Psycho Lover - 11 in Hindi Love Stories by Jiyaa books and stories PDF | Psycho Lover - 11

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Psycho Lover - 11

कव्या काफी देर तक कम्पनी के बाहर खड़ी यही सोचती रही....क्या मुझे अंदर जाना चाहिए....या फिर नही...कुछ देर की कश्मकश के बाद आखिर काव्या ने अंदर जाने का फैसला किया.....कम्पनी मे ऐंटर करते ही वो हर चीज़ को बहोत ध्यान से एक्सप्लोर करने लगी...लेकिन वो ज्यादा अंदर नही जा पाई क्योंकि कम्पनी के सिक्योर्टी गार्ड्स ने उसे बिना अपॉइंटमेंट विवेक ओब्रोए से मिलने नही  दिया....उसने लास्ट नाईट ही मानिक को कॉल पर बात करते हुए विवेक ओब्रोए का नाम लेते सुना था जो टॉप बिजनेसमैन मे से एक था काव्या को अंदर ही अंदर ये सवाल खाए जा रहा था मानिक का कम्पनी और इतने बड़े आदमी से एक लेना देना है.....विवेक ओब्रोए इस कम्पनी का मालिक और एक फेमस बिजनेसमैन है लेकिन मानिक से इनका क्या लेना देना है....!! काव्या के लिए ये काफी शॉकिंग था उसे समझ नही आ रहा था कि वो विवेक ओब्रोए से इतने शॉर्ट नोटिस पर कैसे मिले क्योंकि अपॉइंटमेंट लेने का टाइम उसके पास बिल्कुल नही था लेकिन उसे इतना समझ आ गया था कि विवेक ओब्रोए से मिलने के बाद शायद उसे पता चल जाएगा कि मानिक उसकी पीठ पीछे क्या कर रहा हैं.....गार्ड्स ने काव्या को वेटिंग एरिया मे वेट करने के लिए बिठा दिया उसके पास ज्यादा वक्त नही था और शाम भी होने लगी थी उसे मानिक के घर पहुँचने से पहले वापिस जाना था क्योंकि अगर इस बारे मे मानिक को पता चला तो वो अलर्ट हो जाएगा.... काव्या कुछ देर वेट करके वहा से जाने लगी वो कम्पनी से बाहर जा हीं रही थी अचानक एक लड़की से टकराकर नीचे गिर गई उसने खड़े होकर उस लड़की से माफ़ी मांगी... क्योंकि काव्या का ध्यान कही ओर था...वो दोबारा जाने ही लगी कि उसकी नज़र वहा लगे एक बड़े से मीरर पर गई जिसमे उसे निखिल की इमेज दिख रही थी....निखिल सर...!!! निखिल को देख काव्या हैरान हो गई उसने फौरन पीछे मुड़कर देखा तो निखिल किसी से बात करते हुए सीढ़ियों से ऊपर जा रहा था इसलिए काव्या ने फौरन ने उसके पास आकर लाउड वॉइस मे कहा....हेलो निखिल सर...!!! अपना नाम सुनकर निखिल ने जैसे ही पीछे मुड़कर देखा तो उसे अपनी आँखों पर यकीन नही हुआ....काव्या....क्या ये सच मे तुम हो.... काव्या को देख निखिल जितना शॉक्ड था उतना ही खुश भी था क्योंकि उनके प्रोजेक्ट की लीड और कम्पनी की बेस्ट इम्प्लोए उसके सामने थी...काव्या... मै तुम्हे बता नही सकता...तुम्हे यहां देख कर मै कितना ज्यादा खुश हूँ....लेकिन तुम अचानक यहां कैसे....!!!!
