Life - Part 1 in Hindi Anything by ᴀʙнιsнᴇκ κᴀsнʏᴀᴘ books and stories PDF | Life - Part 1

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Life - Part 1

लाइफ में सफल होना हो, अपने पैरों पर खड़ा होना हो या सिर्फ़ सर्वाइव करना हो। There are mainly two ways: या तो आपको जॉब करनी पड़ेगी या आप कोई बिजनेस कर सकते हैं। और आजकल तो भारत में स्टार्टअप कल्चर चल रहा हैं ज्यादातर फ्रेशर अपने आइडिया और क्रिएटिविटी के बेसिस पर बिजनेस सेटअप कर रहे हैं। लेकिन एक बिजनेस स्टार्ट करना और उसे सक्सेसफुली चलाना बेहद मुश्किल हैं। अमेरिकन मैनेजमेंट कंसलटिंग कंपनी “Gallup” की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 4 लाख नई कंपनी शुरू तो होती हैं लेकिन 4 लाख 70,000 कंपनिया बंद भी हो जाती हैं। इस competitive world में बिजनेस करना जितना मुश्किल हैं उतना ही मुश्किल जॉब करना भी हैं। इंडिया स्किल रिपोर्ट 2019 के मुताबिक़ भारत में 53% से भी ज्यादा graduates unemployable है। और उससे भी बड़ी दुःख की बात तो ये है कि इन graduates को unemployed नहीं बल्कि unemployable कहा गया है। unemployed का मतलब बेरोज़गार होता है। अगर इन graduates के लिए unemployed word use हुआ होता तो हम समझते कि शायद मार्केट में जॉब्स की कमी होगी या हो सकता हैं वे higher studies कर रहे होंगे या अपना family business कर रहे होंगे। लेकिन इनके लिए unemployable word use किया गया है जिसका ये मतलब निकलता हैं कि वे job करने के लायक ही नहीं है And shockingly सबसे ज्यादा unemployed, engineers and MBAs है। जबकि ये 2 कोर्स भारत में top courses में गिने जाते हैं। जब engineers and MBAs की ये हालत है तो B.A. और B.Com वालों की क्या हालत होगी? But the big question is that कि क्या reason है कि more than 50% graduates are ‘Unemployable’ in India? जबकि वो अच्छी schools and colleges से पढ़ के आए हुए हैं और उनके marks और grades भी अच्छे हैं। तो क्या ऐसा हो गया है कि अब जॉब के लिए degree and certificate काफ़ी नहीं है? तो फ़िर वो क्या चीज़ है जिससे एक इंसान अपने career में successful हो सकता हैं? Currently employers and corporates, candidate में सिर्फ़ degrees and marks नहीं देखते हैं बल्कि ये check करते हैं कि उसमें कौन कौन सी स्किल्स हैं और उसका एटीट्यूड कैसा हैं? I believe किसी भी person की overall success 4 प्रकार की स्किल्स पर डिपेंड करती हैं। 

1st literacy skill, 

2nd soft skills, 

3rd employability skills and 

4th life skills. 

जिस person में Literacy skill होती हैं उसको पढ़ना और लिखना आता हैं इसीलिए पढ़े लिखे इंसान को literate कहा जाता हैं। अगर कोई person literate नहीं है तो वो सिर्फ मेहनत मजदूरी वाला काम ही कर सकता हैं कोई official job नहीं कर सकता। इसलिए successful होने के लिए first requirement है Literacy skill. लेकिन किसी भी job में successful होने के लिए कुछ और भी skills की requirement होती हैं जैसे कि 

communication skill, 

presentation skill, 

interview skill and 

people management. 

