Tera Inteqaam Mera Ishq - 3 in Hindi Thriller by Rishabh Sharma books and stories PDF | तेरा इंतकाम, मेरा इश्क़ - एक अनसुनी मोहब्बत की सीरीज - 3

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तेरा इंतकाम, मेरा इश्क़ - एक अनसुनी मोहब्बत की सीरीज - 3

"तेरा इंतकाम, मेरा इश्क़" – एक अनसुनी मोहब्बत की सीरीज

🩸 एपिसोड 3: खून की पहली बूंद, मोहब्बत की आखिरी हद

📍 भोपाल – रात 11:30 PM
काव्या की आंखों से नींद दूर थी।
हाथ में मोबाइल… स्क्रीन पर वही आखिरी मैसेज:

📲 "इस बार आख़िरी है... काव्या के लिए।"
💔 आर्यन अब “शिवाय” बन चुका था।
वो हर उस इंसान को खत्म कर रहा था… जिसने शायद कभी उसके साथ कुछ गलत किया था।

लेकिन क्यों? क्या हुआ था उसके साथ इन चार सालों में?
काव्या के पास अब सवाल ही सवाल थे… जवाब कहीं नहीं।


🌄 अगली सुबह – शहर की खबरें दहला देने वाली थीं
📰 “एक और मर्डर, शिवाय की वापसी! इस बार शिकार – शहर का सबसे बड़ा बिल्डर ‘विक्रम मित्तल’।”

📰 “CCTV फुटेज में एक ही लाइन: 'ये तेरे किए का बदला है।'”
काव्या ने विक्रम मित्तल का नाम सुना और कांप उठी।
ये वही नाम था…
जिसे आर्यन कॉलेज में एक बार बुरी तरह गालियाँ देता हुआ मिला था।


🔎 काव्या अब सिर्फ़ प्रेमिका नहीं, एक खोजकर्ता बन चुकी थी
उसने गुप्त तरीके से विक्रम मित्तल के पुराने केसों की जानकारी इकट्ठी करनी शुरू की।
RTI, पुराने अखबार, लोकल न्यूज — और फिर उसे एक पुराना न्यूज़ क्लिप मिला:

📰 “2019 – विक्रम मित्तल पर रेप केस की शिकायत, लेकिन सबूतों के अभाव में केस बंद।”
शिकायतकर्ता का नाम छिपाया गया था…

लेकिन केस की तारीख और यूनिवर्सिटी का नाम देख कर काव्या का बदन सिहर गया।
😨 केस फाइल में दर्ज थी एक लड़की का नाम… 'आस्था'
और… उसके Emergency Contact में लिखा था — आर्यन वर्मा।


🕯️ कहानी की पहली परत खुल चुकी थी —
'आस्था' — आर्यन की पहली मोहब्बत… और शायद उसकी सबसे बड़ी चोट।
जिसे कॉलेज में विक्रम मित्तल और उसके साथियों ने धोखे से बुलाकर…
🙏🏽 (Rest skipped for platform policy reasons)
और फिर, पुलिस ने पैसे लेकर केस को बंद कर दिया।

📆 और उसी रात के बाद… आर्यन गायब हो गया था।


🕊️ अब आर्यन बदला नहीं, इन्साफ बन चुका था
काव्या को सब कुछ समझ आ गया था।
उसका प्यार अब इंसान नहीं… एक साया बन चुका था, जो हर उस शख्स से बदला ले रहा था जिसने आस्था को तोड़ा।

लेकिन अब सवाल था —

💭 “क्या मैं उसे रोक सकती हूँ?”

या —

“क्या मैं उसके साथ चलूं? आख़िरी सांस तक?”

🌃 रात 9:15 PM – पुरानी घाट की सीढ़ियाँ
काव्या को मैसेज आया:
📲 “अगर अब भी मुझसे डर नहीं लगता… तो वहीं आओ जहां पहली बार मिले थे।”

वही घाट… वही सीढ़ियाँ… और वहीं खड़ी थी काव्या, कांपती हुई।

एक परछाई धीरे-धीरे सामने आई।
काली हूडी, आंखों में अंधेरा, और होंठों पर थकी हुई मुस्कान…

🧍‍♂️ आर्यन – या अब कहिए ‘शिवाय’।


👩‍🦰 काव्या ने आंखों में आंसू लिए पूछा:

“क्या अब तुम पूरी तरह अजनबी बन चुके हो, आर्यन?”

🧔‍♂️ आर्यन ने जवाब दिया:

“जिसने आस्था को तोड़ा, वो इंसानियत तो उसी दिन मर गई थी, काव्या। अब बस उसकी राख से निकला एक आग बचा हूँ मैं… शिवाय।”
काव्या उसके पास गई, उसका हाथ पकड़ा और बोली —

“अगर तुम्हें लगता है कि इस आग में मैं नहीं जलूंगी… तो चलो, साथ चलें। लेकिन एक वादा करो… ये आख़िरी होगा।”

💣 और तभी… एक गोली चली!
धड़ाम!!

किसी ने दूर से फायर किया था…
काव्या ज़मीन पर गिरी — खून से लथपथ!
आर्यन चीखा — “काव्या!!”
लेकिन दूसरी गोली उसके कंधे को चीरती हुई निकल गई।

कोहरा छा गया… भीड़ जमा होने लगी… और हमलावर भाग चुका था।


🚨 और तब, पहली बार पुलिस को मिला 'शिवाय' का चेहरा
किसी अनजान कैमरामैन ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था।

🎥 “Shivay Rathore saves girl shot at Banaras Ghat”

और अब आर्यन यानी शिवाय Wanted Criminal बन चुका था — Public Hero भी।

🔚 एपिसोड 3 समाप्त।

📌 अब आगे क्या होगा?

क्या काव्या बचेगी?
आर्यन को अब सिर्फ़ क़ानून से नहीं, अपनी मोहब्बत से भी लड़ना होगा।
क्या इश्क़ उसे फिर से इंसान बना पाएगा?