निखिल और कव्या बात करने के लिए पास के कैफे आ गए जहाँ निखिल ने उसे बताया की उनका प्रोजेक्ट इस कम्पनी के मालिक विवेक ओब्रोए ने हेंडओवर कर लिया है इसलिए उन्हे पूरी टीम के साथ यहां आना पड़ा निखिल की बाते सुनकर काव्या को कुछ चीजे समझ आने लगी....तो ये सब प्लान था....मानिक का घटिया प्लान..!!!काव्या को ये सोच सोच गुस्स्सा आ रहा था कि वो मानिक के घटिया प्लान मे इतनी आसानी से फंस गई अचानक उसे ज्योति का ख्याल आया....आपने कहा पुरी टीम यहां है तो क्या आप प्लीस मुझे ज्योति के बारे मे बता सकते है...मै उससे कॉन्टेक्ट नही कर पा रही हूँ....!!!काव्या की बात सुनकर निखिल हँसते हुए बोला....क्या बात है ज्योति तो बहोत डिमांडिंग मे चल रही है कुछ दिनों पहले मानिक भी उसके बारे मे पूछ रहा था....मानिक का ख्याल आते ही निखिल एक पल की खामोशी के बाद बोला....क्या मानिक तुम्हारे साथ है....!!
"हां वो फिलहाल मेरे साथ है...हम अभी उसके भाई के घर पर है....!!!काव्या की बात सुनकर निखिल शॉक्ड था क्योकि उसका भाई तो ऑलरेडी अपने घर ने रह रहा था इसलिए उसने काव्या से एड्रेस मांगा....काव्या ने बिना कोई सवाल किए उसे एड्रेस देकर फिरसे ज्योति के बारे मे पूछा जिस पर निखिल ने उससे कहा....हमारे यहां आने के नेक्स्ट डे ही उसका छोटा सा एक्सीडेंट हो गया था इसलिए उसे कम्पनी से कुछ दिनों का ऑफ लेना पड़ा...अगर तुम उससे अभी मिलना चाहती हो तो वो रोज शाम को पास के हॉस्पिटल मे चेकअप के लिए आती है...!!!काव्या निखिल से ज्योति का कॉन्टेक्ट नम्बर लेकर फौरन हॉस्पिटल के लिए निकल गई थोड़ी देर ढूढ़ने के बाद फाइनली ज्योति उसकी आँखों के सामने थी जो डॉक्टर से बात करते हुए उनके केबिन से बाहर आई थी.....उसने ज्योति के सामने आकर उसका नाम पुकारा....ज्योति....काव्या को अपने देख ज्योति के होश उड़ गए....काव्या....तुम यहां...!!! दोनो बेस्ट फ्रैंड्स एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश हो गई उन दोनो का ही एक जैसा हाल था क्योंकि इतने दिन उन्होंने एक दूसरे से बात भी नही की थी ज्योति काव्या को पास के रेस्ट्रो ले आई खाना ऑडर करने के बाद वो काव्या की तरफ हैरानी से देख कर बोली.....तुम कितनी बुजी बुजी लग रही हो क्या हुआ सब ठीक है....और मुझे ये बताओ तुम यहां क्या कर रही हो....क्या दोबारा कम्पनी जॉइन करने वाली हो...!!!ज्योति के सवालों का काव्या के पास कोई जवाब नही था वो खामोशी से बस यही सोच रही थी....ज्योति की बातो से साफ लग रहा है कि इसे उस मैसेज के बारे मे कुछ नही पता और ना ही मानिक के इसलिए मै इसे मानिक के बारे मे नही बता सकती वरना ये बेवजह परेशान हो जाएगी....मुझे अब किसी तरहा मानिक के जाल से निकल कर वापिस घर जाना होगा....ज्योति तुम ये सब छोड़ो पहले मुझे ये बताओ तुम्हारी कंडीशन कैसी है निखिल ने बताया तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया था...तुम्हारे लिए यहां सर्वाइव करना बहोत मुश्किल रहा होगा....!!!

"हां बस छोटा सा एक्सीडेंट था....रही बात सर्वाइव की तो ऐसा नही है....तुम्हे दिनेश याद है ना...हमारा टीम लीडर उसने मेरी बहोत हेल्प की....यहां तक की उसने मेरे लिए अपनी जॉब क्विट करदी....मुझे तुम्हे बताने मे शर्म आ रही है पर अब हम दोनो डेट कर रहे है....!!!!ज्योति की बात सुनकर काव्या ब्लैक माइंड थी अब उसे पुरी तरहा सब कुछ समझ आ गया उसका एक लास्ट डाउट भी क्लियर हो गया उसने मन मे अपना गुस्सा दबाते हुए सोचा...तो वो बेहूदा मैसेज दिनेश ने भेजा था...वो कमीना घटिया इंसान....!!!!
