Rebirth ...! - 1 in Hindi Thriller by Reshma Janwekar books and stories PDF | Rebirth ...! - 1

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Rebirth ...! - 1


      अस्पताल में दवाओं का गंध हमेशा बना रहता था | और रक्तांश खुराना को इससे हमेशा से नफ़रत थी लेकिन इस वक्त वह उस गंध को मेहसूस नही कर पा रहा था | 

    रक्तांश इस वक्त वीआईपी वार्ड के एक बेड पर लेटा हुआ था | उसके शरीर में बहुत सी चोटे आई थी और उसका पूरा शरीर खून से सना हुआ था | और तीन मिनट पहले ही डॉक्टर भी यह कह कर गया था की " The Most Powerful buisness man Raktansh Khurana is no more | "

    28 साल का लड़का द ग्रेट बिजनेस टायकून रक्तांश खुराना , जो खुराना एंटरप्राइजेज का सीईओ के साथ साथ अंडरवर्ल्ड दुनिया का बेताज बर्दशाह था | डॉक्टर ने तो कह दिया था की वह मर चुका है ,लेकिन रक्तांश में थोड़ी जान अभी भी बची हुई थी | उसके कान में इस वक्त दो लोगो का अजीब तरह के आवाजे सुनाई दे रही थी | 

      उसने अपनी अंधुखुली आंखो को थोड़ा बड़ी कर ली और सामने एक दूसरे से गले मिलते एक जोड़े को देखने लगा | वह दोनो इस वक्त बेजीजक एक दूसरे पे प्यार लूटा रहे थे | और उनके होंठ भी आपस में मिल चुके थे | 
       
     " Ummmm देव.... मुझे दर्द हो रहा है ....!! "      

      वह लड़की उस लड़के के होंठो में उलझी अपने होंठो को रिहा करते हुए बहुत ही मदहोशी भरी आवाज में बोली,वही वह लड़का जो रक्तांश खुराना का बड़ा भाई देवांश खुराना था | रक्तांश के मौत पर उसे इस वक्त शौक मानना चाहिए था लेकिन वह कुछ अलग ही मूड में लग रहा था | 

    देव उस लड़की की होंठो को सहलाते हुए उसी के ही लहजे में बोला ,""_ तुम्हे दर्द हो रहा है? जरा मैं भी तो देखूं,कहा ,कैसे दर्द हो रहा है ? "

     बोलते हुए देव उस लड़की की होंठो के करीब फिर से अपने होंठ ले जाने लगा | वही वह लड़की जिसका नाम मान्या था ,वह शर्माते हुए देव के होंठो पर हल्के से किस की फिर उसके गले से लग गई | 

   वही रक्तांश हैरानी से कभी देव को देख रहा था तो कभी मान्या को देखने लगा जाता | वह उसका सगा भाई था ,जिसके लिए उसने पूरी जिंदगी में क्या कुछ नही किया था ? और वह उसके मौत पर शोक मनाना तो दूर उसके लाश के सामने ,उसके ही गर्लफ्रेंड से चिपका उसे किस कर रहा था ? और वह लड़की मान्या ? हर वक्त रक्तांश के पीछे भागते हुए उसे हर दिन अपना प्यार का इजहार करती,उसके लिए मर मिटने की वादा करती तो वह आज उसके ही भाई को किस कर रही है ? 

     तभी वार्ड में एक बूढ़ा आदमी अंदर आया,जो काफी खुश भी लग रहा था | उसने एक नजर रक्तांश को बेफिक्री से देखा फिर देव और मान्या के पास जा कर कहा ,""_ मैं अभी अभी पंडित से बात कर आ रहा हु,दो दिन बाद ही शादी का अच्छा मूहर्त निकला है | "
      
     वह बूढ़ा आदमी रक्तांश का दादाजी आशुतोष खुराना था | 
थोड़ी देर पहले ही डॉक्टर उनसे कह कर गया था की उनका पोता अब इस दुनिया में नही रहा, तो इस हिसाब से उन्हे इस वक्त सिर्फ रक्तांश का अंतिम संस्कार के तैयारी करना चाहिए था और उसके लिए शोक मनाना चाहिए था | लेकिन वह पंडित से अपने बड़े पोते की शादी का मुहर्त निकाला कर आ रहे थे ? 