अगर आपको communicate करना नहीं आता या public speaking करना नहीं आता या आपको खुद को interview में present करना नहीं आता या आपको आपके seniors, juniors और customers को manage करना नहीं आता तो आप ही बताइए क्या आप किसी भी job में कैसे successful हो सकते हो? और इन skills को Soft skills कहा जाता हैं। लेकिन सिर्फ literacy और Soft skills भी काफ़ी नहीं है जब तक कि आपको जो भी job करनी हैं उसका technical knowledge नहीं है। 

जैसे कि आपको successful teacher बनना हैं तो आपकी teaching skill better होनी चाहिए। 

एक successful salesman बनने के लिए आप में selling skill होनी चाहिए। 

Internet और Social media पर hit होने के लिए आपको digital marketing का knowledge होना चाहिए और आपका content best होना चाहिए। और इस types की skills को employability skills कहते है। लेकिन literacy skill, soft skills and employability skills भी आपको successful नहीं बना सकती जब तक कि आपके अंदर life skills की कमी हैं। Bcz life skills are the most important skills for us. अगर आपकी लाइफ का goal clear है और आपको पता है कि उस goal को कैसे achieve करना हैं, अगर आपके अंदर emotional intelligence है और आप अपनी और दूसरों की emotions को manage कर सकते हो, आप कोई भी problem solve कर सकते हो, आपको right decision लेना आता हैं, आप को conflict यानि कि विवाद को सुलझाना आता हैं और आपके अंदर लीडरशिप क्वालिटीज है तो आपके अंदर लाइफ स्किल्स है क्योंकि इन सभी स्किल्स को ही लाइफ स्किल्स कहा जाता हैं। और दुनिया का कोई भी स्कूल और कॉलेज हमें ये skills नहीं सिखाता है। स्कूल में सिर्फ़ आपको पढ़ना और लिखना सिखाया जाता हैं।

Chapter 1: Attitude is Everything

आपने कई बार पढ़ा या सुना होगा कि Attitude is everything जिसका सिंपल सा मतलब यह है कि सब कुछ हमारे एटीट्यूड पर डिपेंड करता है। सब कुछ मतलब हमारी लाइफ हमारा करियर, रिलेशनशिप, सुख दुःख सब कुछ। आपको ये सुनने में ज़रूर अजीब लगता होगा कि किसी भी इंसान की लाइफ में उसकी स्टडी, फैमिली बैकग्राउंड, पैसा, अपब्रिंगिंग जैसे, कितने ही फैक्टर काम करते हैं तो फिर सिर्फ़ एटीट्यूड से क्या हो जाएगा? तो बस यही बात मैं आपको समझाना चाहता हूँ कि लाइफ बिल्कुल भी वैसी नहीं हैं जैसा हमे स्कूल और कॉलेज में सिखाया गया है। असल लाइफ का जो ओरिजिनल कॉन्सेप्ट हैं वो कभी हमें टीचर्स ने बताया ही नहीं और बताते भी कैसे क्योंकि वो खुद इससे अनजान थे। अगर वो वास्तव में लाइफ को समझते तो क्या वो किसी स्कूल में टीचर की जॉब करते? और अगर टीचिंग उनकी रियल पैशन होती तो वो एक मामूली टीचर न होकर super30 के संस्थापक आनंद कुमार की तरह पूरे देश में पॉपुलर होते और ऋतिक रोशन जैसा कोई स्टार उन पर मूवी बना रहा होता। जबकि हैं तो आनंद कुमार भी एक टीचर ही तो फिर उनमें और बाक़ी टीचर्स में क्या फ़र्क हैं? फ़र्क हैं और वो हैं Attitude का, जहाँ बाक़ी टीचर्स, पढ़ाने को सिर्फ एक जॉब और income source समझते हैं वहीं आनंद कुमार के लिए teaching एक धर्म हैं और वो अपनी teaching से मैजिक करते हैं। जहाँ बड़े बड़े इंस्टीट्यूट लाखों रुपये की फीस लेकर भी स्टूडेंट का IIT में सिलेक्शन नहीं करवा पाते आनंद कुमार हर साल 30 ग़रीब स्टूडेंट को फ्री कोचिंग देकर IIT में भेज देते हैं। इसलिए एक टीचर कितना बड़ा टीचर बनेगा ये उसकी क्वालिफिकेशन पर नहीं बल्कि उसके एटीट्यूड पर निर्भर करता है और सिर्फ टीचिंग ही क्यों आप किसी भी प्रोफेशन में हो आपकी सफलता आपका एटीट्यूड ही डिसाइड करेगा।

तो चलिए समझने की कोशिश करते हैं कि एटीट्यूट होता क्या है और कैसे काम करता है?