काव्य ज्योति की आवाज़ सुनकर अपने ख्यालो से बाहर आई....काव्या....अब तुम मुझे बताओ तुम यहां कैसे और कब आई...!!!!अब तक उनका ऑडर भी आ चुका था इसलिए काव्या ने अपना खाना खाते हुए उसे बताया कि वो एक इम्पोर्टेन्ट काम से मानिक के साथ यहां आई है....मानिक का नाम सुनकर ज्योति शॉक्ड ऋेक्शन के साथ बोली.....क्या मानिक....सच मे....!!!!मानिक नाम सुनकर ज्योति को इतना एक्साइट देख जब काव्या ने इसका कारण पूछा तो ज्योति ने उसे बताया कि बैंकॉक आने के बाद मानिक ने कई बार उसकी हेल्प की है क्योंकि वो दिनेश का बेस्ट फ्रेंड है....मेरे एक्सीडेंट के बाद मेरे पास बिल्कुल पैसे नही बचे थे और तुम तो जानती हो यहां कितना एक्सपेन्स है एक मूवमेंट पर दिनेश के पास भी पैसे नही बचे थे इसलिए मानिक ने हमारी बहोत हेल्प की...मै एक बार प्रश्ननलि उससे मिलकर थैंक्स बोलना चाहती हूँ....!!!!ज्योति नॉनस्टॉप मानिक की तारीफ़ कर रही थी जिसे सुनकर काव्या का दिमाग़ हद से ज्यादा खराब हो रहा था वो मन मे सोच रही थी.....तो ये दोनो कमीने बेस्ट फ्रेंड्स है....वो दोनो अच्छे से जानते थे मै और ज्योति कितने क्लोस है इसलिए उन्होंने ऐसा घटिया प्लान बनाया....!!सोचते सोचते अचानक काव्या के दिमाग़ मे एक आइडिआ आया....ज्योति क्यो ना तुम मेरे साथ चलो....तुम मानिक से मिल भी लेना और उसे थैंक्स भी बोल देना...!!!काव्या की बात ज्योति को बिल्कुल सही लगी इसलिए वो बिना देर किए बिल पे करके उसके साथ चलदी....!!!!
दूसरी तरफ निखिल ने मानिक को कई कॉल किए ताकि वो उसे काव्या को बैंकॉक लाने के लिए थैंक्स बोल सके लेकिन मानिक ने उसका एक भी कॉल रिसीव नही किया जिस वजह निखिल बहोत इर्रिटेटिड फिल कर रहा था.....ये गधा कभी कॉल रिसीव क्यो नही करता...!!!
वही मानिक रिलेक्सड होकर दिनेश के साथ कैफे मे बैठा मे बैठा हुआ आगे की प्लानिंग कर रहा था तभी दिनेश ने कहा....तुम्हे अपने भाई के पास कॉल कर लेनी चाहिए मानिक....वो तुम्हे पागलो की तरहा ढूढ़ रहा है...आफ्ट्रोल तुमने इतना इम्पोर्टेन्ट काम छोड़ दिया....!!!!दिनेश की बात सुनकर मानिक ने अजीब सा मुँह बनाकर गहरी सांस छोड़ते हुए कहा....बिल्कुल नही....फिलहाल मै उसकी बाते सुनने के मुड़ मे बिल्कुल नही हूँ....!!!!    