    रक्तांश उन तीनो को हैरानी से देख रहा था ,जैसे वह आज पहली बार उन तीनो का असली चेहरा देख रहा हो ? जिनसे वह पूरी जिंदगी में सबसे प्यार किया था | उन तीनो के लिए उसने क्या क्या नही किया था ? और आज यह तीनो उसके मौत पर रोना तो दूर उसके लाश के सामने ही शादी की खुशियां मना रहे है ? रक्तांश अपने जिंदगी की आखिर पल जी रहा था लेकिन उसके दिल के करीब जो लोग थे उनका यह बरताव उसे मौत से भी ज्यादा बत्तर लग रहा था | उसके बदन में बहुत सी चोटे लगी हुई थी, लेकिन दर्द उसे सामने का नजारा देख कर हो रहा था ? क्या यह उसके अपने नही थे ? उसके मौत पर यह दो तीन आंसू नहीं बहा सकते ? 

     आशुतोष की बात सुन मान्या मुस्कुराते हुए उठ कर उसके गले लग कर बोली,""_ थैंक यू दादाजी , आपको पता है मैं इस वक्त का कब से इंतजार कर रही थी ? "

      आशुतोष उसके सर पर हाथ फेरते हुए कुछ कहता उससे पहले ही वार्ड का डोर एक बार फिर से खुला ,और एक 24 साल की लड़की रोते हुए अंदर भाग कर आई |

    रक्तांश की धुंधली हो रही नजर उस लड़की पर जा टिक गई | वह लड़की रक्तांश खुराना की एक्स बीवी मुक्ता थी | वह रोते हुए बस रक्तांश को देखने लगी ,मुक्ता की आंखो में दर्द साफ साफ झलक रहा था ,उसकी आंखो से जो आंसू बह रहे थे, वह रक्तांश को खोने के लिए थे | वह फूट फूट कर रो रही थी ,लेकिन क्यों ? वह उसकी बीवी थी लेकिन अब नही, क्यों की कुछ दिन पहले ही रक्तांश ने उसे तलाक दे दिया था | 

    रक्तांश ने मुक्ता से सिर्फ एक साल तक का ही कॉन्ट्रैक्ट मैरिज किया था | वह भी सिर्फ देव और आशुतोष के लिए ,लेकिन आज उसके हालत पर उन दोनो को ही फरक नही पड़ रहा था | और जिन्हे फरक नही पड़ना चाहिए था वह उसके मौत पर रो रही थी |

     रक्तांश मुक्ता के साथ कभी भी अच्छे से पेश नही आया था,लेकिन मुक्ता के दिल में उसके साथ रहते रहते फीलिंग्स उमड़ गए थे और उसने तलाक पेपर्स पर साइन करने से पहले भी रक्तांश से अपनी फीलिंग्स जाहिर भी किया था,लेकिन रक्तांश मान्या और देव की बातो में आ कर बेरहमी से उसे नीचा दिखा कर उसका दिल तोड़ा था | 

      मुक्ता रोते हुए बस रक्तांश को देख रही थी | रक्तांश भले ही होश में था और अपने आंखो को हल्के से उसने खोला भी था ,लेकिन कोई भी आसानी से यह बिलकुल कह नही पाता था की वह अभी जिंदा है ,उसमे थोड़ी ही सही जान बची है | रक्तांश बस अपनी धुंधली नजरो से उन्हे देख रहा था लेकिन उसमे हिलने या कुछ भी रिएक्ट करने का ताकत नहीं था | 

   मुक्ता की नजर रक्तांश के बदन पर लगी चोट पर थी ,उसे बहुत सी गोली लगी थी और कही जगह कंजर से वार भी किया गया था | मुक्ता के दिल में दर्द सा उठ चुका था ,वह मुड़ कर गुस्से से आशुतोष ,देव और मान्या को देखने लगी , क्यों की उसे अच्छे से पता था की यह तीनो कितने पाक दिल के है | 

     वह तीनो अपने चेहरे पर जीत का मुस्कान लिए उसे ही देख रहे थे | 

    मुक्ता उन पर चिल्लाते हुए बोली,""_ तुम लोग इतने गिरे हुए कैसे हो सकते है ? क्या बिगाड़ा था इन्होंने आपका की आप लोगो ने उन्हे ऐसे मार डाला ? "

     वह तीनो हंसने लगे | तो वही रक्तांश ना समझी में मुक्ता को देखने लगा | भले ही उसे सामने का नजारा देख बुरा लग रहा था ,लेकिन उसे पता नही था की उसकी मौत की कारण वही तीनो है जिनके लिए उसने अपने जान तक कुर्बान करने तैयार था | 

