दोस्ती में जान - 1 in Hindi Drama by neha books and stories PDF | दोस्ती में जान - 1

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दोस्ती में जान - 1

माही: क्या कर रही है दिशा कितनी देर हो गई है अब चल ना 

दिशा: हां आई बस दो मिनट

माही: तेरी वजह से मैं रोज लेट होती हु

दिशा: सॉरी ना अब चलते ह चल

[घर के भर का सीन]

माही: दिशा आज स्कूटी में चलाऊं गी

दिशा: नहीं नहीं, मुझे इतनी छोटी उम्र में नहीं मरना।

माही: मैं स्कूटी ध्यान  से चलाऊंगी सच में। Please na🥺

Disha: तुझे पता है ना मैं तुम्हें ऐसा नहीं दे सकती तो ऐसा क्यों करती है तू

माही:[मन में] इसलिए तो करती हूं

दिशा: अब चल तो यही खड़ा रहनाहै क्या

माही: हा चल

[रास्ते के बीच का सीन एक बच्चा अचानक से उनकी स्कूटी के आगे आ जाता हैं और उनकी स्कूटी जाकर एक महंगी कर से टकराजती है]

दिशा: माही क्या तुम ठीक हो तु में कुछ हुआ तो नहीं

दिशा: हां मैं तो ठीक हूं क्या वह बच्चा ठीक

माही: बच्चों से पूछता है कि हम कही लगी तो नहीं

बच्चा: नहीं दीदी मैं एकदम

दिशा: (बच्चों की मां से) फोन चलाना ज्यादा इंपॉर्यांट है या अपने बच्चे का ध्यान रखना । अगर माहीऔर इस बच्चे को कुछ हो जाता तो मैं तुम जान से मार डालती

(जब दिशा यह सब कुछ लड़की (मां)को कह रही तब माही उस बच्चे के पास खड़ी थी उसने यह सब बातें नहीं सुनी)

बच्चों की मां:मैं तो लोकेशन देख रही थी मुझे नहीं पता कि कब मेरा हाथ छुड़ाकर सड़क पर आ गया

दिशा: लेकिन

(तभी माही आकर दिशा को रोकते हैं और कहती है)

माही: तुम्हें ध्यान रखना चाहिए उसे लड़की(मां)से कहती है

(अभी पीछे से एक आवाज आतीहै)

अनजान व्यक्ति :तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी कर में अपनी स्कूटी को ठोकने की।

माही: डरते हुए कि वो में वो में

दिशा: सर हमने जान बूझकर नहीं किया यह बच्चा अचानक हमारी स्कूटी के आगे आ गया जिस कारण हमारी स्कूटी आपकी कर से जाकर टकरा गई 

अनजान आदमी: (गुस्से में) मुझे नहीं पता मेरी इतनी महंगी गाड़ी का खर्चा कौन देगा।

दिशा: सर हमारी गलती नहीं थी इसमें मै। (वही माही के आंखो से धीरे धीरे आंसू निकल रहे थे)

(वह अनजान आदमी अब दिशाक साथ बाद बदतमीजी करने लगा)

अनजान आदमी: तो मैं क्या करूं मेरी कार पर तो सकेचहे  आया है ना हुई

माही: सर इसमें मेरी गलती है दिशा  की इसमें कोई गलती नहींहै

दिशा: मैं में इसी बातकर रही थी ना

माही: (डरते हु) इसमें मेरी ही गलती है मुझे स्कूटी चलानी ही नहीं चाहिए थी

अनजान आदमी: तो चलाई क्यों तुम्हारी वजह से मेरा इतना नुकसान हो गया इसकी भरपाई कौन करेगा।

(और साथ मे बदतमीजीसे माही को दखा दिया)

(माही इतनी देर से बर्दाश्त कर रही थी लेकिन अब उसकी बर्दाश्त की लिमिट खत्म हो चुकी थी)

माही ने उस आदमी को इतना जोर से मुक्का लगाया कि वह सड़क पर गिर गया सड़क)

(दूर एक गाड़ी में बैठा इंसान सबको देखकर हंस रहा था)

(उस दूर खड़े गाड़ी में बैठे आदमी ने अपने ड्राइवर को भेजो और इस मामले को सेटल करनेक कहा)

(मामला अब सेटल हो चुका था)

ड्राइवर: यह हमारा कार्ड आज शाम आप हमारे घर पर खाना खाने  आना यह हमारा बॉस का आर्डर  है

दिशा: हम क्यों आए और हमारी हेल्प करने केलिए धन्यवाद।

(ओके दोस्तों और बाकीकी स्टोकल हम कल पढ़ेंगे)