काव्या मानिक और दिनेश की पुरी प्लानिंग का अंदाजा लगा चुकी थी और अब वक्त था मानिक को ये समझाने का कि वो बेवकूफ नही है....उसने ज्योति को लिविंग रूम मे बिठाया और उसके लिए कॉफी बनाने चली गई किचन मे आकर उसने मानिक के पास मैसेज किया....तुमसे कोई मिलने आया है...!!!काव्या का मैसेज मिलते ही मानिक का सिर ये सोच कर चकरा गया कि घर कौन आया होगा क्योंकि उसके यहां आने के बारे मे दिनेश के आलावा किसी को नही पता था....कही विवेक तो घर नही पहोच गया...क्या उसे पता चल गया मै यहां हूँ...अगर ऐसा हुआ तो बहोत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी... नही मै अभी उसे काव्या से बिल्कुल भी मिलने नही दे सकता....!!!!पूरे रास्ते मानिक इतना कुछ अजूम कर चुका था कि उसका सिर चकराने लगा....लेकिन जैसे ही वो घर पहोचा वहा ज्योति को देख उसके होश उड़ गए उसने मन मे चिल्लाकर कहा....नही... ये नहीं हो सकता...क्या इतने बड़े देश मे काव्या का ज्योति से ही मिलना जरूरी था.....!!!
जैसे ही काव्या की नज़र मानिक पर पड़ी उसने एक टोंटिंग टोंन मे कहा....तुम आ गए....दर्सल मै कुछ काम से हॉस्पिटल गई थी तो वहा मुझे ज्योति मिल गई... ये तुम्हे थैंक्स बोलना चाहती थी....इसलिए मै इसे यहां ले आई.....मैने सही किया ना मानिक...!!!
मानिक काव्या की बातो का मतलब अच्छे से समझ रहा था उसके चेहरे का रंग पुरी तरहा उड़ा हुआ था इससे पहले वो कुछ कहता ज्योति उसके पास आकर बोली....थैंक्स अ लॉट मानिक....तुम्हारी वजह से मै इतनी बड़ी प्रॉब्लम से निकल पाई....ज्योति नॉनस्टॉप बोले जा रही थी वही मानिक की सांसे उसके गले मे अटकी हुई थी वो काव्या की तरफ देखने की हिम्मत भी नही कर पा रहा था।
"ज्योति बाकी बाते बाद मे कर लेना चलो अभी सेलिब्रेट करते है....मेरे बैंकॉक आने की खुशी मे...और...हम दोनो के मिलने की खुशी मे....काव्या की बाते ज्योति के लिए नॉर्मल साउंड कर रही थी लेकिन मानिक के लिए वो क्लियर टोंट थे....काव्या और ज्योति नॉनस्टॉप ड्रिंक कर रही थी इसी बिच मानिक ने छुप कर दिनेश को मैसेज कर दिया....ज्योति मेरे घर पर है उसे फौरन यहां से लेकर जाओ....!!!!
काव्या और ज्योति फुल एंजोए कर रही थी फर्क बस इतना था ज्योति की खुशी असली थी और काव्या की फेक वो अंदर हीं अंदर बहोत दुखी थी....उसका दिल बैठा जा रहा था ये सोच सोच कि मानिक ने उसे कितनी आसानी से बेवकूफ बना दिया वो इस वक्त हद से ज्यादा रोना चाहती थी लेकिन ज्योति के सामने उसे स्ट्रांग रहना था इसलिए वो बहोत ज्यादा ड्रिंक कर रही थी...वही मानिक काव्या की आँखों मे पैन साफ देख पा रहा था उसे रह रह कर काव्या की फ़िक्र हो रही थी....प्लीस काव्या बी स्ट्रांग....आई एम सोर्री....प्लीस इसके लिए खुद को सज़ा मत दो....!!!!मानिक मन ही मन काव्या से बात करने की कोशिश कर रहा था लेकिन इस वक्त उसकी हिम्मत जवाब दे रही थी...... लगभग दो घंटे ड्रिंक करने के बाद काव्या और ज्योति को नशा चढ़ गया अब तक वहा दिनेश भी आ चुका था जो ज्योति को संभालने की कोशिश कर रहा था वही मानिक गुस्से और लाल आँखों से उसे ज्योति को वहा से ले जाने के लिए कह रहा था...इसे यहां से फौरन लेकर चले जाओ...इससे पहले मै ये भूल जाऊ की ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड और काव्या की बेस्ट फ्रेंड है...!!!