    वही मुक्ता गुस्से से आगे बोली,""_ रक्तांश,हमेशा आप पर आंख बंद कर भरोसा करते थे ,आप लोग जो चाहते वह आपके कदमों में ला कर रखते और आप लोग ....? बदले में आप लोगो से उन्हें ऐसी मौत नसीब हुई ? "

     देव अपने चेहरे पर smirk स्माइल लिए मुक्ता के करीब जा कर कहा ,""_ मौत ..? नही नही मुक्ता उसे हमसे मौत नही दर्दनाक मौत नसीब हुआ है | 

    देव बोलते हुए मुक्ता पर जोर जोर से हंसने लगा | वही रक्तांश हैरानी से देव को देखने लगा | उसे यकीन नही हो रहा था की उसका यह भाई क्या कह रहा है ? उसकी हालत की जिम्मेदार उसका भाई है ? लेकिन क्यों ? 

    मुक्ता आशुतोष को देख रोते हुए बोली,""_रक्तांश आपको खुद की जान से भी ज्यादा मानते थे ,आपके लिए कुछ भी कर गुजरने तैयार थे लेकिन आप ...? क्यों आपने उनके पीठ पीछे चूरी घोंपा ? क्यों मिस्टर खुराना ?क्यों ? "

   " क्यों की मैं हमेशा से उसे बर्बाद देखना चाहता था लड़की,उसके नाम पर जितनी भी प्रॉपर्टी है ,जितना भी उसने पूरी दुनिया में अपना नाम कमाया है ,वह सब मुझे देव के नाम पर चाहिए था , इसीलिए मैंने शुरू से उससे देव से भी ज्यादा प्यार करने का नाटक किया ,उसके दुश्मनों के साथ हमेशा कनेक्ट रहा, ताकि वक्त आते ही मैं रक्तांश को मौत का घाट उतारा सकू देखो,उसे पता भी नही चला और वह मर भी गया | " आशुतोष ने गुस्से से अपनी गरजती आवाज में चिल्लाते हुए कहा | लेकिन अगले ही पल वह अपनी जीत पर मुस्कुरा उठा | 

      वही बेड पर लाश की तरह लेटे रक्तांश को यकीन नही हो रहा था,की यह बूढ़ा आदमी, वही इंसान है जिस पर वह आंख बंद कर भरोसा करता था ? इस इंसान के लिए उसने अपने मां बाप तक को खुद से दूर कर दिया था | जिसके बस एक बार कहने पर वह सारी दुनिया की खुशियां उसके कदमों पर ला कर रख देता | 

    जिंदगी भर रक्तांश ने सिर्फ अपने दादाजी का सम्मान करते हुए उनके लिए जिया था | उसने कभी भी अपने मां बाप का प्यार या मुक्ता की प्यार का कदर नहीं कीया था ,लेकिन आज ? सब कुछ याद करते हुए रक्तांश के आंखो में आशुतोष के लिए नफ़रत सा नजर आने लगा था | और उतना ही खुद पर घिन्न सा मेहसूस हो रहा था | 

     तभी मान्या भी आगे आ कर बोली,""_ दादू बिलकुल ठीक कह रहे है ,देव उनका असली पोता है तो उनका देव के लिए इतना सोचना ,करना कुछ गलत नही ,वैसे भी रक्तांश के साथ जो हुआ वह उन्हे डिजर्व करता है ,अपने मां बाप और तुम्हारे जैसी बीवी का प्यार तक उससे देखा नही गया तो उन्हे ऐसे मौत मिलनी ही चाहिए ,i think मुक्ता तुम्हे भी हमारे साथ मिल कर इस बेरहम इंसान की मौत पर हंसना चाहिए ना की इस तरह रोते हुए कोई सीन क्रिएट करना चाहिए | " 

    मान्या की बात सुन मुक्ता अपने दांत टटोरते हुए मान्या से बोली,""_ तुम तो रक्तांश से सच्चा प्यार करती थी ना ? तुम भी..? "

    " प्यार...? मैने कभी रक्तांश से प्यार ही नही किया था मुक्ता ,मैं बस उसके साथ उसके पैसों के लिए थी,असली प्यार तो मेरा हमेशा से देव था | " मुक्ता की बात को टोकते हुए मान्या ने नफरत से कहा | फिर जा कर देव के गाल पर वह किस करते हुए उसके गले लग गई | 

    रक्तांश नफरत से आशुतोष,देव और मान्या को देखने लगा | काश इन तीनो का असली चेहरा पहले पता होता तो आज वह लोग उसके सामने खड़े होने के काबिल ही नही रहते | रक्तांश खुराना का बेदर्दी से पूरी अंडरवर्ल्ड कांप उठता था, लेकिन उसने अपने आस पास के दुश्मनों को पहचानने में ज्यादा ही देर कर दिया था | आज भी मुक्ता यहां आती नही तो उसे यह कभी पता नही चलता की उसके मौत के पीछे असली हाथ किसका था ? 

