वशीकरण टुट गया.....
...Now on..........
तक्ष उबांक को आगे के प्लेन के बारे में बताता है...जिसे उबांक हां में जवाब देता है....
अदिति चेंज करके बाहर आती है.....
आदित्य : विवेक... अदिति का ध्यान रखना....
विवेक : आप टेंशन मत लिजिए अदिति मेरी जिम्मेदारी है...
आदित्य : ठीक है....जाओ.....
आदित्य अदिति से बात करता तभी विवेक सबको कुछ बताता है....
विवेक : गाइज ...तुम तीनों फार्म हाउस चले जाओ वहां की प्रिपरेशन के लिए.... मुझे अदिति के स्ट्रेस को दूर करना है... इसलिए मैं इसे फैरी पार्क लेकर जाऊंगा....(हितेश विवेक के कंधे पर हाथ रखता हुआ कहता है..)
" तू टेंशन न लें हम सब संभाल लेंगे तू जा अदिति के साथ... उसे तेरी ज़रूरत है..."
कंचन : हां हितेश ठीक कह रहा है....
विवेक : मैंने तुम्हारे लिए कार बुलवा ली है ड्राइवर तुम्हें रोज वैली ले जाएगा....हम रात तक पहुंच जाएंगे....बाकि हाफ नाइट की प्लानिंग रेडी रखना....
हितेश : ठीक है....
विवेक : अदिति चलो.....
अदिति : हां.......
प्लेन के मुताबिक सब अपनी अपनी जगह के लिए चले जाते हैं लेकिन तक्ष जबसे खामोश खड़ा इन सबकी बातों को चुपचाप सुन रहा था जल्दी से अपने कमरे की तरफ जाता है......
उबांक : दानव राज आप परेशान लग रहें हैं.....
तक्ष : उबांक ....ये तावीज अब उसे पहनाना है उसके बाद अदिति को कोई नहीं बचा सकता.....(इतना कहते ही दानवी हंसी से हंस जाता है)....
उधर विवेक अदिति को लेकर फैरी पार्क पहुंचता हैं...
विवेक अदिति बेंच पर बैठते हैं....
विवेक : अदिति तुम्हें याद है हम यहां कब आए थे.....(अदिति विवेक की बात को अनसुना कर देती है... क्योंकि वो कहीं कोई हुई थी... विवेक अदिति के सामने जाकर घुटनों के बल बैठकर अदिति के हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहता है)..... अदिति ( अदिति अपने ख्यालों से बाहर आती है)...
अदिति : विवेक....तुम इस तरह क्यूं बैठे हो....?
विवेक : मैं देख रहा हूं मेरी स्वीट हार्ट कहां खोई हुई है..... क्या हुआ है अदिति...?... मुझे नहीं बताओगी...
अदिति विवेक से लिपट जाती है..." विवेक वो बहुत डरावना था..."
विवेक : क्या डरावना था अदिति....?
अदिति सारी बात विवेक को बताती है..और वहां से खड़ी हो जाती है और कांपने लगती है... विवेक उसे अपनी बाहों में भर लेता है.....
विवेक : अदिति.... शांत हो जाओ.... तुम्हें कुछ नहीं होगा... मैं हूं न तुम्हारे साथ....
अदिति : विवेक.....
विवेक : अदिति तुमने लाकेट फैंक दिया.....
अदिति : हां.....
विवेक : (मन में)...मेरा शक सही है ये तक्ष है जो सबको इस तरह परेशान कर रहा है.... आखिर अदिति के पीछे क्यूं पड़ा है... मैं मेरी अदिति को कुछ नहीं होने दूंगा..मेरा वादा है तुमसे अब तक्ष तुम्हारी सच्चाई सबके सामने होगी....
अदिति : क्या हुआ विवेक....?...तुम कहां खो गए तुम भी डर गये न...
विवेक : नहीं अदिति.... मैं तुम्हें यहां ठीक करने लाया हूं... मेरी अदिति को कुछ नहीं होगा....(इतना कहकर विवेक ने अदिति के माथे को किस किया और उसे अपनी बाहों में कस लिया ..... विवेक के किस करते ही अदिति के अचानक सिर में दर्द होने लगता है).... अदिति क्या हुआ.....?
अदिति : पता नहीं विवेक...आह ..!
विवेक : अदिति संभलकर यहां बैठो.... मैं दबाऊ सिर ....
अदिति : नहीं विवेक.... मैं ठीक...(इतना कहते ही बेहोश हो जाती है)....
