Ishq da Mara - 74 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 74

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इश्क दा मारा - 74

गीतिका की बुआ जी और फूफा जी बहुत परेशान होते हैं। तभी गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "ये सब अचानक क्या हो गया है और अब हम उसके घर वालों को क्या जवाब देंगे"।

राजीव गीतिका को थप्पड़ मारता है और वो जमीन पर गिर जाती है। और रोने लगती है और रोते हुए बोलती है, "प्लीज राजीव मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं छोड़ दो मुझे, जाने दो"।

तभी राजीव भी उसके पास आ कर बैठ जाता है और बोलता है, "देखो अगर प्यार से मान जाओगी तो ठीक है वरना जबरदस्ती करनी मुझे आती है।

तभी गीतिका जोर जोर से यूवी यूवी चिल्लाने लगती है।

तब राजीव गीतिका  सर दीवार में मारता है और उसका मुंह पकड़ लेता है और बोलता है, "तुम्हे शर्म नहीं आ रही है कि मेरे सामने बैठ कर अपने उस आशिक का नाम ले रही हो, और मुझे और ज्यादा गुस्सा दिला रही हो, चलो कोई बात नहीं तुम्हे जो करना है तुम करो और मुझे जो करना है मैं करता हूं"।

तभी आलिया पीछे हटने की कोशिश करती है तभी राजीव उसका हाथ पकड़ लेता है और उसके साथ जबरदस्ती करने लगता है। तभी दरवाजा खुल जाता है और दरवाजा खुलते ही राजीव को गुस्सा आता है और वो बोलता है, "अबे ये इतने अच्छे टाइम पर ये दरवाजा कौन खोल रहा है, लगता है ये मरना चाहता है मेरे हाथ से "।

तभी राजीव दरवाजे की तरफ देखता है कि वहां पर कोई और नहीं बल्कि यूवी होता है। यूवी को देख कर वो घबरा जाता है और बोलता है, "अबे तू यहां पर "।

यूवी को देखते ही गीतिका के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वो धीरे से बोलती है, "यूवी....

तभी जल्दी से यूवी वहां पर आता है और लात मारकर राजीव को गीतिका के पास से हटाता है और उसके बाद वो राजीव को बहुत ही बुरी तरह से मारने लगता है। 

तभी वहां पर बंटी और यश भी आ जाते हैं। यश देखता है कि गीतिका एक कोने में डरी सहमी बैठी रहती है और रोती रहती है। यूवी बहुत ही गुस्से में होता है और राजीव को मार मार कर अधमरा कर देता है तभी यश यूवी के पास आता है और बोलता है, "यूवी इसे छोड़ इसे हम देख लेंगे तू जा अपनी गीतिका के पास, देख वो बहुत डरी हुई है और रो रही है।"।

तभी यूवी गीतिका की तरफ देखता है और वो राजीव को छोड़ देता है और गीतिका का दुपट्टा लेता है और गीतिका को दुपट्टा पहना देता है और उसे गले लगा लेता है। यूवी के गले लग कर गीतिका जोर जोर से रोने लगती है और बोलती है, "आप मेरे पास क्यों नहीं आ रहे थे यूवी, में आपको कबसे बुला रही थी, और आपने मुझे बचाया क्यों नहीं जब ये मुझे यहां पर ले कर आ रहा था, बताओ ना यूवी आप कहा थे और मेरे पास क्यों नहीं आ रहे थे, मैं आपको बहुत बुला रही है "।

तब यूवी गीतिका के बालों को सहलाता है और बोलता है, "सॉरी बच्चा गलती हो गई माफ कर दो, अब मैं तुम्हे कभी भी अकेला नहीं छोडूंगा "।

तभी यूवी गीतिका का चेहरा अपनी तरफ करता है और देखता है कि उसके चेहरे पर अंगुली के निशान होते हैं। तब यूवी बोलता है, "बच्चा ये चेहरे पर क्या हुआ ?????

तब तब गीतिका रोते हुए बोलती है, "ये मेरे साथ जबरदस्ती कर रहा था तो मैने इसे धक्का दिया तो इसने मुझे थप्पड़ मारा और मेरा सर जोर की दीवार में मार दिया और ये देखो मेरे हाथ इसने मेरे हाथों को भी बहुत तेज की दबाया था, और ये मुझे जबरदस्ती शराब पिला रहा था और मैने मना किया तो मुझ पर शराब भी गिरा दिया"।

ये सब देखते ही यूवी का खून खोल जाता है और वो गीतिका को छोड़ कर राजीव को मारने जा रहा होता है तभी गीतिका यूवी का हाथ पकड़ लेती है और बोलती है, "प्लेसी यूवी मुझे अकेला छोड़ कर मत जाइए मुझे बहुत डर लग रहा है।

तभी यूवी गीतिका को गले लगा लेता है और बोलता है, "अच्छा ठीक है बच्चा मैं कही पर भी नहीं जा रहा हूं और तुम रोना बंद करो, देखो मैं आ गया हू ना तुम्हारे पास"।

गीतिका बहुत ही डरी हुई रहती है और वह यूवी को कस की पकड़ लेती है । यूवी गीतिका को अपनी गोद में उठाता है और यश से बोलता है, "भाई मैं गीतिका को अपने साथ ले कर जा रहा हूं और ये बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए कि गीतिका मिल गई है, क्योंकि अब मैं अपनी गीतिका को किसी के भरोसे नहीं छोड़ सकता हूं"।

यूवी गीतिका को ले कर अपनी कार के पास चला जाता है और उसे गोद में लिए हुए ही ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता है और प्यार से गीतिका का सर सहला कर बोलता है, "बच्चा अब डर तो नहीं लग रहा है न "।

तब गीतिका धीरे से बोलती है, "नहीं ..... मगर आप मुझे कहा ले जा रहे हैं, मुझे कही पर भी नहीं जाना है मुझे आपके पास रहना है "।

तब यूवी बोलता है , "बच्चा तुम मेरे साथ ही रहोगी मैं तुम्हे अपने पास ही रखूंगा, तुम डरो मत "।

उसके बाद गीतिका यूवी को कस की पकड़ लेती है और यूवी कार चलाने लगता है............