     मुक्ता रोते हुए रक्तांश को देखने लगी थी | वह गुस्से से उन तीनो से बोली ,""_ काश रक्तांश मेरी बातो पर विश्वास कर तुम तीनो का असली चेहरा देख पाते तो तुम तीनो इस वक्त कही के नही होते | "

        मुक्ता ने कही बार रक्तांश को समझाने की कोशिश की थी,लेकिन रक्तांश ने उसके परिवार के खिलाफ बोलने का कभी हक नही दिया था | या यू कहे की मुश्किल से दिन में एक या दो बार ही वह मुक्ता से बात करता या बस देखता इससे ज्यादा उनके बीच कोई अच्छा रिश्ता नही बना था ,या यू कहे की आशुतोष ने कभी यह होने नही दिया था | 

    मुक्ता की बात सुन देव , मान्या,आशुतोष हंसने लगी | मुक्ता की बात अब उन्हें बकवास लग रहा था | वैसे मुक्ता जो कह रही थी सब सच था ,मरने से पहले रक्तांश ने उनका असली देखा होता तो वह एक ही पल में उन्हे बर्बाद कर रखता लेकिन तीनो ने उसे धोखे से ही मौत का घाट उतार दिया था | उन लोगो ने मरते दम तक रक्तांश को भनक तक लगने नही दिया था की उसकी मौत की कारण वही लोग बनने वाले है क्यों की रक्तांश कितना बेरहम है, उन्हे पता था | 

    देव मुक्ता के करीब जा कर कहा ,""_ लेकिन अब इन बातो का कोई सेंस नही बनता मुक्ता, रक्तांश खुराना का अब हमारे पास लाश पड़ा है जिन्हे हम जाते वक्त किसी जंगली जानवरों का हवाले करने वाले है | "

    देव इतना बोल कर नफरत से रक्तांश को देखने लगा | वही मुक्ता को बहुत गुस्सा आ रहा था | जिंदगी भर रक्तांश देव के लिए क्या कुछ नही किया था और वह उसके लाश को तो बक्श देता ? लेकिन नही वह उसे जंगली जानवरों को सौंफाना चाहता था | मुक्ता को अब बर्दाश्त नही हो रहा था | वह गुस्से से चिल्लाई,""_ तुम लोगो ने जो भी मेरे रक्तांश के साथ किया है, उसका बदला अब मैं तुम लोगो से चुन चुन कर लूंगी,अब तुम लोग कही के नही रहेंगे | "

      चिल्लाते हुए मुक्ता गुस्से से वार्ड से बाहर जाने को हुई की उतने में ही मान्या पास में ही रखे फ्रूट बास्केट में रखे हुए चाकू को उठा कर मुक्ता के पीठ पर घोंप दिया | 

    " अअह्ह्ह्ह.....! 

    मुक्ता दर्द से करहाते हुए उनके तरफ मुड़ गई | वही देव का गुस्सा भी बढ़ गया था ,यह लड़की उनके खिलाफ जा रही है ? अभी अभी तो उसका दुश्मन मरा था और उन्होंने उसकी जीत तक ना मनाई और यह लड़की उससे पहले ही उनके लिए फिर से मुसीबत खड़ी कर रही है ? 

      वह गुस्से से मुक्ता का सर पकड़ कर दीवार को दे मारते हुए कहा ,""_ तुम ,तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई हमारे खिलाफ जाने की ? Hmm ? अब तुम भी वही पहुंचोगी जहा,हमने तुम्हारे पति को पहुंचाया है | "

   बोलते हुए देव ने एक दो बार और उसके सर को दीवार को दे मारा | पल भर में मुक्ता का सर से खून बहने लगा | और उसे सब कुछ धुंधला सा लगने लगा | 

     वही रक्तांश सब कुछ अपने अंधखूली आंखो से देख रहा था लेकिन वह हिलने या बोलने के हालत में ही नही था | उसे कभी भी मुक्ता के दर्द से फरक नही पड़ा था,लेकिन आज ? आज उसका दिल उस लड़की के लिए बहुत दर्द मेहसूस हो रहा था | वह लड़की उसके लिए तो लड़ रही थी | और उसके लिए लड़ते मर रही थी और वह देखने के अलावा कुछ नही कर पा रहा था | 