डिक्शनरी में सर्च करने पर एटीट्यूड के हिंदी में कुछ अर्थ निकलते हैं जैसे  कि रवैया, मनोदृष्टि, ढँग और नज़रिया। एक्चुअली किसी भी पर्सन का एटीट्यूड दो चीज़ों से पता चलता है एक तो वो किसी भी सिचुएशन में किस प्रकार से रिस्पॉन्स करता है और दूसरा वो कोई भी काम किस ढंग से करता है? आपका कोई भी प्रोजेक्ट सक्सेसफुल होगा या नहीं होगा वो डिपेंड करता है कि आप उसे किस ढंग से करते हैं? जैसा कि जाने माने राइटर शिव खेड़ा अपनी किताब You Can Win में लिखते हैं कि: 

“सफ़ल होने वाले लोग कोई अलग काम नहीं करते हैं बल्कि उसी काम को अलग ढंग से करते हैं”

For Example: क्रिकेटर तो दुनिया में बोहत हैं लेकिन विराट कोहली जैसा कोई नहीं। क्योंकी विराट कोहली ICC की ODI रैंकिंग में नंबर वन पोजीशन पर हैं। इतना ही नहीं वो दुनिया का पहला क्रिकेटर हैं जिसकी क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट ODI, टेस्ट और T-20 में 50 से ऊपर की बैटिंग एवरेज है जिसका यह मतलब है होता है की विराट कोहली अगर बैटिंग करने उतरता है तो 50 रन से कम स्कोर नहीं बनाता।

  और साल 2018 में अब तक के क्रिकेट के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि कोहली ने क्रिकेट के 3 हाइएस्ट अवॉर्ड, ODI प्लेयर ऑफ द ईयर, टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर ओर T-20 प्लेयर ऑफ द ईयर तीनों अवॉर्ड अकेले ने ही जीत लिए। लेकिन विराट कोहली की जो बिगेस्ट अचीवमेंट हैं वो हैं अनुष्का शर्मा से शादी करना क्योंकि जहाँ करोड़ो लोग अनुष्का की एक झलक देखने को तरसते हैं वो ही अनुष्का आज विराट कोहली की लाइफ पार्टनर हैं। Such a huge success लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो कौन सी क्वालिटी हैं जिसकी वजह से विराट कोहली को इतनी बड़ी कामयाबी मिली? विराट कोहली की सक्सेस का सीक्रेट क्या हैं? 

तो चलिए मैं आपके साथ विराट की कामयाबी का राज़ शेयर करता हूँ जो खुद विराट ने एक इंटरव्यू में शेयर किया था। जब विराट से पूछा गया कि आखिर क्या कारण है कि आप हर मैच में इतनी अच्छी परफोर्मेंस देते हो? बोहत ही रेयर चांस में ऐसा होता हैं कि आप कम स्कोर पर आउट हो जाते हो। तो विराट ने जवाब दिया कि:  “मैं जब भी किसी मैच में बैटिंग करने उतरता हूँ तो सिर्फ इस एटीट्यूड के साथ बैटिंग करता हूँ कि ये मेरी लाइफ का आख़िरी मैच हैं। मुझे जो भी करना है इसी मैच में करना है अगर मैं इस मैच में खेल गया तो मैं सक्सेसफुल क्रिकेटर बन जाऊंगा और अगर इस मैच में कम स्कोर पर आउट हो गया तो टीम से बाहर हो जाऊंगा इसलिए मैं हर मैच को अपनी आखिरी अपॉर्चुनिटी समझकर खेलता हूं।”