मानिक की क्लियर धमकी के बाद दिनेश फौरन ज्योति को वहा से लेकर चला गया....ज्योति के जाते ही ड्रंक काव्या ने फोर्सफुली अपनी आंखे खोल और लड़खड़ाते कदमो से मानिक के सामने आकर कहा....तुम बहोत बुरे हो...मै तुमसे बहोत बहोत नफ़रत करती हूँ...सच मे...तुमने मुझे उल्लू बनाया...और मै बेवकुफो की तरहा उल्लू बनती रही....काव्या बोलते बोलते रोने लगी मानिक ने जैसे ही उसे कन्फर्ट करने की कोशिश की उसने मानिक को खुद से दूर कर दिया वो कभी रोने लगती तो कभी खुद पर ही बहोत हंसती तो कभी लाउड म्यूजिक पर डांस करने लगती....किसी ने सही कहा है नशा इंसान का दुख भुला देता है...कुछ वक्त के लिए ही सही लेकिन नशा इंसान को उसके दुखो मे भी हँसने की हिम्मत देता है...जो इस वक्त काव्या कर रही थी वो लड़खड़ाते कदमो से डांस कर रही थी तभी उसका बेलेंस बिगड़ गया और वो गिरने लगी लेकिन मानिक ने उसे संभाल लिया...जिसे काव्या ने फिरसे दूर धक्का दे दिया....मेरे...मेरे पास...मत...आओ...मुझे...मुझे ना तुम बिल्कुल पंसद नही हो...मानिक...तुम बहोत बुरे इंसान हो....काव्या ने एक बोतल उठा कर दोबारा पीना स्टार्ट कर दिया इसलिए मानिक ने उसके हाथ से बोतल छिनते हुए कहा.....बस बहोत पी चुकी हो काव्या...छोड़ो इसे....!!!! 
लेकिन काव्या उसकी एक नही सुन रही थी इसलिए मानिक ने उसे जबरदस्ती गोद मे उठा कर रूम मे ले आया जिस वजह से काव्या भड़क गई वो लड़खड़ाते कदमो से दोबारा बाहर जाने लगी....इस वक्त मानिक के लिए उसे संभालना बहोत मुश्किल हो रहा था जब काव्या उसके कंट्रोल से बाहर हो गई तो उसने बेड से काव्या के हाथ बाध दिए....ये तुम क्या कर रहे हो मॉन्स्टर मानिक...छोड़ो...मै तुम्हारी कम्प्लेंड करुँगी...मुझे बाहर जाना है.... काव्या नशे मे मानिक पर बहुत नाराज हो रही थी वो उसे कॉन्टीन्यूसली उल्टा सीधा बोले जा रही थी जिसे मानिक पुरी तरह इग्नोर कर रहा था....पाँच मिनट बाद वो काव्या के लिए किचन से नीबू पानी बनाकर लाया जिसे काव्या पीने से साफ मना कर दिया मानिक के बहोत फोर्स करने पर भी काव्या ने नीबू पानी नही पिया इसलिए मानिक के पास कोई रास्ता नही बचा....तुम हमेशा अपनी जिद के चक्कर मे मुझसे वो करवाती हो जो मे नही करना चाहता स्वीटी....!!!इतना कहते ही मानिक ने थोड़ा नीबू पानी अपने माउथ भर लिया और काव्या के लिप्स से अटैच कर उसे फोर्सफुली पिलाने लगा... पुरा ग्लास  माऊथ टू माऊथ काव्या को पिलाने के बाद जैसे ही मानिक बेड से खड़ा होने लगा काव्या ने उसका हाथ पकड़  अपनी तरफ पुश कर लिया और फौरन उसके लिप्स पर किस्स करने लगी....काव्या के एक्शन से मानिक की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई थी उसके दिल ने एक पल के लिए जैसे धड़कना बंद कर दिया लेकिन जल्दी ही वो अपने सेंस मे वापिस आ गया उसने फौरन काव्या से दूर हटते हुए कहा....काव्या....स्टॉप....तुम अभी बहोत ड्रंक हो अभी रेस्ट करो हम कल बात करेंगे...!!!