     आशुतोष खड़े खड़े यह सब देख रहा था | वह जल्दी से जा कर देव के कान में कुछ कहा तो देव थोड़ी देर रुका ,फिर अपने जेब में से एक इंजेक्शन निकाल कर मुक्ता के गर्दन में इंजेक्ट किया,फिर वहा से मान्या के साथ निकल गया | 

     वही आशुतोष,जल्दी से गॉर्ड्स को इशारा कर उस वार्ड को साफ कराया फिर मुक्ता को वहा से ले जाने लगे ,मुक्ता को पता नही देव ने कोनसा इंजेक्शन दिया था, मुक्ता के मुंह से बस खून ही निकलते जा रहा था | वह दरवाज़े तक तक जाते जाते ही अपने दम तोड़ गई | 

    वही रक्तांश सब कुछ बस धुंधली नजरो से देख रहा था, उसके आंखो के कोने से आंसू भी बह रहे थे और धीरे धीरे उसके आंखो के सामने अंधेरा सा छाने लगा था | 
     वह अपने आंखे बंद करते हुए मुश्किल से बस मुक्ता का नाम अपने मन में ही ले पाया,""_ मुक्ता...!! "

   
  मुंबई के सिटी हॉस्पिटल में....,

       " मुक्ता........!! " 

     हॉस्पिटल के बेड पर लेटे 28 साल का लड़का पूरी ताकत से चिल्लाते हुए अपने आंखे खोला | उसका आवाज ज्यादा ही कर्कश और हद से ज्यादा दर्द भरा था | 
 
        उस लड़के के चिल्लाने बाद ही अचानक से वहा कुछ जोर से टूटने की आवाज गूंज उठा था | 

   वह लड़का जो रक्तांश खुराना था ,वह तेज़ तेज़ सांस लेते हुए अपने चेहरे पर से पसीना साफ करते हुए आस पास देख रहा था की तभी उसे कुछ टूटने की आवाज सुनाई दी तो वह अपना सर घुमा कर सामने देखने लगा | 

   लेकिन सामने खड़ी मुक्ता को देख उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई थी | 

     वही मासूम मुक्ता डरी सी, सहमी नजरो से रक्तांश को देख रही थी | क्यों की अभी अभी रक्तांश दर्द से चिल्लाते हुए उसका नाम लिया था ,जिसे सुन डर से उसके हाथ से फ्रूट्स का बास्केट गिर कर टूट गया था | 

     वही रक्तांश हैरानी से मुक्ता को अभी भी देख रहा था | मुक्ता जिंदा है ? और अभी अभी उसने जो मुक्ता को मरते हुए देखा ,वह क्या था ? 

    वही मुक्ता को समझ नही आया था की रक्तांश उसका नाम लिए ऐसा क्यों चिल्लाया ? वह धीमी आवाज में पूछी,""_ आ....आप ठीक है ? "

         रक्तांश अभी भी उसे ना समझी में देख रहा था | तभी एक नर्स अंदर आई,उसने एक नजर नीचे फर्श पर गिरी फ्रूट्स को देखा फिर मुक्ता को,यह देख मुक्ता बोली,""_ i am sorry, मैं अभी यह सब उठाती हू | "

   बोलते हुए मुक्ता उन सारे फ्रूट्स को उठाने लगी | वही रक्तांश हैरानी से कभी मुक्ता को देखता तो कभी खुद को ? वह बिलकुल ठीक था, बस उसके सर पर हल्का सा चोट लगी थी | 

     वही नर्स एक ट्रे में अपने साथ कुछ दवाईयां ले आई थी | वह उस ट्रे को साइड टेबल पर रख कर रक्तांश को चेक करने उसके करीब आई,तभी रक्तांश ने उससे पूछा ,""_ आज का डेट क्या है नर्स ? "

     रक्तांश का सवाल सुन नीचे बैठी मुक्ता अपना सर घुमा कर रक्तांश के ओर ना समझी में देखने लगी | वही वह नर्स नॉर्मली रक्तांश का चेक अप करते हुए बोली,""_ 24th April 2024 | "

    नर्स की मुंह से यह डेट सुन कर रक्तांश हैरानी से नर्स को देखने लगा जैसे उसे नर्स की बातो पर यकीन ही ना हो रहा हो | वह उससे दुबारा से डेट पूछने लगा | 

     
     क्या रक्तांश का पुनर्जन्म हुआ है ? कैसा रहेगा आगे इनकी जिंदगी का कहानी ? जानने के लिए पढ़ते रहिए 

    Rebirth Of My Possessive husband