Wow! व्हाट ए अमेजिंग एटीट्यूड अगर हम सब भी इस एटीट्यूड को अपना ले तो हम भी अपने-अपने फील्ड में कमाल कर सकते हैं अगर एक स्टूडेंट इस एटीट्यूड को अपना ले तो वह हर एग्जाम में टॉप कर सकता है। अगर एक फ्रेशर इस एटीट्यूड को अपना ले तो वह कभी किसी इंटरव्यू में रिजेक्ट नहीं होगा। अगर एक सेल्समैन इस एटीट्यूड का अपना ले तो वह कोई भी प्रोडक्ट सेल कर सकता है। अगर एक पॉलिटिशियन इस एटीट्यूड को अपना ले तो वह कभी भी कोई इलेक्शन नहीं हार सकता क्योंकि जब आपका एटीट्यूड परफेक्ट होता है तो आपके सारे काम अपने आप परफेक्ट हो जाते हैं इसलिए कहा जाता है कि "You just take care of your attitude and your attitude will take care of everything." 

आप सिर्फ अपने एटीट्यूड को संभाल ले बाकी सब आपका एटीट्यूड पर छोड़ दें वह अपने आप संभाल लेगा।

मैंने बहुत लोगों की ऑटोबायोग्राफी पड़ी है और उनके एटीट्यूड को समझने की कोशिश की है लेकिन मैं जिनके एटीट्यूड का सबसे बड़ा फैन हूं वह पर्सनालिटी सबसे अलग है 19वीं सदी के बेस्ट स्पोर्ट्समैन का खिताब उनके नाम पर है जिन्होंने अपने करियर की 56 बॉक्सिंग चैंपियनशिप में से 51 में जीत हासिल की थी और उसमें से 37 फाइट उन्होंने नॉकआउट से जीती थी जिसका मतलब है कि उन्होंने अपने विरोधी को बॉक्सिंग रिंग में चित्त कर दिया और वह फिर से खड़ा नहीं हो पाया। उन्हें दुनिया द ग्रेट एंड द चैंपियन के नाम से जानती है मैं बात कर रहा हूं दुनिया के अब तक के मोस्ट सक्सेसफुल एथलीट और बॉक्सर मोहम्मद अली की। क्योंकि जब भी एटीट्यूड के बाद आएगी तो मोहम्मद अली के बाद जरूर होगी।

  

For your kind information; मोहम्मद अली हर रोज़ कई घंटे जिम में एक्सरसाइज और बॉक्सिंग की प्रेक्टिस किया करते थे लेकिन कमाल की बात यह है कि वह सिर्फ फिजिकली स्ट्रांग बनने की प्रैक्टिस नहीं करते थे बल्कि साथ ही साथ मेंटली स्ट्रांग बनने की प्रैक्टिस भी करते थे और इसके लिए वह दिन भर यही बोलते रहते थे  

I am the Greatest I am the Champion 

I am the Greatest I am the Champion 

लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जब मोहम्मद अली आई एम द ग्रेटेस्ट आई एम द चैंपियन बोलते तो उस वक्त वह पूरे जोश के साथ पंचिंग बैग को हिट करते रहते। एटीट्यूड बिल्ड करने के साथ-साथ वह प्रैक्टिस भी करते थे और उन्होंने अपने अंदर एक ऐसा एटीट्यूड बिल्ड कर लिया था कि मानो वही दुनिया के सबसे महान और चैंपियन बॉक्सर है और कोई भी उन्हें हार नहीं सकता। इतना ही नहीं वह फाइट से पहले अपने प्रतिद्वंदी बॉक्सर से एक अजीब सवाल पूछते थे कि “हाउ टॉल आर यू” यानी तुम्हारी हाइट कितनी है?

 प्रतिद्वंदी भी हैरानी से पूछता था कि “तुम्हें क्या करना मेरी हाइट जानकर?”

तो मोहम्मद अली जवाब देते थे कि “जब मैं तुम्हें मारूँगा और तुम नीचे गिरोगे तो मुझे पता होना चाहिये कि मुझे कितने कदम पीछे हटना हैं?”