मानिक की बाते सुनकर काव्या ने बेबी पाउट बना लिया जिसे मानिक देखता ही रह गया क्योंकि वो हद से ज्यादा क्यूट लग रही थी....ओह्ह्ह माय गॉड....ये इतनी प्यारी लग रही है कि मेरा खुद को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है....!!!!वही काव्या का फुल ऑन फोक्स मानिक पर था उसने फिर से मानिक के लिप्स के पास आकर उन्हे किस्स करना स्टार्ट कर दिया....इस बार मानिक ने अपना सेल्फ कंट्रोल पुरी तरहा खो दिया और काव्या को एक डिप पेशेनेट किस्स करके कहा....बेबी क्या तुम सच मे यही चाहती हो....मानिक का दिल की कर था वो पुरी तरहा काव्या के नशे मे डूब जाए वो बेडली काव्या के साथ इंटिमेट होना चाहता था....दूसरी तरफ काव्या के बॉडी टच मे खोई हुई था....मानिक उसके लिए एक ड्रग्स की तरहा हो गया था जिसकी उसे बुरी लत लग चुकी थी....उसका दिमाग़ बेशक उसे मानिक से दूर करता था लेकिन उसका दिल मानिक जैसे बिस्ट को चाहने लगा था....काव्या इतनी ड्रंक थी कि उसने अपना टॉप गर्मी लगने की वजह से निकाल कर दूर फेक दिया एक पल के लिए काव्या को देख बेचैन मानिक सांस लेना हीं भूल गया....वो कंटीन्यूसली बस उसे हीं देखे जा रहा था जिसकी वजह से मानिक सांसे गहरी हो गई वो पुरी तरहा से अपना कंट्रोल खो चुका था इसलिए उसने बिना देर किए काव्या की ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया और पेशेंटली काव्या के लिप्स पर अटेक कर उसे किस्स करने लगा.....मानिक इतना एक्साइट हो चुका था कि उसे खुद पता नही चला कि वो कब पुरी तरहा नैक्ड हो गया उसका लस्ट इतना ज्यादा बढ़ चुका था कि वो डिपली काव्या के साथ इंटिमेट होने लगा.....काव्या नशे मे थी लेकिन वो पुरी तरहा मानिक को फिल कर पा रही थी चार घंटों की हार्ड इंटिमेसी के बाद काव्या पूरी तरह थक कर चूर हो चुकी थी इसलिए वो बिना कपड़ो के सो गई काव्या नींद मे भी यही बड़बड़ा रही थी.... आई हेट यू मानिक.....मै तुमसे बहोत नफ़रत करती हूँ...आई रियली हेट यू...!!! काव्या के मुँह से अपने लिए नफरते भरे वर्ड्स सुनकर  मानिक बहोत बुरी तरह तपड़ उठा वो इतना बेचैन हो गया कि सोई हुई काव्या का फेस अपने हाथों मे लेकर उसके लिप्स पर एक सॉफ्ट किस्स करके बोला....प्लीस स्वीट हार्ट मुझसे इतनी नफ़रत मत करो....मै सब कुछ बर्दाश कर सकता हूँ लेकिन तुम्हारी नफ़रत नही.... आई लव यू ...आई लव यू सो मच...स्वीटी....!!
मानिक काफी देर तक काव्या की साइड मे लेटा उसके चेहरे को प्यार भरी नज़र से देखता रहा वो काव्या के चेहरे की मासूमियत और उसके रेड लिप्स मे खोया हुआ था...पता नही कल तुम किस्स तरहा रिएक्ट करोगी....शायद जितना मै सोच रहा हूँ कल मै उससे भी ज्यादा हर्ट होने वाला हूँ बेबी....मै तुमसे बस एक चीज चाहता हूँ...और वो तुम हो...क्या तुम खुद को मुझे नही दे सकती...मै तुम्हे हर वो चीज दे सकता हूँ जो तुम चाहती हो....बस एक बार...एक बार मुझसे मांग कर देखो...एक बार मेरे साथ नॉर्मल कपल्स की तरहा रह कर देखो...आई सवेर मै तुम्हे लाइफ टाइम रिगरेट करने का मौका नही दूँगा....प्लीस स्वीटी....तुम मेरी जान हो और मुझसे मेरी जिंदगी दूर लेकर मत जाओ...मै तुमसे बहोत ज्यादा प्यार करता हूँ....!!!!