adhuri rahen in Hindi Motivational Stories by simran bhargav books and stories PDF | अधूरी राहें

Featured Books
Categories
Share

अधूरी राहें

उसका नाम अर्जुन था ।नाम तो ऐसा था, जैसे किसी योद्धा का हो पर उसकी जिंदगी का हर दिन एक हार की कहानी लिखता  था ।  सुबह सूरज की पहली किरण के साथ उठकर वह ईट- भट्टे पर काम करने जाता है। उसकी उम्र केवल 18 साल थी, लेकिन चेहरा ऐसा लगता, जैसे उसने जिंदगी के सारे दुख झेल लिए हो ।


अर्जुन का सपना था एक बड़ा आदमी बनने का । लेकिन सपना और हकीकत के भी एक खाई थी — गरीबी । उसके पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे , लेकिन उनकी तबीयत खराब  रहती थी । माँ दिन रात सिलाई करती, ताकि घर चल सके । अर्जुन को पढ़ाई का बहुत शौक था,  लेकिन स्कूल छोड़कर उसे भी परिवार का सहारा बनना पड़ा ।

##दिन में मेहनत, रात में सपने##

दिनभर इंट ढोते हुए उसका शरीर टूट जाता,  लेकिन हर रात वह सपने में एक उजली दुनिया देखता।  वह देखता  कि वह एक बड़े मंच पर खड़ा है , हजारों लोग उसकी कहानी सुन रहे हैं । लेकिन जब आंख खुलती तो,  सामने फटी दीवारें, छत से टपकती पानी की बूंदे और भूखे परिवार के चेहरे होते ।

##*दुखों का पहाड़ ##

अर्जुन का दिल बार-बार यह सवाल करता क्या मेरी मेहनत" कभी रंग लाएगी?" लेकिन हालात उसे जवाब देते," शायद नहीं "।उसका दिल चीरने वाली बात यह थी कि वह अकेला था।  कोई उसकी बात नहीं समझता।   उसकी मां कहती,  जितनी मेहनत कर सकते हो, करो ।लेकिन सपनों के पीछे मत भागो । सपना गरीबों के लिए नहीं होते ।"

##"सपनों का डर ##"

अर्जुन हर रात एक सपना देखता । उसमें एक बड़ा समुन्द्र   होता । समुद्र के किनारे खड़ा होता , वह । और पानी में हाथ डालते ही उसे ऐसा महसूस होता , जैसे समुद्र की गहराइयों में कोई खींच रहा हो । वह चीखता —चिल्लाता, लेकिन उसकी आवाज किसी तक नहीं पहुंचती । वह सपना उसे रात भर रुला देता ।

##*वहां जहां कोई  सुनता नहीं *###

अर्जुन की सबसे बड़ी तकलीफ यह थी कि उसकी मेहनत कभी फल नहीं देती । फैक्ट्री में जितना काम करता, उतने पैसे भी नहीं मिलते ।  एक दिन अपने उसने अपने मालिक से पूछा , साहब क्या मुझे कभी अच्छा पैसा मिलेगा ?  मालिक ने हंसकर कहा,  तेरी औकात इतनी है , अर्जुन । इसे मान ले और चुपचाप काम कर ।"

###*आखिरी रात *###

एक रात ,अर्जुन ने सोच लिया कि अब वह कुछ खत्म कर देगा । उसने खुद से कहा," यह दुनिया मेरे लिए नहीं बनी  ।  मैं जितनी मेहनत करूं , उतनी ही ज्यादा या मुझे रुलाएगी । लेकिन जब वह छत से कूदने  ही वाला था , तभी उसकी छोटी बहन उसके पास आई ।उसने अर्जुन के पैर पकड़ लिया और कहा ,"भैया मत जा! हम तुम्हारे बिना जी नहीं पाएंगे ।"

अर्जुन ने उसे देखा और उसके आंसू बोलते हुए कहा," मैं जिंदा हूं , सिर्फ तुम्हारे लिए ।" उस  दिन अर्जुन ने एक फैसला किया । उसने सोचा , " चाहे दुनिया मेरे सपनों को कुचल दे , मैं तब तक लडूंगा  ,जब तक सांस चल रही है । शायद मेरी कहानी अधूरी रहे , लेकिन मेरी कोशिश पूरी होगी । "


###*अधूरी राहें  ,लेकिनअडिग कदम *####

अर्जुन की जिंदगी खत्म नहीं हुई । वह हर दिन अपनी मजबूरी से लड़ता रहा  ।उसकी कहानी शायद दुनिया के लिए सिर्फ एक और संघर्ष की कहानी थी ,लेकिन जिसने उसे जिया , वह जानता था कि हर आंसू में एक दुनिया छपी थी ।


यह कहानी हमें सिखाती है कि,  हर इंसान की जिंदगी में एक दर्द छुपा होता है और वह दर्द ही हमें इंसान बनाता है। अर्जुन का सपना अधूरा रह गया , लेकिन उसकी कोसी ने उसे अमर बना गई ।


—— SimranBhargav