Ishq da Mara - 68 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 68

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इश्क दा मारा - 68

अपने पापा की बात सुन कर यूवी के पैरों तले जमीन खिसक जाती है उसे समझ में नहीं आ रहा होता है कि ये सब क्या हो रहा है।

तभी यश हंसने लगता है। सब उसकी तरफ देखने लगते हैं तब यश के पापा बोलते हैं, "क्या हुआ तुम हस क्यों रहे हो, और कौन है इसकी महबूबा ????

तब यश बोलता है, "ये तो है इसके साइड में खड़ी इसकी महबूबा बंटी"।

तब यश के पापा बोलते हैं, "ये क्या बदतमीजी है और तुम क्या बोल रहे हो "।

तब यश बोलता है, "यही तो इसकी महबूबा है जो हर वक्त इसके साथ रहती है, और आप लोग क्या सोच रहे थे "।

ये सुनते ही यूवी की सास में सांस आती है।

तब बंटी बोलता है, "भाई आप ये कैसी बाते कर रहे है, आपने तो डरा ही दिया था, और भाई मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी "।

ये बोल कर बंटी वहां से चला जाता है। यूवी की यश को गुस्से से देखता है और वहां से चला जाता है।

उधर गीतिका कमरे में बैठी रहती है तब मीरा उससे बोलती है, "गीतिका एक बात बोलूं अगर बुरी ना लगे तो ????

तब गीतिका बोलती है, "तुम इतना सोच क्यों रही हों, और मैं भला बुरा क्यों मानूंगी, तुम बोलो क्या बोलना है"।

तब मीरा बोलती है, "तुम्हे ये सब सही लग रहा है "।

तब गीतिका बोलती है, "पहले बाते सीधी तरह से करो यू घुमा घुमा कर नहीं"।

तब मीरा बोलती है, "तुम अपने घर वालों को जानती हो न कि वो कैसे है उसके बाद भी तुम ये सब कर रही हो, और वैसे भी यूवी भाई एक गुंडे हैं, और मुझे तो नहीं लग रहा है कि तुम दोनों का कोई फ्यूचर है "।

तब गीतिका बोलती है, "हा यूवी एक गुंडे जरूर हैं, मगर वो बहुत ही अच्छे हैं और मुझे सच में बहुत प्यार भी करते हैं, मुझे आज तक किसी ने भी इतना प्यार नहीं किया जितना यूवी करते हैं "।

तब मीरा बोलती है, "तुम अभी उसके पापा को नहीं जानती हो कि वो कैसे है, और वो कभी भी यूवी भाई की शादी नहीं होने देंगे "।

तब गीतिका बोलती है, "यूवी मुझे कभी भी नहीं छोड़ेंगे, वो मुझ से सच्ची मोहब्बत करते हैं "।

तब मीरा बोलती है, "अभी भी तुम्हारे साथ वक्त है, सोच लो, वरना आगे बहुत पछताओगी "।

ये बोल कर मीरा वहां से चली जाती है।

उधर यूवी बंटी के साथ कमरे में बैठा रहता है तभी यश उसके कमरे में आता है।

तभी यूवी बोलता है, "भाई आपको क्या हो गया है, आप ये कैसी बाते करने लगे हो, आपको पता है कि मैं कितना डर गया था"।

तभी यश उसके पास आता है और बोलता है, "तुम्हे क्या मैं पागल नजर आता हूं, और तुम्हे पता नहीं है कि मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूं, मैने तुमसे ज्यादा दुनिया देख रखी है "।

तब यूवी बोलता है, "क्या हो गया भाई आप ये कैसी अजीबो गरीब बाते कर रहे हो "।

तब यश बोलता है, "तुम पापा को जानते नहीं हो कि वो कैसे है, फिर भी ये सब कर रहे हो "।

तब यूवी बोलता है, "आपको क्या हो गया है भाई आप ये क्या बोल रहे हैं मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है "।

तब यश बोलता है, "इतने नासमझ हो तुम यूवी, चलो ठीक है कोई बात नहीं मैं सीधा सीधा ही बोल देता हूं, तुम्हे गीतिका से सच में प्यार हो गया है ???????

ये सुनते ही यूवी और बंटी के पैरों तले जमीन खिसक जाती है.............