के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पढ़ता था राहुल शर्मा, उम्र 19 साल, हाइट 5 फीट 7 इंच, और दिमाग का वजन शून्य ग्राम।
राहुल की मूर्खता ऐसी थी कि कॉलेज में उसका नाम सुनते ही लोग हँसने लगते थे। क्लास में जब वह बोलता, तो ऐसा लगता जैसे कोई स्टैंड-अप कॉमेडियन मंच पर आ गया हो।
शालिनी मैडम कॉलेज की सबसे खतरनाक टीचर थीं। उनकी आँखें ऐसी थीं कि एक नजर में स्टूडेंट्स की हड्डियाँ काँपने लगती थीं।
शालिनी मैडम के बारे में कॉलेज में एक अफवाह थी कि वह रात को झाड़ू पर उड़ती हैं, स्टूडेंट्स में हमेशा उनकी इस अफवाह के बारे मे चर्चा रहती थी।
छात्र उन्हें पीठ पीछे "शालिनी डायन" कहते थे। लेकिन शालिनी को यह बात नहीं पता थी। अगर पता चलती, तो कॉलेज में भूकंप आ जाता।
राहुल का सबसे अच्छा दोस्त था मिंटू, जो राहुल से भी बड़ा मूर्ख था। मिंटू का दावा था कि वह प्यार का एक्सपर्ट है, क्योंकि उसने सलमान खान की सारी फिल्में देखी थीं। मिंटू और राहुल की जोड़ी कॉलेज में मशहूर थी। दोनों मिलकर ऐसी-ऐसी हरकतें करते कि प्रिंसिपल श्रीवास्तव का हर हफ्ते वो दोनों सर का दर्द बने रहते।
प्रिंसिपल श्रीवास्तव एक सख्त इंसान थे। उनकी मूंछें इतनी लंबी थीं कि उनकी मूछों के बारे में ये अफवाह थीं कि वो उनसे स्टूडेंट्स की कॉपियाँ चेक करते हैं।
श्रीवास्तव का मानना था कि कॉलेज की इज्जत उनके हाथों में है, और वह किसी भी गड़बड़ को बर्दाश्त नहीं करते थे। खासकर वो राहुल और मिंटू पर कड़ा रुख अपनाते थे और आए दिन उन्हें सजा देते रहते थे। कभी क्लास में झाड़ू लगाने की तो कभी लाइब्रेरी साफ करने की।
राहुल की जिंदगी में दो ही चीजें थीं उसकी पुरानी साइकिल, जिसे वह "मेरी रानी" कहता था, और उसका सपना कि एक दिन वह किसी लड़की से प्यार करेगा और दोनों मिलकर "तेरे नाम" फिल्म की तरह रोमांस करेंगे। लेकिन अभी तक उसकी जिंदगी में सिर्फ साईकिल और मिंटू ही थे।
एक दिन राहुल कॉलेज की कैंटीन में मिंटू के साथ समोसे खा रहा था। तभी उसकी नजर कैंटीन के दरवाजे पर पड़ी। वहाँ एक लड़की खड़ी थी लाल सलवार-कमीज, चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान, और बाल हवा में लहराते हुए। जैसे अभी किसी शैम्पू का ऐड करके आयी हो।
राहुल का समोसा मुँह में ही अटक गया। उसने मिंटू से पूछा, "ये कौन है, भाई?
मिंटू ने समोसे का टुकड़ा मुँह में डालते हुए कहा "ये निधि है। हमारी क्लास में नई आयी है। लेकिन भूल जा, वो तेरे बस की बात नहीं। वो तो कॉलेज की टॉपर टाइप है।"
राहुल ने मिंटू की बात को हवा में उड़ा दिया। उसका दिल निधि के लिए धड़कने लगा। वह क्लास में, कैंटीन में, लाइब्रेरी में हर जगह निधि को ढूंढने लगा। उसे लग रहा था जैसे उसका "तेरे नाम" जैसे रोमांस करने का सपना साकार होने वाला हो।
एक बार तो वह लाइब्रेरी में किताब लेने गया और और प्यार में इतना पागल हो गया कि "लव स्टोरी ऑफ रमेश" नाम की किताब उठा लाया।
उसने सोचा, "रमेश ने लव स्टोरी लिखी, मैं क्यों नहीं एक लव स्टोरी बना सकता जो हमेशा याद की जाए?"
वह सोचने लगा कि एक दिन वह निधि के सामने घुटनों पर बैठेगा, उसे गुलाब देगा, और दोनों मिलकर "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे" का सीन रीक्रिएट करेंगे। लेकिन हकीकत में, वह निधि से "हाय" कहने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
राहुल ने फैसला किया कि वह निधि को अपने प्यार का इजहार कर के ही रहेगा। लेकिन उसमें बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी।क्योंकि पिछली बार जब उसने पिछली बार एक लड़की से "हाय डार्लिंग" कहा था, तो उसने राहुल को "लूजर" कहकर चप्पल निकाल कर जड़ दी थी।
राहुल ने सोचा, "एक लव लेटर लिखता हूँ। पुराने जमाने का तरीका है, पक्का काम करेगा।"
आखिरकार बात फ़ाइनल हुई और राहुल ने मिंटू के साथ मिलकर लव लेटर लिखने की योजना बनाई।
मिंटू ने कहा, "भाई, लव लेटर में दिल खोल कर अपने दिल के अरमान लिखना । लड़कियाँ सच्चाई पर फिसल जाती हैं।"
राहुल ने मिंटू की सलाह मानी और रात भर जागकर लव लेटर लिखा। उसने सलमान खान की फिल्मों से इंस्पिरेशन ली, क्योंकि वह सलमान को प्यार का देवता मानता था।
लव लेटर कुछ इस तरह था प्रिय निधि...मैं तुम्हारा राहुल हूँ। मेरे दिल में तुम्हें देखते ही ढोल बजने लगते हैं। तुम मेरी मेनका बन जाओ। मैं तुम्हारा विश्वामित्र बन जाता हूँ। तुम्हें देखने के बाद मुझे "शालिनी डायन" मैडम में भी तुम दिखायी देती हो। मैं तुम्हें ऐसे मोहब्बत करता हूँ जैसे तेरे नाम का सलमान खान।तुम्हारे जवाब के इंतजार में।
तुम्हारा,राहुल