Nafrat e Ishq - 32 in Hindi Love Stories by Sony books and stories PDF | नफ़रत-ए-इश्क - 32

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नफ़रत-ए-इश्क - 32

सुबह का वक्त रायचंद हाउस

सुबह की पहली किरण से ही तपस्या की नींद टूटती है और नींद टूटते ही उसने खुद को किसी के आगोश में महसूस किया उसने अपनी आंखें खोली तो उसका चेहरा किसी के सीने से लगी हुई थी उसने अपनी आंखें बंद कर ली और खुद से ही बोली

"इतना लंबा सपना भी मत देखो तपस्या की सपने में ही शादी हो जाए और बच्चे भी और उनके नामकरण भी।"

"अगर आधे किस्स में ही आप घोड़े बेचकर सो जाएंगे गर्लफ्रेंड , तो क्या बच्चे हवा में पैदा होंगे?"एक आलस से भरी हुई सर्द आवाज सुनकर तपस्या पूरी तरह से अपने सपनों की दुनिया से बाहर आती है और उठने की कोशिश करती है तो अपने कमर पर कुछ मजबूती से जकड़े हुए महसूस करती है।

"आप सचमुच हैं क्या?"तपस्या कसमसा कर अपनी कमर विराट के मजबूत हाथों से छुड़ाते हुए पूछने लगी।

विराट उसके बालों में अपना चेहरा छुपाए सोते हुए बोला"आपको जो सही लगे समझ लीजिए गर्लफ्रेंड, मैं सपना हूं या हकीकत क्या फर्क पड़ता है।" 

"आप मेरे बेडरूम में मेरे बेड पर मेरे इतने पास कैसे ?मैं इतनी गहरी नींद तो कभी नहीं सोई थी कि मुझे पता भी ना चले।"तपस्या यूं ही खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली।

विराट सुकून से भरी हुई गहरी सांस लेते हुए..."वो तो सुलाने वाले की टैलेंट पर डिपेंड करता है ना। "

"आप अंदर कैसे आए?"तपस्या सिर हल्का उठा कर विराट के चेहरे को देखते हुए पूछी।

विराट यूं ही आंखें बंद किए.... "आपने सजा सुनाई थी ना मेरी वजह से जो आपके आंसू बहे थे वो मुझे ही पोंछ ना था तो आता कैसे नहीं और बाकी रही आपके घर के एक-एक कोने का पता है मुझे उतना तो आपको भी पता नहीं होगा।"

तपस्या मुस्कुराते हुए...."Ohh तो द ग्रेट विराट अग्निहोत्री रात को चोरी छुपे अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आए हैं?"

विराट पलटकर अपने हाथों से सिर को टिका कर तपस्या के चेहरे को देखते हुए..."आप जब जैसे जिस हालत में याद करेंगे मुझे आना ही पड़ेगा प्रिंसेस। कुछ मोहब्बत है कुछ वादा और कुछ मजबूरी।"

तपस्या उसी की ही तरह उसके चेहरे को देखकर..."मजबूरी क्यों?"

विराट हल्का मुस्कुराते हुए..."सारी बातें आज ही करनी है कुछ बाद के लिए भी रख लीजिए अब तो जिंदगी भर का सफर है।"

तपस्या कुछ और बोल ही रही थी विराट उसे खींचकर अपने सीने से लगाते हुए...."कहा ना बात बाद में ।पूरी रात बस आपको देखकर ही गुजारी है आंखों की प्यास तो बुझ गई है लेकिन बोलकर विराट उसके कंधे पर बिखरे बालों को हटाकर  उस पर अपना होंठ रखकर बोला...."रूह की प्यास बुझाना अभी बाकी है।"बोलते हुए ही विराट उसके गर्दन को बेतहाशा चूमने लगा।

तपस्या अपनी आंखें बंद कर उसके एहसास में खोते हुए  बेहक ते सांसों के साथ..."परसों से शादी की रस्में सुरु होने वाली है, और हम हमारी शादी की सारी रस्में आपके साथ निभाना चाहते हैं ।पता है ना आपको?"

