दर्द भरी प्रेम कहानी – जासोनपुर की अधूरी मोहब्बत
जासोनपुर का मासूम प्यार
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बिहार के छोटे से गाँव जासोनपुर में प्रेम और संवेदनाओं की एक अनूठी कहानी जन्म ले रही थी। गाँव की हरियाली, खेतों की हलचल, और मिट्टी की सौंधी महक में एक प्रेम कहानी पल रही थी, जिसकी गूंज सालों तक लोगों के दिलों में बनी रहने वाली थी। पर वक्त के साथ यह प्रेम कहानी सिर्फ लोगों के जुबां पर ही सिमट कर रह जाएगी यह सिर्फ वक्त को ही पता था।
इंसानों को तो बस दो लोगों को अलग करने कैसे करना है यही आता है। ऐसा ही कुछ जसोनपुर में भी हुआ दो प्रेमी के बीच पैसा और रुतबा दीवार बन गया।
रवि गाँव का एक सीधा-सादा और मेहनती युवक था, जो अपने पिता के साथ खेती-किसानी करता था। उसकी माँ का बचपन में ही देहांत हो गया था, इसलिए उसका पिता ही उसके लिए सब कुछ थे। वहीं दूसरी ओर, गाँव के सबसे संपन्न परिवार की बेटी पूनम थी, जो खूबसूरती और सादगी की मिसाल थी। पढ़ाई में तेज़ और स्वभाव से नटखट पूनम ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह किसी किसान के बेटे से प्रेम करने लगेगी। जहां उस गांव में उसके पिता की चलती थी वहीं उसकी बेटी एक किसान के बेटे से प्यार करने की गलती करेगी , इस बात से पूनम के पिता भी अंजान थे ।
प्रेम का अंकुरण
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रवि और पूनम की पहली मुलाकात गाँव के कुएँ पर हुई, जहाँ पूनम पानी भरने आई थी अपनी कुछ सखियों के साथ और रवि अपने बैल को पानी पिला रहा था। रवि ने जैसे ही उसकी आँखों में झाँका, उसे एक अजीब सा एहसास हुआ—जैसे कोई पुराना रिश्ता हो। धीरे-धीरे दोनों की मुलाकातें बढ़ने लगीं। कभी खेतों की पगडंडियों पर, कभी पीपल के नीचे, तो कभी गाँव के मेले में।
रवि की सादगी और ईमानदारी पूनम के दिल को भा गई थी। वहीं, पूनम की खिलखिलाहट और मासूमियत रवि को अपनी ओर खींच रही थी। दोनों को एहसास हो चुका था कि यह सिर्फ एक आकर्षण नहीं है एक दूसरे के लिए, बल्कि सच्चा प्रेम है हम दोनों के बीच ।
: समाज की बंदिशें
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लेकिन जासोनपुर की रूढ़िवादी सोच के लिए यह प्रेम किसी तूफान से कम नहीं था। पूनम का परिवार बहुत संपन्न था और रवि को उनकी बेटी के लिए उपयुक्त नहीं समझा जाता था। जब गाँव वाले और पूनम के पिता को इस प्रेम कहानी की भनक लगी, तो मानो भूचाल आ गया हो। लगभग सभी के जुबां पर यही बात था यह प्रेम सफल नहीं होगा पूनम कहां एक जमींदार की बेटी है जो पढ़ी लिखी है और रवि कहां एक किसान का बेटा है जो ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है। दोनों का कोई मेल नहीं है।
दोनों को एक दूसरे से दूर करना ही सही होगा।
दूसरी तरफ पूनम के पिता बहुत क्रूर थे अपनी बेटी का प्रेम एक किसान के बेटे से करना पसंद नहीं आया ।
पूनम के पिता ने उसे डांट-फटकार कर घर में बंद कर दिया और उसकी शादी किसी बड़े जमींदार के बेटे से करने का फैसला कर लिया। रवि को धमकाया गया कि वह पूनम से दूर रहे, वरना उसे गाँव से निकाल दिया जाएगा। रवि ने कई बार पूनम से मिलने की कोशिश की, लेकिन हर बार कोई न कोई दीवार बन जाता था और हर बार रवि की कोशिश पूनम से मिलने की असफल हो जाती थी।
दर्द की इंतहा
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शादी के दिन पूनम की आँखों में आँसू थे। उसने सोचा था कि शायद कोई चमत्कार होगा और रवि उसे लेने आ जाएगा। लेकिन रवि, जो अपनी गरीबी और लाचारी से हार चुका था, कुछ कर नहीं पाया। पूनम की शादी हो गई, और रवि अकेला रह गया। पूनम के शादी के दिन रवि के घर के आस पास निगरानी के लिए कुछ लोगों को तैनात किया गया। रवि चाह कर भी गरीबी के आगे अपने प्रेम को हार गया । रवि के अंदर मानों कई हड्डियां टूट गई हो वो अपने पैरों पर ठीक से खड़ा नहीं हो पा रहा था।
उसके पिता उसे संभालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन रवि के आंखों से लगातार आंसू टपक रहे थे।
पूनम की विदाई के बाद रवि ने गाँव छोड़ने का फैसला किया। उसने अपनी धरती, अपना घर, और अपनी पहचान सबकुछ पीछे छोड़ दिया और शहर चला गया। वहाँ उसने मजदूरी शुरू कर दी, लेकिन उसका दिल हर समय पूनम की यादों में डूबा रहता था। आखिर रवि ने पूनम से सच्चा प्रेम किया था हालांकि समाज और पूनम के पिता के आगे उसका प्रेम हार गया था लेकिन दिल से यादें कैसे मिटा दे।
आखिरी मुलाकात
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सालों बाद, जब रवि अपने गाँव वापस लौटा, तो उसे पता चला कि पूनम अब इस दुनिया में नहीं थी। शादी के कुछ सालों बाद ही उसका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा था, और एक दिन उसने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। रवि को यह जानकर गहरा आघात लगा। वह पूनम की कब्र पर गया और फूट-फूट कर रो पड़ा।
उसने मिट्टी उठाकर कहा, "अगर यही हमारी तक़दीर थी, तो फिर हमें मिलाने की चाहत क्यों किया था ऊपर वाले ने , हमें भी तो ले जाता तुम्हारे साथ?"
***** कुछ देर से सही हुई मुलाकात क्यों थी
**** ए खुदा मेरी तकदीर मुझसे खफा क्यों थी
**** मासूम था नसीब मेरा पलके नम क्यों थी
***** जरूरत मुझे तेरी थी पर तुझे पसंद कब्र क्यों थी ??*****
उस दिन के बाद रवि फिर कभी गाँव में नहीं रुका। रवि एक साधु बन गया और पूरी जिंदगी भटकता रहा, लेकिन उसकी आँखों में हमेशा वही सवाल था – क्या सच्चा प्यार सिर्फ दर्द ही देता है?
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