वाह! कमाल का एटीट्यूड था। सामने वाले बॉक्सर को फिजिकल हराने से पहले मोहम्मद अली उसे मेंटली हरा देते थे और कई बार तो बॉक्सिंग मैच से पहले होने वाले इंटरव्यू में भी वो एग्रेसिव हो जाते थे कि स्टूडियो में ही मारने मरने पर उतर आते थे। आप को यह एटीट्यूड अजीब जरूर लगता होगा पर इसी एटीट्यूड के कारण उन्हें वर्ल्डस बेस्ट बॉक्सर का खीताब मिला है वह जो कुछ भी थे अपने एटीट्यूड की बदौलत ही थे।

क्या आप जानते हैं No Pain No Gain का नारा सबसे पहले मोहम्मद अली ने ही दिया था आप और हम तो जब पुश अप लगाते हैं या वेट लिफ्टिंग करते हैं तो स्टार्टिंग से ही काउंटिंग शुरू कर देते हैं लेकिन मोहम्मद अली को जब एक्सरसाइज करते वक्त मसल्स में पेन होने लगता था उस वक्त से वह गिनती शुरू करते थे।  इसीलिए अगर आपको भी ज़िंदगी में कुछ बनना है या कुछ कर गुजरना हैं तो आप भी मोहम्मद अली जैसा एटीट्यूड डेवलप कर ले फिर देखे कैसे कामयाबी आपके कदम चूमती है। आपको इस बात को स्वीकार करना ही होगा कि आपकी लाइफ में आने वाली हर सिचुएशन मैं आपका एटीट्यूड मैटर करता है चाहे वह करियर चुनना हो, जॉब इंटरव्यू हो, किसी लड़की को प्रपोज करना हो, कोई बिजनेस करना हो या इन्वेस्टमेंट करना हो या फिर लाइफ का कोई बड़ा डिसीजन लेना हो सब कुछ आपके एटीट्यूड पर डिपेंड करता है।


अगर आपको यकीन ना हो तो आप 3 ईडियट्स मूवी में राजू रस्तोगी के इंटरव्यू क्लिप को देखें और समझे कि किसी जॉब इंटरव्यू में एटीट्यूड का कितना बड़ा रोल होता है मैं उम्मीद करता हूं कि आपने 3 ईडियट्स मूवी जरूर देखी होगी और नहीं देखी तो देख लीजिए। मूवी के स्कैन में राजू जब इंटरव्यू के लिए व्हीलचेयर पर जाता है तो इंटरव्यूअर राजू से पूछते हैं कि

“क्या हो गया आपको?” राजू जवाब देता है “वह सामने वाली बिल्डिंग देख रहे हैं सर, मैं उसके थर्ड फ्लोर से कूद गया था सुसाइड करने के लिए।”

हम सब जानते हैं कि सुसाइड अटेम्प्ट करना बुझदिलो का काम है और यह किसी भी इंसान के लिए बहुत बड़ा नेगेटिव पॉइंट है और इंटरव्यू में कोई भी आदमी अपने नेगेटिव प्वाइंट्स नहीं बताता क्योंकि इससे रिजेक्शन के चांसेस बढ़ जाते हैं वह यह भी बोल सकता था कि उसका एक्सीडेंट हो गया था। लेकिन उसने तो बहुत ही फ्रेंडली बता दिया कि उसने सुसाइड करने की कोशिश की थी यह क्या है? यह एटीट्यूड है। और राजू ने इंटरव्यू में पूछे गए हर सवाल का जवाब एक अलग एटीट्यूड से दिया जब उससे पूछा गया कि उसने सुसाइड अटेम्प्ट क्यों किया तो उसने जवाब दिया मुझे कॉलेज से Rusticate कर दिया गया था कॉलेज से Rusticate होना गर्व की बात नहीं है यह तो बहुत बड़ा नेगेटिव पॉइंट है लेकिन उसने बता दिया।