विराट अपने होंठ उसके गर्दन से कंधे तक फिसलाते हुए..."बस चंद रस्में नहीं आपको अपनी पूरी जिंदगी मेरे साथ निभानि है would be mrs तपस्या विराट अग्निहोत्री।"

ये सुनकर ही तपस्या के हाथ विराट के पीठ पर कश जाते हैं और एक हल्की मुस्कान लिए उखड़ी सांसों के साथ वो बोली...."आप सब संभाल लेंगे ना?"विराट एक झटके में उसे पलट कर उसके ऊपर झुक कर ...."आप मुझे संभाल लेंगी ना?"

तपस्या मासूमियत से भरी चेहरे के साथ...."आप बस दादू को संभाल लीजिए मैं तो आपको जिंदगी भर संभाल लूंगी और वो भी बड़े ही प्यार से।"

विराट अपनी उंगलियों से उसके चेहरे के बिखरे बालों को हटाकर उसके माथे को चूम कर...."देन प्रॉमिस मि कि अगर हमारी शादी आपके दादू की परमिशन के साथ और सब के राजामंदि से होती है तो आप जिंदगी भर मेरा साथ निभाएंगे चाहे में जो भी करूं।"

तपस्या उसके नीली आंखों में देखती है जिसमें इस वक्त बस वही समाई हुई थी और बहकी  आवाज में बोली...."पता नहीं कैसे और क्यों लेकिन अब आपके बिना ये जिंदगी सोचना भी मुमकिन नहीं है मिस्टर विराट अग्निहोत्री।"कहते हुए उसने अपने हाथों से विराट के चेहरे को भरा और उंगलियों से उसके चेहरे को महसूस करते हुए खुद उसके होठों के करीब बढ़ने लगी।

विराट उसके होठों के करीब बढ़ते हुए..."आई प्रॉमिस हर रस्म आप के साथ ही निभाऊंगा और मंडप में सबके सामने सबके रजामंदि से आपको मंगलसूत्र और सिंदूर पहनाकर अपनी दुल्हन बनाकर आपके दादू से दूर ले जाऊंगा और आपके दादू खुद आपका हाथ मेरे हाथ में देंगे।"कहते हुए विराट की आंखों में गुस्सा भी था दर्द भी और ढेर सारे प्यार भरे एहसास भी जो इस वक्त तपस्या के समझ से बाहर थी और सायद इसबक्त वो समझ ना भी नहीं चाहती थी।

विराट ने कहा और तपस्या के होठों पर अपने होंठ रख पैशन और ईंटेंसे के साथ चूमने लगा ।तपस्या ने अपनी आंखें बंद कर ली और बस विराट को महसूस करने लगी ।विराट के जहन में बस तपस्या के बचपन की वो मासूमियत वो प्यारी बातें वो खिलखिलाती हंसी उसके साथ बीते खुशियों भरे पल ही थे । दर्द बदला कड़वाहट सारे  एहसास इस वक्त  उसके जहन से धुंधली होने लगी थीं। हर एहसास के साथ विराट की किस्स और दीप और पैशन से भरी हुई होती जा रही थी और तपस्या भी बहक रही थी । उसकी तेज सासों की आवाज पूरी कमरे में गूंज रही थी जो विराट को और भी बहका रही थी।

एक deep long kiss के बाद तपस्या की सांस उखड़ने लगी तो विराट उसके होठों को छोड़ गर्दन को बेतहाशा चूमने लगा। तपस्या बहक ते हुए दबे आवाज में......"विराट आई लव यू।"

विराट एक पल के लिए रुक गया और कुछ पल के लिए उसकी धड़कन भी। उसने तपस्या के गर्दन से चेहरा हटाकर उसके चेहरे को देखने लगा जिसमें बस उसके दिए एहसास ही नजर आ रहे थे। विराट ने उसे  देखा और इंटेंस वॉइस में बोला....."कम अगेन एंड ओपन योर आइज।"