विवेक : अदिति.... क्या हुआ अचानक....?... मुझे तुम्हें किस नहीं करना चाहिए था...(विवेक अदिति को गोद में ले जाकर कार में बैठाता है....)...
उधर अदिति के बेहोश होते ही ...तक्ष अचानक गिर जाता है...
उबांक : दानव राज.... क्या हुआ आपको अचानक...?
तक्ष : उबांक मुझे लगता है मेरा वशीकरण खत्म हो गया... ऐसा नहीं हो सकता....मेरा वशीकरण खत्म नहीं हो सकता.... इसका मतलब अदिति ठीक नहीं हो सकती... मैं जा रहा हूं उबांक .....
उबांक : आप कहां जा रहे हैं दानव राज....?
तक्ष : जहां पर वो विवेक अदिति को लेकर गया है वहीं अब ये तावीज उस तक पहुंचना चाहिए.....
उबांक : पर आप कैसे जाएंगे....
तक्ष : तुम मुझे नहीं जानते क्या....?
उबांक : आप जाइए दानव राज.....
तक्ष चला जाता है.....
उधर विवेक अदिति को लेकर फार्म हाउस पहुंचता है.......
कंचन : हे गाइज .... लगता है विवेक आया है....?
श्रुति : लेकिन वो तो रात को आने वाला था... अभी चार ही तो बजे है....
कंचन खिड़की से झांकती है..." विवेक ही आया है लेकिन अदिति को गोद में उठा रखा है क्या हुआ उसे...?..."
हितेन : चलो देखते हैं....!
कंचन : विवेक क्या हुआ अदिति को....?
विवेक : बताता हूं... पहले अंदर चलो.... मैंने डाक्टर को काल किया है आते होंगे....!
विवेक अदिति को लिटाता है...
श्रुति : विवेक क्या हुआ अदिति बताओ तो सही...
विवेक : पता नहीं मैं भी परेशान हूं अचानक क्या हुआ...?
तभी डाक्टर पहुंचते हैं....
नौकर : छोटे साहब डाक्टर साहब आए हैं....
विवेक : ठीक है उन्हें अंदर भेज दो....
नौकर : जी.....
विवेक : डाक्टर... देखिए न इसे क्या हुआ अचानक बेहोश हो गई और अभी तक होश नहीं आया....
डाक्टर : आप चिंता मत करिए मैं देखता हूं.....(डाक्टर चेकअप करते हैं ... चेकअप के बाद किसी सोच में खो जाता है)
विवेक : क्या हुआ है डाक्टर इसे..... ?
डाक्टर : पता नहीं मिस्टर विवेक ये क्यूं बेहोश हुई है कुछ समझ नहीं आ रहा है इन्हें क्या हुआ है.....?
विवेक : ये क्या कह रहे हो डाक्टर.....
डाक्टर : एम सॉरी मिस्टर विवेक मैं कुछ नहीं कर सकता....(इतना कहकर डॉक्टर चला जाता है)....
विवेक : ऐसे कैसे हो सकता है अदिति के बारे में डाक्टर को कुछ नहीं पता....
हितेन :(कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है).. विवेक अदिति को कुछ नहीं होगा ठीक हो जाएगी वो रिलेक्स.....
विवेक : लेकिन... अदिति को होश क्यूं नहीं आ रहा है...भाई ने कितने विश्वास से अदिति को मेरे साथ भेजा है.... मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं ... मुझे किस नहीं करना चाहिए था...( इतना कहकर विवेक सिर पर हाथ रखकर बैठ जाता है)
श्रुति : विवेक इसमें तुम्हारी तो कोई ग़लती नही है... वो अपने आप बेहोश होई है.....
कंचन : श्रुति...(चुप रहने का इशारा करती है)... विवेक... अदिति को देखो शायद इसे होश आ रहा है... उसके हाथ में अभी मूवमेंट हुई है.....(विवेक तुरंत अदिति के पास जाकर बैठ जाता है और उसके हाथ को अपने हाथ में ले लेता है)....
अदिति को होश आता है......
विवेक : अदिति...
अदिति : विवेक.... क्या हुआ...?
विवेक : एम सॉरी अदिति मुझे तुम्हें किस नहीं करना चाहिए था....!
अदिति : क्या कह रहे हो विवेक....और मैं यहां कैसे आ गई.... मुझे भैय्या को सब सच बताना है.....
............to be continued......