लव लेटर लिखने के बाद राहुल ने उसे गुलाबी लिफ़ाफ़े में रखा और उसमें इत्र छिड़का।
मिंटू ने कहा, " भाई, ये लेटर तो निधि का दिल पिघला देगा। कसम से ये लव लेटर आग लगा देगा"
राहुल ने फैसला किया कि वह लेटर को निधि की डेस्क पर रखेगा, जैसे ही वो क्लास में एंटर करेगी सबसे पहले उसका ध्यान लव लेटर पर ही जाएगा और वो उसे पढ़ लेगी और उसका जवाब देगी।
अगले दिन राहुल कॉलेज जल्दी पहुँचा। उसकी जेब में गुलाबी लिफ़ाफ़े में लव लेटर था, और दिल में ढेर सारे सपने।
उसने देखा कि क्लास में निधि की डेस्क खाली है। राहुल ने सोचा, "मैं लव लेटर को डेस्क पर रख देता हूँ जैसे ही निधि आयेगी वो सीधा लव लेटर पढ़ेगी।"
राहुल ने लेटर निकाला और निधि की डेस्क पर रख दिया। और जाकर कैन्टीन में बैठ गया।
उसकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था बदकिस्मती से उस वक्त शालिनी मैडम क्लास में आईं और क्लास की सफ़ाई को मानिटर करने के लिए निधि की डेस्क पर रुकीं। राहुल का लेटर उनके हाथ लग गया।
शालिनी मैडम ने लेटर खोला और पढ़ना शुरू किया। जैसे ही उन्होंने "शालिनी डायन मैडम" पढ़ा, उनका चेहरा लाल हो गया। उनका पारा सातवे आसमान पर चढ़ गया। वह आग-बबूला होकर ज़ोर से चिल्लाईं, "राहुल.....शर्मा!....."। राहुल को मैडम का बुलावा भेजा गया।
राहुल, जो कैंटीन में मिंटू के साथ चाय पी रहा था, को मैसेज मिला कि मैडम उसे बुला रही हैं। "क्या मैडम बुला रही है" राहुल के पैरों तले जमीन खिसग गई। वह डरते-डरते क्लास में पहुँचा। क्लास में अब बच्चे आ चुके थे।
शालिनी मैडम राहुल को देखते ही बेकाबू हो गई और चिल्लायी। "तुमने मुझे डायन कहा?" शालिनी ने गुस्से में चप्पल निकाल ली और राहुल की ओर बढ़ीं। राहुल ने भागने की कोशिश की, लेकिन मैडम की चप्पलें तड़ा-तड़ बिजली की तेजी से उसकी पीठ पर पड़ने लगी।
"मैडम, माफ करो! वो गलती से लिखा गया!" राहुल चिल्लाया, लेकिन मैडम ने एक न सुनी। पूरी क्लास में सन्नाटा छा गया, बच्चों को जैसे साँप सूँघ गया हो।
पिटाई के बाद मामला प्रिंसिपल श्रीवास्तव तक पहुँच गया। श्रीवास्तव ने लेटर पढ़ा और अपना सिर पकड़ लिया। "राहुल, तुमने कॉलेज की इज्जत मिट्टी में मिला दी। तुम्हें कॉलेज से निकाल रहा हूँ।"
राहुल ने गिड़गिड़ाया, "सर, मोहब्बत का क्या यही सिला होता है" प्रिंसिपल की आँखों में खून दौड़ गया। उसने तुरंत राहुल को कॉलेज से निष्कासित कर दिया।
शालिनी का गुस्सा ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा था। प्रिंसिपल भी शालिनी से डर रहा था।
निधि को जब ये बात पता चली, तो वो राहुल पास आयी और उसे एक तमाचा जड़ा और बोली "तुम सचमुच मूर्ख हो। मैं तुम्हें कभी पसंद नहीं करती।"
राहुल का दिल टूट गया। वह उदास होकर अपने घर लौट आया। उसका "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे" वाला सपना टूट कर बिखर गया। लव लेटर ने उसकी मोहब्बत शुरू होने से पहले ही खत्म कर दी।
घर लौटकर राहुल ने अपनी साइकिल पर गाजियाबाद की सड़कों पर घूमना शुरू किया।
उसने सोचा, "प्यार-व्यार सब बेकार है। ये दिल तो बस धोखा देता है।"
एक दिन वह यमुना नदी के किनारे गया और जोर से चिल्लाया, "मैं, राहुल शर्मा, आज संकल्प लेता हूँ कि जिंदगी में कभी प्यार नहीं करूँगा! सलमान खान भी अब मेरे लिए कुछ नहीं!"
उसने फैसला किया कि अब वह अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा करेगा।
कुछ महीनों बाद राहुल ने एक छोटी सी किताबों की दुकान खोली। वह पिटकर अब पहले से ज्यादा समझदार हो गया था।
उसने अपनी मूर्खता से सबक लिया और लोगों को प्यार के चक्कर में न पड़ने की सलाह दी। उसकी दुकान पर एक बोर्ड लगा था "प्यार से सावधान, किताबें पढ़ें, दिमाग बढ़ाएँ।"