तपस्या बंद आंखों और तेज उखड़ते सांसों के साथ धीरे से अपनी आंखें खोलती है और विराट की आंखों में देखते हुए हल्का मुस्कुराते हुए बोली...."आई लव यू बॉयफ्रेंड ,आई लव यू सो मच एंड फॉरएवर।"

विराट अपनी आंखें बंद कर लेता है और एक ही पल में तपस्या के होठों को अपने होठों में भर लेता है। जैसे इसके बाद उसे कुछ और सुनने की चाहा ही ना हो।

दूसरी तरफ जानवी के फ्लैट में

जानवी फर्श पर बैठी सोफे पर सिर टिकाए गहरी नींद में थी या फिर यूं कहीं की रात भर शराब पीने की वजह से बेहोशी के हालत में थी।पूरा hall तहस नहस हो चुका था ।सारे सामान बिखरे पड़े थे। और खुद जानवी भी। वो हल्का होश में आती है और बडबडाते हुए विराट का नाम पुकारती है और दूसरे ही पल उठकर खड़ी होकर चीख ते हुए......"विराट यू आर माइन तुझे मुझसे कोई अलग नहीं कर सकता है और जो ऐसा करने की सोचेगा भी उसका वजूद में इस दुनिया से मिटा दूंगी।"बोलते बोलते ही वो  हाल के कोने में बने सेल्फ के पास जाती है और रैक से एक वाइन का बोतल निकाल कर मुंह में लगा लेती है।लगभग आधा बोतल खत्म करने के बाद लड़खड़ाती आवाज और कदम से चलते हुए सुन में ही देखते हुए हंसने लगी।।

"तू पागलपन है मेरा ,और सनक भी तेरी ये जिंदगी मेरी दी हुई है ।उस तपस्या का वीर तो 12 साल पहले ही खत्म हो चुका है अब जो है वो विराट है मेरा विराट ।"बोलकर वो थोड़ा रुकी और फिर अचानक से खुद को संभालते हुए शांत करने लगी और बोली"नहीं जानवी खुद को संभाल ।विराट को पाने के लिए तुझे दिल नहीं दिमाग से सोचना पड़ेगा । खुद को अपने काबू में रखना है तुझे ।कुछ ऐसा वापस से मत करना कि विराट फिर से तुझसे नाराज हो जाए।"कहते हुए वो अपना फोन ढूंढने लगी।

रायचंद हाउस

चित्रा जी और सरगम घर के मंदिर से पूजा खत्म करते हुए आरती की थाली लिए बाहर आती है और hall में चारों ओर इतना सन्नाटा देख चित्रा जी मायूसी के साथ बोली....."वैसे तो इस घर में हमेशा से बस सन्नाटा ही था लेकिन आज पता नहीं क्यों ये सन्नाटा कुछ गलत होने का अंदेशा दे रहा है।"

सरगम चित्रा जी के हाथों से आरती की थाली लेकर साइड टेबल में रखकर उन्हें सोफे पर बिठाते हुए......"होने दीजिए दीदी अगर गलत हो भी रहा है तो होने दीजिए रोज-रोज यू बिखरने के  डर लिए बैठने से अच्छा है एक ही बार में सब कुछ बिखर जाए । हो सकता है  पूरी तरह से टूटने के बाद ही वापस से जुड़ सके।"

चित्रा जी कुछ पल रुकी और बोली...."तू जाकर किचन की तयारी देख मैं एक गिलास जूस दे अति हूं तपस्या को कल से कुछ नही खाएं हैं वो। शादी है 6 दिन बाद अगर तबीयत खराब हो गई तो?"

"जी दीदी।"बोलकर सरगम उठकर किचन के और चली गई। और चित्रा जी डाइनिंग टेबल से एक गिलास जूस  भरकर तपस्या के कमरे की ओर चली गई जहां पर विराट और तपस्या एक दूसरे में ही खोए हुए थे।     

  To be continued ❤️ 

Kya होगा जब चित्रा जी तपस्या के कमरे में पहंचेगी? जानने केलिए आगे पढ़ते रहें।Please please please अपने लाईक और comment शेयर करना ना भूलें।🙏🙏🙏🙏