यह तो कुछ भी नहीं अगले सवाल में तो उसने हद कर दी जब उससे पूछा गया कि उसे क्यों Rusticate किया गया था तो उसने जवाब दिया


“मैंने शराब के नशे में dean के घर के बाहर पेशाब कर दिया था”


अब आप ही बताइए कि interview में कोई ये कहेगा कि वो शराब भी पीता है और शराब के नशे में ऐसे उल्टे सीधे काम करता है? interviewers भी उसके इतने frank behaviour से shocked थे। और एक interviewer ने तो बोल भी दिया कि आपका इतना frank attitude ठीक नहीं हैं लेकिन इसका reply भी raju ने अपने ही attitude में दिया। कि


 “Sir, दोनों टाँगे तुड़वा कर अपने पैरों पर खड़े होना सीखा है। बड़ी मुश्किल से आया है ये attitude. मैं इसे नहीं छोड़ सकता। इसलिए आप अपनी नौकरी रख लीजिए और मैं अपना attitude।”


और surprisingly इतने frank behaviour के बावजूद raju rastogi का job के लिए selection हो जाता है जबकि उसके marks और grades तो बोहत कम थे। but उसने interviewers को अपने attitude से impress कर दिया था। इसीलिए तो कहते हैं Attitude is Everything.


पर आप सोच रहे होंगें कि ऐसा तो सिर्फ़ फ़िल्मों में ही होता हैं real life में ये सब work नहीं करता हैं। तो आपकी जानकारी के लिए बता देता हूँ कि real life में भी exactly ऐसा ही होता हैं। बस problem यही है कि हमें पता नहीं है। USA में दुनिया की सबसे बड़ी online career और job website हैं जिसका नाम हैं CareerBuilder.com ठीक वैसी ही जैसी India naukri.com। CareerBuilder team ने सन 2011 में एक survey किया था। उन्होंने america की 2600 कंपनियों के HR managers से सवाल पूछा कि वे interview में candidate को किस आधार पर चुनते हैं? तो survey में पता चला कि 71% HR managers ने बताया कि वे candidate को उसके attitude (emotional intelligence) से impress होकर job offer कर देते हैं। emotional intelligence भी attitude का ही एक part हैं जिसे हम आगे conflict resolution वाले topic में details में जानेंगे।


USA के ही top writers और leadership gurus में से एक हैं Mark Murphy जिन्होंने दुनिया की top 500 companies में select होने वाले 20,000 new employees पर research की और (Hiring For Attitude) नाम से एक book publish की। Mark बताते हैं कि research में पता चला कि 46% candidates 18 महीनों में ही अपनी job में fail हो जाते हैं और उनके fail होने की वजह ये नहीं कि उनमें talent की या skills की कमी थी बल्कि 89% लोगों के fail होने की वजह उनका wrong attitude था। इसलिए आजकल recruiters interview में पहले candidates का attitude check करते है। Mark का कहना है कि अगर candidate में किसी skill की कमी है तो उसको उसके लिए train किया जा सकता हैं लेकिन अगर attitude में problem हैं तो उसे improve करना मुश्किल है। क्योंकि अगर कोई employee कहता है कि मैं ये नहीं कर सकता तो इसका मतलब है उसमे skills की कमी है लेकिन अगर कोई ये कहता हैं कि मैं ये नहीं करना चाहता तो उसमें attitude problem हैं।


एक बार मेरी मुलाकात Mumbai के एक top institute Kishinchand Chellaram (KC) College Science Dept. retired Dean Dr. Jagdish Soni से हुई। Dr. Soni ने 40 साल KC college में science biotech subject पढ़ाया हैं। मैंने बातों बातों में Dr. Soni से पूछा कि आप science dept. के Dean रह चुके हैं तो आपने कई professors का interview लिया होगा तो आप किसी professor को recruit करने के लिए interview में क्या questions पूछते थे? तो Dr. Soni ने बताया कि उन्होंने सैकड़ों professors का interview लिया है लेकिन किसी भी interview में उन्होंने कभी भी subject से related कोई question नहीं पूछा। वो सिर्फ़ candidate का attitude check करते थे उनका मानना है कि अगर attitude सही है तो subject knowledge और teaching skill को improve किया जा सकता हैं। उन्होंने मेरे साथ एक question share किया जो attitude check करने के लिए वे पूछते थे। question कुछ इस प्रकार है:


