझदार लोग, एक-दूसरे की केयर करते हुए, जिंदगी को समझते हुए।

लेकिन मोहब्बत के लिए समझदारी ज़हर बन जाती है।

वो चाहता था कि मैं उसकी ज़िंदगी में रहूं, लेकिन बिना किसी बंधन के।
और मैं… मैं चाहती थी कि वो मुझे सिर्फ "अपनी" कहे।


---

फिर एक दिन… वो चला गया।

बिना अलविदा कहे, बिना वजह बताए, बस चला गया।

फोन नहीं उठाया। मैसेज नहीं पढ़े। और मैं हर दिन अस्पताल आती रही — कभी मिलने की उम्मीद में, कभी खुद को समझाने कि अब सब खत्म हो गया।

लेकिन मैं रुकी रही।


---

अब तीन साल हो गए हैं।
मैं जानती हूँ, वो कभी लौटकर नहीं आएगा।

पर मैं यहाँ रोज़ आती हूँ।

कभी-कभी किसी नए मरीज़ से बात कर लेती हूँ। कभी किसी की मदद कर देती हूँ फॉर्म भरने में। कभी किसी बच्चे को टॉफ़ी दे देती हूँ।

शायद मैं अब इस वेटिंग रूम की ‘बेवजह आने वाली’ औरत बन चुकी हूँ।

पर मुझे फर्क नहीं पड़ता।


---

कल एक नर्स आई और बोली —

> “मैम, आप किसका वेट कर रही हैं? कोई नाम लिखा दूं अंदर डॉक्टर के पास?”



मैं मुस्कराई और कहा —

> “नहीं… बस पुराने वक्त से मिलने आई हूँ।”



वो थोड़ी देर मुझे देखती रही और फिर बिना कुछ कहे चली गई।


---

फिर आज…

एक लड़का आया — घबराया हुआ, आँखों में आँसू।
शायद उसका कोई अपना अंदर था। वो पास वाली कुर्सी पर बैठा और बोला —

> “डॉक्टर कुछ नहीं बोल रहे… शायद अब उम्मीद नहीं बची।”



मैंने उसकी ओर देखा और धीमे से कहा —

> “जब कोई उम्मीद नहीं बचती, तब खुद की हिम्मत बनना पड़ता है।”



उसने मेरी तरफ देखा — थोड़ी हैरानी, थोड़ी राहत।
फिर मुस्कराया।

> “आप रोज़ आती हैं ना यहाँ? क्यों?”



मैंने एक लंबी साँस ली, और कहा —

> “क्योंकि मैंने किसी से वादा किया था — कि जब वो लौटेगा, मैं यहीं मिलूंगी उसे। और अगर वो कभी न आया, तो कम से कम ये जगह तो गवाही देगी कि मैंने इंतज़ार किया।”




---

शायद मैं पागल हो चुकी हूँ।
या शायद मोहब्बत ने मुझे ऐसा बना दिया।

पर ये वेटिंग रूम अब मेरा हिस्सा है।
यहाँ की घड़ी जो वक्त नहीं दिखाती, वो मेरी हालत को समझती है।
ये दीवारें जो हर दिन नए दर्द सुनती हैं, उनमें मेरे आँसू भी शामिल हैं।


---

कभी-कभी सोचती हूँ,
अगर विवान फिर लौटे…
अगर वो अचानक सामने आ जाए और कहे —

> “ईरा, चलो… देर हो गई, अब घर चलते हैं…”



तो क्या मैं उठकर उसके साथ चल दूंगी?

शायद नहीं।

अब मैं उसके लौटने के लिए नहीं बैठती।
अब मैं बस खुद से मिलने आती हूँ — उस ईरा से जो कभी उसकी थी।
जो अब किसी की नहीं।


---

प्रतीक्षा अब उस वक़्त की नहीं रही…
ये अब मेरी एक आदत बन चुकी है।
जैसे कोई किताब जो अधूरी छोड़ दी गई हो, पर फिर भी हर दिन पढ़ी जाती हो।


---



अगर आपने भी कभी किसी का इंतज़ार किया है…
बिना किसी वादा, बिना किसी उम्मीद के…
तो comment ज़रूर करना।

क्योंकि कुछ कहानियाँ पूरी नहीं होतीं —
वो बस "प्रतीक्षा" बनकर किसी वेटिंग रूम में जीती रहती हैं।


---

❤️ Follow जरूर करना अगर तुम भी दिल से कहानियों को जीते हो।
हर दिन एक नई कहानी, एक नया एहसास… सिर्फ InkImagination के साथ.


---


Thankyou🥰🥰...
Please share and comment🙏🙏...