लॉकडाउन में मोहब्बत - भाग 2: दिलों का मिलन
लॉकडाउन के बीच जब दुनिया ठहरी हुई थी, तब राधिका और प्रिंस के बीच एक नया रिश्ता बन रहा था। उनका मिलना, उनकी नोकझोंक, और फिर एक-दूसरे की नजरों में खो जाने का सिलसिला, धीरे-धीरे एक अनकहे प्यार में बदलने लगा था।
राधिका और प्रिंस दोनों ही एक-दूसरे से अंजान थे, लेकिन लॉकडाउन ने उनके बीच एक अजीब सी कनेक्शन बना दी थी। पहले तो एक दूसरे के साथ सामान्य बातचीत होती थी, फिर चाय-पानी के बहाने उनका समय एक-दूसरे के साथ बीतने लगा। एक दिन, जब राधिका फिर से प्रिंस के घर आई, उसके मन में एक अजीब सा एहसास था। वह पहले की तरह सख्त और अनुशासनप्रिय नहीं थी। उसकी आँखों में कुछ था, कुछ जो वो खुद समझ नहीं पाई थी। और प्रिंस, जो पहले से ही राधिका की ओर आकर्षित था, अब खुद को उसे और करीब महसूस करने से रोक नहीं पा रहा था।
"आज तुम बहुत चुप हो, राधिका," प्रिंस ने उसकी चुप्पी को तोड़ते हुए कहा।
राधिका ने सिर उठाया और प्रिंस की आँखों में देखा, "कुछ नहीं, बस ऐसे ही।"
प्रिंस ने हल्की सी मुस्कान के साथ कहा, "तुम ठीक हो ना? लगता है जैसे कुछ परेशान हो।"
राधिका ने झिझकते हुए कहा, "यह जो हम दोनों के बीच हो रहा है, क्या यह सही है? हम दोनों अलग-अलग दुनिया से आते हैं। मैं तुम्हारे जैसे सीधे-साधे इंसान को क्यों महसूस कर रही हूँ?"
प्रिंस की आँखों में गहरी समझ थी। उसने धीमे से कहा, "तुमसे ज्यादा अच्छे से कोई नहीं समझ सकता। मैं खुद भी परेशान हूँ, राधिका। पर जब से तुमसे मिला हूँ, सब कुछ अलग सा महसूस हो रहा है।"
राधिका ने थोड़ा रुकते हुए कहा, "तुमसे मिलकर मुझे अच्छा लगता है, लेकिन हमें क्या यह महसूस करना चाहिए? हम दोनों अलग हैं, प्रिंस।"
प्रिंस ने एक लंबी साँस ली, फिर धीरे से कहा, "कभी कभी दिल अपनी राह खुद बनाता है। और दिल कहता है कि तुम्हारे पास रहूँ, तुम्हें समझूँ।"
राधिका चुप रही, लेकिन उसके दिल में कुछ था, जो उसे प्रिंस की बातों पर विश्वास करने को मजबूर कर रहा था। उसकी आँखों में एक नया सा आकर्षण था, और उसे यह एहसास होने लगा था कि वह भी कुछ महसूस करती है, जो पहले उसने कभी महसूस नहीं किया।
उस रात, जब वे दोनों अकेले थे, और चारों ओर सन्नाटा था, राधिका ने एक कदम और बढ़ाया। प्रिंस की आँखों में जो गहरे एहसास थे, वह अब उसके दिल में भी उभरने लगे थे। दोनों ने एक-दूसरे की आँखों में देखा, और फिर राधिका ने धीरे से अपना हाथ प्रिंस के हाथ में रखा।
"राधिका," प्रिंस ने धीरे से कहा, "क्या तुम भी वही महसूस करती हो, जो मैं कर रहा हूँ?"
राधिका की साँसें थम सी गईं। वह नहीं जानती थी कि क्या कहे, लेकिन उसकी आँखों से यह साफ था कि वह भी अब अपनी भावनाओं को अनदेखा नहीं कर सकती थी। उसने सिर झुका लिया, और फिर खुद को प्रिंस के करीब पाया। इस नजदीकी ने दोनों को और भी करीब ला दिया।
वह पल इतना खास था कि वक्त जैसे थम सा गया था। दोनों के बीच कोई शब्द नहीं था, सिर्फ उनकी आँखों का संवाद था, जो उनके दिलों के बीच की दूरी को खत्म कर रहा था। धीरे-धीरे, प्रिंस ने राधिका के चेहरे को छुआ, और राधिका ने उसकी आँखों में खुद को खो दिया।
फिर, जैसे ही प्रिंस ने राधिका के पास कदम बढ़ाया, राधिका ने उसे रोकते हुए कहा, "प्लीज, मुझे बदनाम मत करो समाज में, प्रिंस।" उसकी आवाज़ में थोड़ी घबराहट थी, और साथ ही कुछ डर भी था। वह नहीं चाहती थी कि उनका प्यार किसी गलत तरीके से समझा जाए।
प्रिंस ने उसकी बात सुनी, और उसे समझते हुए कहा, "राधिका, तुम समझ नहीं पा रही हो। मैं तुमसे सिर्फ प्यार करता हूँ, और मैं तुम्हें अपना बनाना चाहता हूँ। मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूँ।"
राधिका ने प्रिंस की बातों को गंभीरता से सुना, और उसकी आँखों में अब विश्वास था। वह जानती थी कि प्रिंस सच्चा था। उसकी आवाज़ में एक नई ताजगी थी, जैसे उसने खुद को खोल दिया हो।
प्रिंस ने धीरे से राधिका का हाथ पकड़ा और कहा, "तुम मेरे लिए सब कुछ हो, राधिका। मैं तुम्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना चाहता हूँ।"
राधिका ने एक लंबी साँस ली, फिर धीरे से कहा, "अगर तुम सच में यही चाहते हो, तो मैं तुम्हारे साथ हूँ।"
उस रात, प्रिंस और राधिका ने पूरी रात एक-दूसरे में खोने का फैसला किया। उनके दिलों की धड़कनें अब एक साथ गूंजने लगी थीं। हर एक पल, हर एक सांस, जैसे दोनों की जिंदगी का हिस्सा बन गया था। यह प्यार का अहसास था, जो अब दोनों के दिलों में एक स्थायी घर बना चुका था।
नई सुबह ने अपनी रोशनी फैलाई, और प्रिंस और राधिका की आँखों में एक नई दुनिया का सपना था। दोनों के दिलों में अब एक दूसरे के लिए कोई दूरी नहीं थी, और उनका प्यार अब और भी गहरा हो चुका था।
यह एक नई शुरुआत थी, जहां न सिर्फ उनका रिश्ता, बल्कि दोनों के दिलों की धड़कनें भी एक हो चुकी थीं।
लेकिन जब सुबह की रोशनी ने सब कुछ नया किया, तो एक चौंकाने वाला देख लिया। राधिका को अचानक कुछ ऐसा पता चला, जो उनके प्यार के रास्ते में एक बड़ी दीवार बन सकता था। क्या यह प्यार सचमुच अपना रास्ता बना पाएगा, या कुछ और इंतजार कर रहा है ? अगले भाग में जानिए...