“अगर college का time 10 to 4 है लेकिन मैं 8 बजे college आता हूँ और 6 बजे घर जाता हूँ तो आप कितने बजे college आयेंगे और कितने बजे घर जायेंगे?”


Dr. Soni ने कहा कि अगर कोई candidate ये reply करता कि मैं आप से पहले college आ जाऊँगा और आप के बाद घर जाऊँगा तो वो उसे recruit कर देते थे क्योंकि इससे पता चलता है कि उसमें zeal हैं और teaching उसका passion है। अगर कोई ये कहता कि मैं तो college के timing के हिसाब से ही आऊंगा और जाऊँगा तो वे उसे reject कर देते थे। Bill Gates ने ठीक ही कहा है कि:


“आप काम करते वक़्त घड़ी की और नज़र मत डालिए बस काम करते जाइए, घड़ी पर तब नज़र डालिए जब आप कुछ भी नहीं कर रहे हो ताकि आपको पता चल सके कि आपका कितना time waste हो रहा है”


तो चाहे interview में select होना हो या अपनी job में सफल होना हो, या anand kumar, mohammad ali औऱ virat kohli की तरह अपने अपने field में champion बनना हो, सब कुछ आपके attitude पर depend करता है। right attitude के बिना आप job कर सकते हो, पैसा कमा सकते हो और जैसे तैसे अपनी life भी spend कर सकते हो लेकिन दुनिया पर अपनी छाप नहीं छोड़ सकते।


Attitude हो तो ऐसा।

जो story अब मैं आप लोगो के साथ share करने जा रहा हूँ उसको पढ़ने के बाद आप भी ये कहे बिना नहीं रह पाएंगे कि Attitude हो तो ऐसा हो।


Michelle Obama का नाम तो आप ने जरूर सुना ही होगा। Michelle, USA के former president Barack Obama की wife हैं। एक दिन president Obama और Michelle ने बाहर dinner पर जाने का plan बनाया। वे दोनों एक restaurant में गए। जब restaurant के owner को पता चला कि President Obama और उनकी wife उसके restaurant में dinner के लिए आ रहे हैं तो वो खुद उनकी सेवा में खड़ा हो गया। उसने Obama और उनकी wife को बोहत अच्छे से welcome किया और एक special dining table पर बैठाया और खुद ने खाने का order लिया। kitchen में order देने के बाद restaurant का owner फिर से Obama और Michelle के पास आ गया। और फ़िर उसने president Obama से पूछा कि अगर उन्हें कोई objection ना हो तो वो Michelle से personally कुछ देर बात करना चाहता है। Obama ने कहा why not आप आराम से बात कीजिए हालाँकि Obama भी सोच में पड़ गए कि ऐसी क्या बात है जो वो उनके सामने नहीं करना चाहता । फिर Michelle और restaurant's owner दोनों ने अकेले में कुछ देर बात की और Michelle वापिस आकर dining table पर बैठ गई। president Obama ने बड़े excited होकर उनकी wife से पूछा कि restaurant के owner ने उनसे क्या कहा? Michelle ने जवाब दिया कि उसने कहा कि वो मेरी school में पढ़ता था और मुझे बोहत like करता था आज मौका मिला तो मुझसे ये बात share की। Obama भी इस बात पर हँस पड़े और मज़ाक मज़ाक में बोले कि काश तुमने उससे शादी की होती तो तुम आज इस restaurant की मालकिन होती। लेकिन इस बात पर Michelle ने जो जवाब दिया उसको सुनकर president Obama के भी hosh उड़ गए। Michelle ने कहा कि “नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता मैं इस restaurant की मालकिन नहीं बनती। क्योंकि अगर मैं उससे शादी करती तो वो America का president बनता।”


क्यों? हैं ना कमाल का attitude. इसीलिए तो मैंने कहा था कि attitude हो तो ऐसा।


Leader बनने के लिए Attitude कितना important हैं? 


हालाँकि attitude एक इतना vast subject हैं कि अगर इस पर 100 books लिख दी जाए तो भी कम है। इसीलिए Leadership Development में Attitude का क्या role हैं? इस point को समझकर हम इस topic को conclude करेंगे। और इसे समझने के लिए आपको मेरे कुछ सवालों के जवाब देने होंगे। So, are you ready?


वैसे सवाल बोहत ही easy और funny हैं इन सवालों को पढ़कर आपको आपके बचपन की याद आ जाएगी। तो सवाल कुछ इस प्रकार है:


1. जंगल का सबसे ऊंचा जानवर कौनसा है? 


2. जंगल का सबसे बड़ा और ताक़तवर जानवर कौनसा है?


3. जंगल का सबसे तेज़ दौड़ने वाला जानवर कौनसा है? 4. जंगल का सबसे बुद्धिमान जानवर कौनसा है?


और इन सवालों के जवाब कुछ इस प्रकार है:


1. जंगल का सबसे ऊंचा जानवर है Giraffe

2. जंगल का सबसे बड़ा और ताक़तवर जानवर है Elephant हाथी 3. जंगल का सबसे तेज़ दौड़ने वाला जानवर हैं Cheetah 4. और जंगल का सबसे बुद्धिमान जानवर हैं Chimpanzee


अब आपसे मेरा सवाल यह है कि इन चारों में से जंगल का राजा कौन है? कोई भी नहीं। क्योंकि जंगल का राजा तो शेर हैं। But कैसे? क्योंकि height Giraffe के पास है, power और size हाथी के पास है, speed Cheetah के पास है और और तेज़ दिमाग़ Chimpanzee के पास है। तब तो जंगल का राजा इन चारों में से कोई एक होना चाहिए था। शेर कैसे है जंगल का राजा? क्योंकि शेर न तो सबसे ऊंचा जानवर हैं, न सबसे ताक़तवर और बड़ा, न सबसे तेज़ और ना ही सबसे बुद्धिमान जानवर हैं। लेकिन फ़िर भी शेर जंगल का राजा हैं क्योंकि उसका attitude राजाओ वाला है। क्योंकि जंगल के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े जानवर को जब शेर देखता हैं ना तो वो ये नहीं सोचता है कि ये तो बोहत बड़ा और ताक़तवर जानवर है या ये तो झुंड में है मैं इसको कैसे मार सकता हूँ बल्कि शेर जब किसी जानवर को देखता है तो यही सोचता है कि मैं इसका शिकार कर सकता हूँ और सारे जानवर भी शेर को देखते ही थर्राने लगते हैं क्योंकि उन्हें शेर में एक killer शिकारी नज़र आता हैं। ये है शेर की brand और वो अपने attitude के दम पर जंगल का राजा बना हैं।


हमें तो अब तक school और college में यही सिखाया गया है कि अगर आपको leader बनना है, successful बनना है या life में कुछ बड़ा करना हैं तो आपको खूब पढ़ना होगा, top करना होगा, बड़े college से degree हासिल करनी होगी, आपका IQ और Aptitude strong होना चाहिये। पर कभी किसी teacher ने ये बताया कि अपने Attitude पर काम करो और उसे develop करो? नहीं बताया। फिर बोल रहा हूँ कैसे बताते? क्योंकि उन्हें खुद को नहीं पता कि Attitude is Everything। अगर पता होता तो वो खुद आज leader नहीं होते?? बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है लेकिन कटु सत्य ये हैं attitude और हमारा education system हमारे creativity को useless बना देता हैं। इसलिए आप लोगों से request हैं अपने अंदर Right Attitude को develop करे ताकि आप भी successful बन सके।